शादियों का सीजन शुरू हो चुका है। शादी दूल्हा और दुल्हन के जीवन का खास दिन होता है। सिर्फ दुल्हा-दुल्हन ही नहीं बल्कि अन्य लोगों को लिए भी यह एक स्पेशल दिन होता है क्योंकि इस दिन सब अपनी फेवरेट इंडियन ड्रेस पहनकर खुद को सबसे अलग दिखाने की कोशिश में रहते हैं। इस दिन न केवल हम अपने आउटफिट के साथ एक्सपेरिमेंट करने की कोशिश करते हैं बल्कि अपने फेवरेट बॉलीवुड सेलेब्स से भी इंस्पिरेशन लेने की कोशिश करते हैं।
लेकिन जब शादी की बात आती है, तो शादी सजावट, आउटफिट, ग्लैमर से कुछ ज्यादा ही है। शादी में बहुत सारी ऐसी रस्में भी होती है जो हर किसी को पसंद होती है। अगर आपको समझ में नहीं आ रहा है कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं तो हम आपको बता दें कि हम शादी से पहले की कुछ रस्मों के बारे में बात कर रहे है, जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। ये रस्में शादी में अहम भूमिका निभाती है और हर रस्म का अपना महत्व होता है। तो देर किस बात की आइए आप भी हमारे साथ इन रस्मों के बारे में जानें।
हिंदू में शादी से पहले की कुछ रस्में: भले ही भारत में शादी कई तरीकों से होती हो, लेकिन कुछ भारतीय विवाह परंपराएं और रीति-रिवाज ऐसे हैं जो सभी के लिए नॉर्मल हैं।
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यह किसी भी शादी का सबसे जरूरी कदम है। शादी से कुछ दिन पहले, दुल्हन के पिता या उसका भाई बंधन स्वीकार करके दूल्हे के माथे पर तिलक लगाते हैं। इस तिलक के बाद, शादी की अन्य तैयारियां आधिकारिक रूप से शुरू हो जाती हैं।
गणेश पूजा के बिना कोई भी हिंदू विवाह पूरा नहीं होता है। शादी के दिन से कुछ दिन पहले, दूल्हा और दुल्हन, परिवार के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं और इस बात की प्रार्थना करते हैं कि शादी की रस्में बिना किसी अपशगुन के हो। इसके अलावा परिवार वाले जल्द ही शादीशुदा जोड़े की नई और अच्छी शुरुआत के लिए भी प्रार्थना करते हैं।
इस फंक्शन को लेकर सभी बहुत ज्यादा उत्साहित रहते हैं, क्योंकि इसमें सभी को डांस करने का मौका मिलता है। जी हां संगीत के फंक्शन में सभी अपने मनपसंद धुनों पर डांस करते हैं। शादी से पहले की यह रस्म शादी से एक या दो दिन पहले होती है। इस रस्म ने काफी लोकप्रियता हासिल की है, जो लोग ग्रेड मैरिज नहीं करते हैं, फिर भी इस फंक्शन को बहुत अच्छी तरह से मैनेज करते हैं।
हिंदू फंक्शन में एक और काफी फेमस फंक्शन है, जिसे मेहंदी सेरेमनी के नाम से जानते हैं। इसमें मेहंदी कलाकार दुल्हन के हाथों पर सुंदर मेहंदी डिजाइन बनाता है, और उसके सभी दोस्त और परिवार के सदस्य सेलिब्रेशन के लिए इकट्ठा होते हैं। माना जाता है कि मेहंदी जितनी गहरी होती है, भविष्य में वैवाहिक जीवन उतना ही अच्छा होता है। एक और मान्यता यह है कि शादी के दौरान कई तरह का तनाव होता है, उस दौरान मेहंदी लगाने से मानसिक शांति मिलती है।
यह फंक्शन हिंदू शादियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिसकी जड़ें प्राचीन शास्त्रों में हैं। इस शुभ दिन पर दूल्हा और दुल्हन द्वारा यह घोषणा की जाती है कि उनकी शादी सुरक्षित है।
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दूल्हा-दुल्हन की शादी की शुरुआत हल्दी के फंक्शन से होती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि हल्दी और उबटन लगाने से त्वचा में निखार आता है, इसलिए इस रस्म को निभाया जाता हैं। लेकिन इसके पीछे मान्यता है कि शादी में कई मेहमान आते हैं। वर-वधु को इंफेक्शन से बचाने के लिए हल्दी और उबटन लगाया जाता है। इसका कारण यह है कि हल्दी एंटी-बायोटिक का काम करती है!
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