नौ दिनों के लिए अलग-अलग दुर्गा माता के स्वरूपों की पूजा नवरात्रि के त्योहार पर की जाती है। इन नौ दिनों पर कई लोग विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में से छठवें दिन कात्यायनी माता का दिन होता है। इस दिन कात्यायनी माता की पूजा विधि-विधान से की जाती है। इस बार यह तिथि 1 अक्टूबर को होगी।
हिन्दू ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार शारदीय नवरात्रि में कात्यायनी माता की पूजा करने से घर में सुख शांति आती है और माता की कृपा पूजा करने वाले पर माता की कृपा भी बनी रहती है।
आपको बता दें कि मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी माता का नाम यजुर्वेद में प्रथम बार उल्लेख हुआ था। ऐसा भी माना जाता है कि कात्यायनी माता देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए आदि शक्ति देवी के रूप में महर्षि कात्यायन के आश्रम में प्रकट हुई थीं। इसके बाद महर्षि कात्यायन ने देवी को अपनी कन्या माना था तभी इनका नाम कात्यायनी पड़ गया था।
कात्यायनी माता को असुरों और पापियों का हमेशा के लिए नाश करने वाली देवी कहा जाता है। आपको यह भी बता दें कि कात्यायनी माता ने ही दैत्य महिषासुर का वध किया था।
अगर बात करें माता के रूप की तो कात्यायनी माता की उनकी चार भुजाएं हैं और इनकी सवारी सिंह होती है। इनकी पूजा बहुत विधिपूर्वक की जाती है।
आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानते हैं कि कात्यायनी माता की पूजा किस विधि से करनी चाहिए और किन मंत्रों के जाप से माता भक्तों पर प्रसन्न हो सकती हैं।
कात्यायनी माता की पूजा विधि
आपको बता दें कि कात्यायनी माता की पूजा नवरात्रि के छठवें दिन पर की जाती है। इस दिन पूजा करने से कात्यायनी माता का विशेष फल भक्तों को प्राप्त होता है।
पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले आपको स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनने चाहिए।
इसके बाद आपको माता की पूजा के लिए जिस भी चौकी पर पूजा आरंभ करनी है उस पर लाल कपड़ा बिछाकर माता कात्यायनी की मूर्ति स्थापित करनी होती है।
फिर आपको माता कात्यायनी की मूर्ति पर रोली और सिंदूर का तिलक का तिलक लगाना होगा और मंत्रों का जाप करते हुए कात्यायनी माता को फूल अर्पित करना होता है।
इसके बाद आपको कात्यायनी माता को शहद का भोग लगाना होगा। फिर घी का दीपक जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना होगा।
पाठ पूर्ण करने के बाद आपको दुर्गा जी का चालीसा को पढ़ना होगा। इसके बाद आरती करनी होती है।
फिर आप ध्यान लगाकर माता से शांति और सुख की कामना करें।
इसके परिवार वालों को प्रसाद बांटना होता है।
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कात्यायनी माता के लिए भोग
आपको बता दें कि माता कात्यायनी के पूजन में शहद का भोग लगाना चाहिए। शहद का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शहद का भोग लगाने से सौंदर्य की प्राप्ति भी होती है।
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माता कात्यायनी की पूजा के लिए मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
इस लेख में बताई गई विधि के अनुसार अगर आप माता कात्यायनी की पूजा करेंगी तो माता का आशीर्वाद आपके परिवार पर बना रहेगा और घर में शांति बनी रहेगी।
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Image Credit: herzindagi/freepik
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