Dahi Handi 2023: आखिर क्यों जन्माष्टमी पर फोड़ी जाती है दही हांडी, जानिए कैसे शुरू हुई थी यह परंपरा

Janmashtami 2023: श्री कृष्ण का जन्मोत्सव इस साल 7 सिंतबर को मनाया जाएगा। कई स्थाओं पर इस दिन दही हांडी का कार्यक्रम आयोजित होता है, लेकिन इसे मनाने के पीछे का कारण बहुत कम लोग ही जानते हैं। 

significance of dahi handi tradition in hindi

Dahi Handi 2023 Significance:भारत में जन्माष्टमी त्यौहार मुख्य त्यौहारों में से एक है। इस साल जन्माष्टमी 7 सिंतबर को मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के दिन दही हांडी का आयोजन होता है। यह भगवान श्री कृष्ण के बचपन के माखन चोरी के उस प्रसंग को दर्शाता है जब वे मक्खन और दही चुरा लेते थे। आइए जानते हैं आखिर दही हांडी उत्सव क्यों आयोजित किया जाता है और इसका महत्व क्या है।

दही हांडी फोड़ने की परंपरा लोग कैसे करते हैं?

significance and history of dahi handi tradition

कई जगहों पर कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी फोड़ने का कार्यक्रम होता है तो वहीं कुछ जगहों पर जन्माष्टमी के दिन दही हांडी का आयोजन होता है। इस त्यौहार पर मिट्टी के बर्तन को दही या मक्खन से भरकर ऊंचाई पर लटका दिया जाता है। पुरुषों और महिलाओं का एक समूह, मिट्टी के मटकों को तोड़ने के लिए एक ह्यूमन पिरामिड बनाता है।

यह एक खेल के रूप में किया जाता है और लोग दो या उससे अधिक टीम में बंट जाते हैं। कुछ लोग समूह को घेर लेते हैं और प्रतियोगियों को खुश करने के लिए संगीत बजाते हैं। ऐसा माना जाता है दही हांडी उत्सव में जो पिरामिड बनाकर मटकी तोड़ता है, उस पर भगवान श्री कृष्ण द्वारा उसे विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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दही हांडी फोड़ने की परंपरा कब शुरू हुई?

लोक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को बचपन में काफी शरारती माना जाता था। इसके कारण उनकी मां उनसे काफी परेशान रहती थी। श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ घर और पड़ोस के घरों से हांडी तोड़कर दूध, माखन और दही चुराकर खा जाते थे। इस वजह से आसपास की महिलाएं शिकायत लेकर आती थी।

श्रीकृष्ण के दोस्तों से मक्खन और दही छिपाने के लिए महिलाएं मक्खन और दही से भरे बर्तन को ऊंचाई पर लटका देती थी, लेकिन इसके बाद भी श्रीकृष्ण अपने दोस्तों के साथ मिलकर मक्खन की हांडी तोड़कर खा जाते थे। इस कारण से ही दही हांडी फोड़ने की परंपरा शुरू हुई थी।इसे भी पढ़ें:Shri Krishna: जब अपने भक्त का कटा सिर हाथ में लिए बैठे रहे थे श्री कृष्ण

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image credit- freepik

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