घरों में भगवान की मूर्तियां रखने का चलन है। लोग अक्सर भगवान की मूर्तियां घर में रखते हैं, लेकिन कई बार उन मूर्तियों से जुड़े नियम हमें पता नहीं होते। वास्तु शास्त्र इस बारे में बहुत कुछ कहता है कि आखिर मूर्तियों को घर में किस तरह से रखना चाहिए, किस दिशा में रखना चाहिए, कैसे कपड़े पर रखनी चाहिए, किन मूर्तियों के एक साथ नहीं रखा जा सकता है। इस मामले में हमने बात की है वास्तु एक्सपर्ट रिद्धी बहल से। उन्होंने मूर्तियों से जुड़े कई नियम हमें बताए हैं।
तो चलिए आपको बताते हैं कि वास्तु शास्त्र क्या कहता है मूर्तियों को घर में रखने के बारे में और क्या खास नियम हैं जिन्हें आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए।
घरों में अगर आप भगवान की मूर्तियां रखना चाहते हैं तो वो नॉर्थ, नॉर्थ ईस्ट या फिर ईस्ट दिशा में ही रखें। यहीं मूर्तियां रखना बहुत ज्यादा शुभ माना जाएगा।
वेस्ट दिशा में भी रखना अशुभ नहीं है, लेकिन असल में इस दिशा में गुरुजनों की मूर्तियां रखी जाती हैं। घरों में अगर गुरुजनों की मूर्तियां हैं तो उसे वेस्ट दिशा में रखें। दक्षिण में इन्हें रखना अशुभ माना जाता है और ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। वास्तु के मुताबिक दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं और ऐसे में इसे शुभ नहीं समझा जाता।
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ये बात मैंने कई लोगों से सुनी थी कि घरों में पत्थर की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। वो सिर्फ मंदिरों में ही सही लगती है। इस बारे में भी मैंने रिद्धी बहल से सलाह मश्वरा किया। इस मामले में रिद्धी जी का कहना है कि, 'ऐसा कुछ भी नहीं होता है। भगवान-भगवान है और वो किसी भी रूप में घरों में रखा जा सकता है। वो पत्थर की मूर्ति भी हो सकती है, धातु की मूर्ति भी हो सकती है, तस्वीर भी हो सकती है।'
रिद्धी जी के अनुसार एक बात तो हम अक्सर गलत करते हैं वो ये कि घरों में बहुत ज्यादा मूर्तियां एक साथ रख लेते हैं। भगवान की बहुत सारी मूर्तियां घरों में रखना सही नहीं है। ऐसा ही तस्वीरों के साथ भी है। भगवान की बहुत सारी तस्वीरें अगर घर पर एक साथ लगाई गई हों तो उसे भी शुभ नहीं माना जाता है।
घर में शिवलिंग और शिव परिवार को रखने के लिए भी एक नियम है जिसे अधिकतर लोग नजरअंदाज़ कर देते हैं। घर में अकेला शिवलिंग नहीं बल्कि शिव परिवार की मूर्ति होनी चाहिए। घरों में शिव परिवार हर तरह की सुख समृद्धि और शांति के लिए शिव परिवार की मूर्ति या तस्वीर ही सबसे अच्छी होती है। शिवलिंग असल में मंदिरों के लिए होता है, लेकिन उसे अक्सर घरों में रख लिया जाता है। रिद्धी जी कहती हैं कि जिन घरों में शिवलिंग पहले से ही है वो कोशिश करें कि मंदिरों में दान दे दें।
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राधा-कृष्ण की फोटो और मूर्ति कई लोग बेडरूम में रख लेते हैं। इसको लेकर ध्यान ये रखना चाहिए कि राधा-कृष्ण की मूर्ति को कभी भी बेडरूम में न रखें। हां, उनकी तस्वीर रखी जा सकती है, लेकिन मूर्ति को मंदिर या भगवान के कमरे में ही रखें। बेडरूम में किसी भी तरह भगवान की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। राधा-कृष्ण की झूला झूलती हुई तस्वीर बेडरूम में लगाई जा सकती है।
भगवान की मूर्ति के नीचे अक्सर लोग लाल रंग का कपड़ा या पेपर बिछा देते हैं, लेकिन ये गलत है। नॉर्थ या नॉर्थ ईस्ट दिशा में रखी हुई मूर्तियों के नीचे नीले या हरे रंग का कपड़ा बिछाएं। अगर माला भी भगवान को पहनाएं तो लाल रंग की माला रखने से बचें। इसके बारे में रिद्धी जी ने कहा, 'इसके पीछे एक अहम कारण है। नॉर्थ दिशा पानी तत्व की दिशा है और लाल रंग अग्नि का तत्व है। ऐसे में लाल रंग और उत्तर दिशा को साथ में लाने का मतलब है कि आप अग्नि और पानी को साथ में ला रहे हैं। जल और अग्नि दोनों दुश्मन तत्व है।'
इसी के साथ, ये बात भी ध्यान रखने वाली है कि भगवान को हमेशा ताज़े फूल चढ़ाएं। कभी प्लास्टिक के फूल न चढ़ाएं। चाहें आप माला ही क्यों न पहना रहे हों वो ताज़े फूलों की होनी चाहिए।
इन सभी नियमों की जानकारी लोगों को नहीं होती और कई बार हम अंजाने में गलती कर बैठते हैं। इसलिए ये जरूरी है कि अगर आपके घर में भी मंदिर है और आपने घर में भगवान या गुरुओं की मूर्तियां हैं तो इन नियमों का पालन जरूर करें। अगर आपको ये स्टोरी पसंद आई हो तो इसे शेयर जरूर करें और ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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