ऐसा माना जाता है कि मंत्रोच्चारण से हमारे मन में काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वैसे भी भारतीय संस्कृति में मंत्रोच्चारण का बहुत महत्व है। इन मंत्रों के जाप को करने के कई फायदे हैं। इसी तरह एक संतान गोपाल मंत्र है, जिसका विशेष महत्व माना जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि ये मंत्र भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित हैं। वहीं अगर आप संतान की आस में हैं तो महिलाओं को इस मंत्र का जाप करने से फायदा पहुंच सकता है। एस्ट्रो एक्सपर्ट डॉ. शुभरा गुप्ता आहूजा बताती हैं कि इस मंत्र में बहुत शक्ति है। अगर आप मां बनने की इच्छा रखती हैं तो आपको 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इतना ही नहीं, इस मंत्र से संतान के जीवन में आने वाली हर समस्या का हल मिल सकता है।
संतान गोपाल मंत्र क्यों है खास?
संतान गोपाल मंत्र, भगवान कृष्ण को समर्पित है। यह मंत्र खास भी उन्हीं के कारण हुआ। मथुरा के महल की कालकोठरी में जन्मे भगवान कृष्ण की जन्म कथा सभी जानते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म के दौरान मां देवकी और पिता वासुदेव को काफी संघर्षों से गुजरना पड़ा था। इस कथा के अनुसार वासुदेव को नन्हे भगवान कृष्ण को नंद देव को सौंपना पड़ा ताकि वह श्रीकृष्ण के मामा कंस से उन्हें बचा सकें। इस तरह भगवान कृष्ण कंस से बचते हैं और बाद में उसे मार देते हैं। यह मंत्र भगवान कृष्ण का आशीर्वाद है उन मां-बाप और बच्चों के लिए तो संघर्षों का सामना करते हैं।
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क्या है संतान गोपाल मंत्र और उसका अर्थ?
संतान गोपाल मंत्र- ऊं क्लीं देवकी सूत गोविंदो वासुदेव जगतपते देहि मे, तनयं कृष्ण त्वामहम् शरणंगता: क्लीं ऊं।।
इसका अर्थ है- देव की पुत्र! गोविन्द! वासुदेव! जगन्नाथः श्री कृष्ण! मुझे पुत्र दीजिये। मैं आपकी शरण में आया हूं||11॥
संतान के संबंध में इस मंत्र का जाप करने से कई लाभ मिलते हैं। जो लोग संतान सुख की प्राप्ति के लिए संघर्ष कर रहे हैं, उनके जीवन में इस मंत्र के जरिए खुशहाली आ सकती है। संतान सुख की प्राप्ति में जो भी बाधाएं आ रही हैं, वे दूर हो सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि लंबे समय तक धार्मिक रूप से संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से कलाकारों को सुंदर और बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है।
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संतान गोपाल मंत्र का जाप कैसे करें?
संतान गोपाल मंत्र का जाप करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप सुबह नहाकर शुक्ल पक्ष, चंद्रावली, शुभ नक्षत्र में सुबह इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र को कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। अच्छा होगा यदि आप भगवान संतान की मूर्ति के सामने मुंह करके इस मंत्र का जाप करें। इसका पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए जप करते समय तुलसी माला का उपयोग भी शामिल करना चाहिए। अनुष्ठान के लिए जिन फूलों का उपयोग किया जाना चाहिए वे स्वेट पुष्प या पीट पुष्प होने चाहिए। वे आमतौर पर नीले या पीले रंग में होते हैं, जो भगवान कृष्ण को खूबसूरती से दर्शाता है।
यदि आप नियमित रूप से इसका जाप पूरी श्रद्धा से करते हैं तो आपको तमाम संघर्ष दूर होंगे और संतान की प्राप्ति भी हो सकती है। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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