शनिदोष से छुटकारा पाने के लिए करें इस पवित्र नदी में स्नान, जानें महत्व

हिंदू धर्म में तिथि का विशेष महत्व है। जिसमें व्यक्ति ग्रहदोष से छुटकारा पाने के लिए पवित्र नदी में स्नान भी करता है। 

Significance of Taking bath in tapti river for shani dosh

(Significance of taking bath in tapti river for shani dosh) ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों में न्याय के देवता शनिदवे का विशेष स्थान बताया गया है। क्योंकि यह व्यक्ति को उनके कर्मों के हिसाब से उनका फल देते हैं। अगर ये किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अशुभ स्थान पर विराजमान हैं, तो उसे कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें तरह-तरह की बातें भी सुनने को मिलती है। वहीं यह शुभ प्रभाव भी व्यक्ति को देते हैं।

अब ऐसे में अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है, तो इससे छुटकारा पाने के लिए तापती नदी में स्नान करने के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि इस नदी में स्नान करने से व्यक्ति को शुभ प्रभाव मिलने लग जाते हैं।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि तापती नदी में स्नान करने का क्या महत्व है।

5 अमावस्या पर करें ताप्ती नदी में स्नान ( Take bath in Tapti river on 5 Amavasya)

nadi mein snan

अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनिदोष है, तो इससे व्यक्ति को अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लग जाती है। इसलिए किसी भी अमावस्या के दिन ताप्ती नदी में स्नान जरूर करें। ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को शनिदोष से छुटकारा मिल सकता है और सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही व्यक्ति के तरक्की के सभी द्वार खुल जाते हैं। इसलिए इस पवित्र नदी में पांच शनिवार या पांच अमावस्या पर स्नान अवश्य करें और दर्शन पूजन करें।

कौन हैं मां ताप्ती? (Who is Maa Tapti)

tapi river origin

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ताप्ती सूर्यदेव की पुत्री और शनिदेव (शनिदेव मंत्र) की बहन हैं। यही कारण है कि जिस भी जातक की कुंडली में शनिदोष है, उसे इस नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। इससे व्यक्ति को शनि की महादशा से छुटकारा मिल सकता है। मां ताप्ती सभी ताप और कष्ट हर लेती हैं। ऐसा भा कहा जाता है कि ताप्ती नदी में स्नान करने के बाद गीले वस्त्र में ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए।

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स्नान के बाद ऐसे करें पूजा (lord Shanidev Puja After Bath)

ताप्ती नदी में स्नान करने के बाद उसी गीले वस्त्र में शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु (भगवान विष्णु मंत्र) और भगवान शिव की पूजा भी विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति के ऊपर देवताओं का आशीर्वाद बना रहेगा।

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स्नान के दौरान करें इस मंत्र का जाप (Chant these mantras while bathing)

why chanting of  is good

ताप्ती नदी में स्नान करने के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें।

  • नमो मां ताप्ती आदिगंगे
  • ओम सूर्यपुत्री मां ताप्ती देवी नमः

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Image Credit- Freepik

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