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भजन-कीर्तन में क्यों बजाई जाती है ताली? जानें कैसे हुई शुरुआत और इसके लाभ

आज हम आपको भजन-कीर्तन में ताली बजाने के महत्व, लाभ और कैसे हुई इसकी शुरुआत इस बारे में बताने जा रहे हैं।  
Editorial
Updated:- 2022-12-16, 14:41 IST

Clapping in Bhajan: अक्सर मंदिरों में, घरों में या हर उस जगह पर जहां भजन-कीर्तन चल रहा हो, ताली बजाने की परंपरा है। इसे परंपरा भी नहीं कहेंगे लेकिन ये कह सकते हैं कि ताली बजाकर ही भजन-कीर्तन का आनंद उठाया जाता है। इसके अलावा, भगवान की आरती के समय भी ताली बजाई जाती है।

अब सवाल ये उठता है कि ऐसा करने के पीछे का कारण क्या है। तो हमने उठाया अपने सवालों का पोटला और पहुंच गए हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स के पास।

हमारे एक्सपर्ट ने ताली बजाने की शुरुआत कैसे हुई, भजन-कीर्तन के दौरान ताली क्यों बजाई जाती है और ताली बजाने के लाभ क्या क्या हैं, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जो आज हम आप तक पहुंचाने जा रहे हैं।

कैसे हुई ताली बजाने की शुरुआत?

clapping in kirtan

  • एक पौराणिक कथा के अनुसार, ताली बजाने की शुरुआत सर्वप्रथम भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) के परम भक्त प्रहलाद ने की थी। दरअसल, प्रहलाद के पिता हिरण्यकश्यप को उनकी विष्णु भक्ति कतई नहीं भाति थी।
  • प्रहलाद किसी भी तरह भगवान विष्णु की पूजा-आराधना न कर सकें इसलिए हिरण्यकश्यप ने सारे वाद्य यंत्रों को नष्ट कर दिया था। तब बालक प्रहलाद ने भगवान श्री हरि विष्णु के भजनों को ताल देने के लिए हाथ से ताली बजाना शुरू कर दिया था।
  • चूंकि दोनों हथेलियों को निरंतर पीटने से एक अलग ही ताल का निर्माण हुआ और वह ताल की धुन सभी तक पहुंचने लगी इसी कारण से उसे ताली कहा गया। बस इसी के बाद से हर भजन-कीर्तन में ताली बजाने की परंपरा शुरू हो गई।

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भजन-कीर्तन में क्यों बजाई जाती है ताली?

clapping in bhajan

  • ऐसा माना जाता है कि भजन, कीर्तन या आरती (आरती करने का सही तरीका) के दौरान ताली बजाने से हम इश्वर को पुकारते हैं।
  • भगवान के ऊपर समस्त सृष्टि का भार है इसी कारण से उनका ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए ताली बजाई जाती है।

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भजन-कीर्तन में ताली बजने के लाभ

bhajan kirtan clapping

  • माना जाता है कि भजन-कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने से पापों का नाश होता है।
  • भजन-कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने से आसपास विचरण कर रही नकारात्मकता दूर हो जाती है।
  • भजन-कीर्तन या आरती के दौरान ताली बजाने से व्यक्ति की आत्मा चेतना में रहती है और उसका ध्यान भगवान की ओर लगा रहता है।

तो ये था भजन-कीर्तन में ताली बजाने के पीछे का कारण और लाभ। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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