हिंदू धर्म में बहुत सारी मान्यताएं और अंधविश्वास हैं। इन्हीं में से एक है 'छींक आने को अशुभ' माना जाना। आमतौर पर देखा जाए तो छींक तो सभी को आती है, क्योंकि यह एक तरह से वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है। मगर 'छींक के आने' से जुड़ी कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं। अमूमन लोग छींक के आने को अशुभ मानते हैं, खासतौर पर अगर आप कोई शुभ काम कर रहे हैं और उसी दौरान किसी को छींक आ जाए।
ऐसा भी कहा जाता है कि किसी स्थान के लिए प्रस्थान करने से पूर्व यदि छींक आ जाए, तो कुछ वक्त रुक कर और पानी पीकर ही आगे की ओर कदम बढ़ाएं। मगर क्या वाकई धार्मिक दृष्टि से छींक आने का व्यक्ति के जीवन पर कोई अच्छा या बुरा प्रभाव पड़ता है। यह बात जानने के लिए हमने भोपाल निवासी ज्योतिषार्चा एवं पंडित विनोद सोनी जी से बात की। वह कहते हैं, 'धार्मिक दृष्टि से छींक आने के शुभ और अशुभ दोनों परिणाम हो सकते हैं। हर बार छींक का आना बुरा संकेत नहीं होता है कभी-कभी इसे अच्छा संकेत भी माना जाता है।'
इतना ही नहीं, पंडित जी ने हमें यह भी बताया है कि कब, किस दिशा और स्थान पर छींक का आना शुभ होता है और कब अशुभ होता है।
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केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवरों की छींक के भी अच्छे बुरे परिणाम होते हैं। हम आपको बताते हैं कि किस जानवरी की छींक आपको शुभ फल दे सकती है-
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