कहते हैं जब आपका दिल किसी के लिए धड़कने लगे तो इसका मतलब होता है कि आपको उस शख़्स से प्यार हो गया है। हालांकि किसी से प्यार होने के पीछे कई साइंटिफ़िक वजह होती हैं। ये एहसास हमारे दिल से नहीं आते हैं, जैसे कि बॉलीवुड गानों में बताया जाता है। यह सबकुछ हमारे दिमाग़ से जुड़ा होता है। हमारा शरीर उसी के अनुसार रिएक्ट करता है। विज्ञान के अनुसार किसी के प्यार में पड़ने के पीछे कई वजह होती हैं। जिसकी वजह से हमारे हार्मोन्स मज़बूत हो जाते हैं और किसी व्यक्ति के प्रति उसका झुकाव बढ़ जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे अन्य वजहों के बारे में...
क्या कहता है प्यार का विज्ञान
नेचर ने यह सुनिश्चित करने के लिए ख़्याल रखा है कि हम अपने हार्मोनल रिस्पांस को इस तरह मैनेज करते हुए कहीं विलुप्त ना जाएं। यह हमें एक प्रजाति के रूप में जीवित रहने की अनुमति देता है। प्यार में पड़ने के तीन स्टेज होती हैं, जिसमें लस्ट, अट्रैक्शन, और अटैचमेंट शामिल है। सभी तीन स्टेज अलग-अलग हार्मोनल रिस्पांस से जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं...
लस्ट (Lust)
यह हमारा एक लिम्बिक सिस्टम है। शुरुआत में यह यौन आकर्षण होता है जिसे हम उस व्यक्ति की ओर महसूस करते हैं, जिससे हम आकर्षण पाते हैं। एस्ट्रोजेन और टेस्टोस्टेरोन इस भावना के लिए ज़िम्मेदार मुख्य हार्मोन हैं। norepinephrine - Norepinephrine, या PEA, प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एम्फैटेमिन है जो आनंद के अनुभव को बढ़ाता है और भूख को कम करता है। यह आमतौर से इस चरण में जारी किया जाता और आकर्षण चरण में जारी रहता है।
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अट्रैक्शन
यहीं से फ़न शुरू होता है, यह स्टेज फ़र्स्ट बायोलॉजिकल रिस्पांस के बाद शुरू होती है और यह कई हार्मोनल रिस्पांस को ट्रिगर करती है। इसी कड़ी में रिवॉर्ड सिस्टम होता है जो प्रेम अनिवार्य रूप से हमारे दिमाग़ की रिवॉर्ड सिस्टम में एक फ़ीडबैक लूप को ट्रिगर करता है, जिससे हम और अधिक चाहते हैं। यह इस स्टेज के दौरान ज़्यादातर किक करता है। वहीं एड्रेनालाईन जो पहली भीड़ से आती है। किसी व्यक्ति के साथ प्यार में पड़ना वास्तव में आपके शरीर में स्ट्रेस रिस्पांस का कारण होगा। ऐसे में हो सकता है कि एड्रेनालाईन में यह संभावना है कि आपने इन लक्षणों का अनुभव किया हो। रेसिंग हार्टबीट, मुंह का सूखना, पसीना आना, यह सभी रिएक्शन एंड्रानालाईन को ट्रिगर करता है। वहीं प्यार में होने के नाते हमारे शरीर को न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है। इसे हैप्पी हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है। दिल में खुशी की भावना के लिए डोपामाइन ज़िम्मेदार होता है। इससे एनर्जी, और फ़ोकस बढ़ता है और भूख कम लगती है।
अटैचमेंट
अटैचमेंट में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का उत्पादन होता है। ऑर्गेज्म के दौरान ऑक्सीटोसिन के स्तर में स्पाइक होता है, यह मनुष्यों के रूप में बंधन बनाता है। यह जन्म के तुरंत बाद मां और बच्चे के रिश्ते में भी महत्वपू्र्ण है। यह अनिवार्य रूप से स्तन को दूध छोड़ने के लिए संकेत देता है जब बच्चे को इसकी आवश्यकता होती है। इसके अलावा इसमें वासोप्रेसिन नामक हार्मोन का भी उत्पादन होता है जो ज़्यादातर एंटी मूत्रवर्धक के रूप में जाना जाता है। यह किडनी में काम करता है और प्यास को नियंत्रित करता है। यह हार्मोन सेक्स के तुरंत बाद रिलीज़ हो जाता है। यही नहीं ये सेक्स और पार्टनर पसंद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह हेल्दी होता है और लंबे वक़्त तक रिलेशनशिप को बनाए रखने का काम करता है।
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जब पार्टनर से करते हैं ब्रेकअप
जब पार्टनर के साथ ब्रेकअप होता है तो इसके लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें डोपामाइन हार्मोन दिमाग़ के अधिकांश रिवॉर्ड सिस्टम को नियंत्रित करता है, इसलिए यह स्वाभाविक है कि डोपामाइन रिलीज़ में एक दुर्घटना है जो ब्रेकअप के बाद हमें एहसास दिलाती है कि हमारा दिल टूट गया है। वहीं जब कॉकटेल ग़लत हो जाता है।असंतुलित हार्मोनल स्तर ईश्यू की एक सीरीज को जन्म दे सकता है। क्योंकि यह हमारे दिमाग़ के रिवॉर्ड सिस्टम में शामिल होता है।
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