शारदीय नवरात्रि का आरंभ इस साल 26 सितंबर से हुआ है और इसकी हर एक तिथि बेहद ख़ास होती है। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के प्रत्येक दिनों में माता के विभिन्न स्वरूपों का पूजन होता है और माता से समृद्धि की कामना की जाती है। मान्यतानुसार नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित होता है और इस बार यह तिथि 28 सितंबर के दिन बढ़ेगी।
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा पूरे विधि विधान से करने से माता की कृपा सदैव बनी रहती है। मां चंद्रघंटा को राक्षसों का वध करने वाली कहा गया है। माता दुर्गा के इस स्वरुप की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और समृद्धि बनी रहती है।
आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करनी चाहिए और किन मंत्रों के जाप से माता प्रसन्न हो सकती हैं।
कैसा है मां चंद्रघंटा का स्वरुप
ऐसा माना जाता है कि माता अपने भक्तों के सभी दुःख दूर करने के लिए अपने हाथ में त्रिशूल, तलवार और गदा लिए हुए बैठी हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है। इस वजह से भक्त उन्हें मां चंद्रघंटा कहते है।
माता चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों को वीरता और निर्भयता का वरदान मिलता है। जो भक्त माता का पूजन श्रद्धा भाव से करता है उसे शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद मिलती है।
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मां चंद्रघंटा पूजा विधि
- मां चंद्रघंटा की आराधना नवरात्रि की तृतीया पर की जाती है। माता चंद्रघंटा की पूजा हमेशा विधि विधान से करनी चाहिए।
- मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान करके साफ़ वस्त्र पहन लें।
- जहां तक संभव हो माता की पूजा पीले वस्त्रों में ही करें, इस रंग को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
- उसके बाद आप दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इस पाठ को बहुत ज्यादा लाभकारी माना जाता है और इस पाठ को करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
- नवरात्रि के तीसरे दिन आप दुर्गा कवच का पाठ जरूर करें।
मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व
ज्योतिष के अनुसार ऐसी मान्यता है कि माता चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के सभी दुःख दूर हो जाते हैं और उन्हें वीरता प्राप्त होती है। यदि आप किसी शत्रु पर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको माता के इस स्वरुप की पूजा जरूर करनी चाहिए। देवी चंद्रघंटा की आराधना से व्यक्ति के समस्त अंगों और मस्तिष्क का विकास होता है। इसके साथ ही माता के पूजन से बुद्धि और ज्ञान में भी वृद्धि होती है।
मां चंद्रघंटा के लिए भोग
मां चंद्रघंटा को प्रसन्न करने के लिए आप भोग में दूध से बनी चीज़ो को अर्पित करें। ऐसा मानाजाता है कि दूध का भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं और समृद्धि का आशीष देती हैं। मां चंद्रघंटा का ये स्वरुप बहुत कल्याणकारी माना जाता है।
इस दिन हमे दूध से बनी चीजें भोग में चढ़ाने के साथ दान भी करनी चाहिए, इससे घर में सुख समृद्धि आती है। खीर का भोग लगाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
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मां चंद्रघंटा के मंत्र
पिण्डजप्रवरारूढ़ा ण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
यहां बताई विधि के अनुसार यदि आप माता के तृतीय स्वरुप का पूजन करेंगी तो उनकी विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होगी। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: wallpapercave.com
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