Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का महाशिवरात्रि से क्या है संबंध, जानें ये रहस्य

महाकुंभ का  आखिरी शाही स्नान महाशिवरात्रि के दिन होने जा रहा है। जिसके कारण इस दिन को और भी अधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आइए इस लेख में विस्तार से महाकुंभ के दौरान पड़ने वाले महाशिवरात्रि व्रत के बारे में जानते हैं। 
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साल 2025 में महाकुंभ के साथ महाशिवरात्रि का विशेष योग बन रहा है। यह एक अद्भुत संयोग है जो 144 साल बाद आता है। महाकुंभ और महाशिवरात्रि दोनों ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्योहार हैं। महाकुंभ में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि है और इसी दिन महाकुंभ का आखिरी स्नान भी होगा। इस दिन संगम तट पर विशाल स्नान और पूजा का आयोजन होगा। भगवान शिव की पूजा और संगम स्नान का विशेष महत्व है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ और पुण्य प्रदान करता है। आपको बता दें, महाशिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु विशेष रूप से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं और रात्रि भर जागरण करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने का भी विधान है। अब ऐसे में आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इस अद्भुत संयोग के बारे में जानते हैं।

महाशिवरात्रि और महाकुंभ विशेष संयोग

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इस साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू होगी और 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए, महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा और इसी दिन व्रत भी रखा जाएगा। इस बार महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में शाही स्नान का विशेष संयोग बन रहा है, जिससे इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ गया है।

महाशिवरात्रि और महाकुंभ का धार्मिक महत्व

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महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जो फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है और इसे बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पापों का नाश होता है। आपको बता दें, महाकुंभ के दौरान महाशिवरात्रि का पड़ना, इस दिन को और भी विशेष बना रहा है। इस दिन शाही स्नान कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधिवत रूप से करें।

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Image Credit- HerZindagi

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