भारत सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और समानता को बढ़ावा देने के लिए हाल के सालों में महत्वपूर्ण किरदार निभाई है। 2023 में, सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के इरादे से कई महत्वपूर्ण कानून पारित किए। यहां, भारत में महिलाओं के लिए हाल ही में पारित कुछ अहम कानूनों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
क्रिमिनल लॉ (संशोधन) अधिनियम, 2023
इस अधिनियम ने भारतीय दंड संहिता यानी Indian Penal Code में संशोधन किया है ताकि एसिड हमलों को एक जेंडर न्यूट्रल अपराध माना जा सके। इसका मतलब है कि पुरुषों पर अब एसिड हमलों के लिए दंडित किया जा सकता है, जो पहले केवल महिलाओं के खिलाफ किए जाने पर दंडनीय थे। अधिनियम एसिड हमलों के लिए अधिकतम सजा के तौर पर आजीवन कारावास से मृत्यु तक हो सकता है।
महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) संशोधन अधिनियम, 2023
इस अधिनियम में महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2023 में संशोधन किया जाता है ताकि इसकी पहुंच का विस्तार सभी महिलाओं को कवर करने के लिए किया जा सके, जिनमें कार्यस्थल में नौकरी न करने वाली महिलाएं भी शामिल हैं। इसका मतलब है कि अब इंटर्न, वॉलंटियर या ट्रेनी महिलाओं को वर्कप्लेस पर यौन उत्पीड़न से बचाया जाएगा।
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मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम, Maternity Benefit (Amendment) Act, 2023
यह अधिनियम मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 में संशोधन करता है ताकि सरकारी और निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश (Maternity Leave) की अवधि को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया जाए। अधिनियम कामकाजी माताओं के लिए क्रेच सुविधाओं का भी प्रावधान करता है।
कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (संशोधन) अधिनियम, 2023
यह अधिनियम द कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर, 1973 में संशोधन करता है ताकि पुलिस अधिकारियों को एक महिला द्वारा रिपोर्ट किए गए अपराध के लिए प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज करना अनिवार्य हो, भले ही वह साक्ष्य प्रस्तुत करने में सक्षम न हो। अधिनियम पुलिस अधिकारियों को एफआईआर दर्ज करने से इनकार करने के लिए अपराध माना जाता है।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2023
यह अधिनियम यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 में संशोधन करता है ताकि मानसिक रूप से बीमार या विकलांग नाबालिग के साथ यौन संबंध रखने को अपराध माना जा सके। अधिनियम, बाल यौन शोषण (Child sexual abuse) के लिए न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल कर दिया है।
महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) 2023
महिला आरक्षण विधेयक, 2023 एक संवैधानिक संशोधन विधेयक है जो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान करता है। यह विधेयक 128 वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम के रूप में जाना जाता है, जिसे 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया।
विधेयक के मुताबिक, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। इन आरक्षित सीटों पर चुनाव केवल महिला उम्मीदवारों द्वारा लड़े जा सकते हैं।
विधेयक का मकसद, संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है। सरकार का मानना है कि महिला आरक्षण से महिलाओं को राजनीति में अधिक प्रतिनिधित्व मिलेगा और वे निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभावी भूमिका निभा पाएंगी।
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ये केवल भारत में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए हाल के वर्षों में पारित किए गए कई महत्वपूर्ण कानूनों में से कुछ हैं। ये कानून सरकार की जेंडर इक्लवालिटी और महिलाओं के अधिकारों के प्रति प्रतिबद्ध हैं।
इन कानूनों के प्रभाव को अभी भी पूरी तरह से समझने की जरूरत है, लेकिन ये महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। उदाहरण के लिए, एसिड हमलों के लिए सजा में वृद्धि से महिलाओं को इस प्रकार के हिंसा से बचाने में मदद मिल सकती है।
यौन उत्पीड़न (संशोधन) अधिनियम से महिलाओं को वर्कप्लेस पर यौन उत्पीड़न से बेहतर सुरक्षा मिल सकती है। और मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम से महिलाओं को वर्कप्लेस पर अधिक समानता और सुरक्षा मिल सकती है।
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