नोएडा के स्टेप बाई स्टेप स्कूल ने मान लिया है कि फूड प्वाइजनिंग की वजह से उनके स्कूल के 190 स्टूडेंट्स बीमार हुए हुए थे। फूड प्वाइजनिंग की वजह से छात्रों के बीमार होने के मामले में सीएमओ द्वारा बनाई गई दो मेंबर की कमेटी को स्टेप बाई स्टेप स्कूल मैनेजमेंट ने कुल 190 स्टूडेंट्स के बीमार होने की जानकारी दी है और इसके साथ ही अन्य फैक्ट्स भी दिए हैं।
पहले स्कूल मैनेजमेंट केवल 20 से 25 स्टूडेंट्स के फूड प्वाइजनिंग होने की बात मान रहा था। इस मामले में बनी कमेटी ने स्टूडेंट्स और पैरेंट्स से भी संपर्क कर तमाम फैक्ट्स इकट्ठा कर लिए हैं। इसके अलावा सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव इस स्कूल में आगे की जांच के लिए जाएंगे।
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स्कूल मैनेजमेंट ने किया था गुमराह
फूड प्वाइजनिंग की घटना के बाद पहले तो स्टेप बाई स्टेप स्कूल ने डीआइओएस को ही गुमराह कर दिया था। जब उन्होंने घटना की जानकारी लेने के लिए स्कूल में फोन किया तो उन्हें बताया गया कि फूड प्वाइजनिंग नहीं बल्कि गिरने की वजह से 1-2 बच्चों को चोट लगी है।
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बाद में जब मामला बढ़ता दिखा तो मैनेजमेंट ने 20-25 बच्चों के फूड प्वाइजनिंग की वजह से बीमार होने की बात स्वीकार कर ली थी। दूसरी तरफ मामले कि जांच के लिए स्कूल पहुंचे अधिकारियों को प्रवेश नहीं दिया गया था। इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया और जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई। जिसका असर दिख रहा है। अब खुद स्टेप बाई स्टेप स्कूल ने 190 बच्चों के बीमार होने की बात स्वीकारी है और लिखित में जांच में सहयोग का वादा किया है।
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क्या है फूड प्वाइजनिंग की वजह?
फूड प्वाइजनिंग की वजह अभी साफ नहीं है लेकिन पैरेंट्स इसके लिए पानी को भी जिम्मेदार मान रहे हैं। पैरेंट्स की शिकायत के बाद स्कूल में पीने के पानी के डिस्पेंसर बदल दिए गए हैं। साथ ही पानी टंकी की सफाई भी करवा दी गई है। हालांकि ज्यादातर स्टूडेंट्स घर से ही पानी और खाना लाते हैं।
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साथ ही ऐसा भी कहा जा रहा है कि स्टेप बाई स्टेप स्कूल में स्टूडेंट्स की तबियत खाना खाने या फिर गंदे पानी की वजह से नहीं बल्कि लस्सी पीने से बिगड़ी थी। बच्चों को सुबह 7:30 बजे नाश्ते में लस्सी दी गई थी। 7:45 बजे स्कूल मैनेजमेंट की ओर से मैक्स अस्पताल के कॉल सेंटर पर बच्चों की तबियत खराब होने की सूचना दी गई थी। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनुराग भार्गव के स्कूल पहुंचने पर ये बातें सामने आई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिस दूध का दही जमाया गया था वह एक दिन पुराना था। हालांकि जांच करने गई टीम को ना तो दूध मिला और ना ही लस्सी मिली है।
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