भगवान श्री राम को जब हम याद करते हैं, तो मुंह से हमेशा "जय सिया राम" ही निकलता है। मगर अयोध्या में राम जन्म भूमि पर बन रहे भव्य राम मंदिर में आपको श्री राम जी की प्रतिमा तो मिलेगी, मगर देवी सीता को आप उनके साथ नहीं देख पाएंगे। सभी राम भक्तो का मन इससे विचलित हो चला है। बहुत सारे लोगों ने इस बात के लिए अनुरोध भी किया है कि मंदिर में देवी सीता के बिना तो श्री राम अधूरे नजर आएंगे, इसलिए श्री राम के साथ देवी सीता की प्रतिमा भी स्थापित की जाए। लेकिन ऐसा होने के पीछे एक विशेष वजह बताई गई है।
दरअसल, अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर में युवा श्री राम जी की प्रतिमा नहीं रखी जाएगी बल्कि जब श्री राम 5 वर्ष की आयु के थे, तब की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इतनी आयु में श्री राम जी का विवाह देवी सीता से नहीं हुआ था। इसलिए मंदिर की गर्भगृह में श्री राम के साथ देवी सीता नहीं होंगी। मगर ऐसा भी नहीं है कि आपको मंदिर के प्रांगण में कहीं भी सीता माता के दर्शन नहीं होंगे।
रामलला मंदिर में श्री राम जी की 3 मूर्तियां आई हैं। इनमें से 2 मूर्तियां काले पत्थर की है, जो कि साउथ के मूर्तिकारों ने बनई हैं और 1 मूर्ति संगमरमर के पत्थर से बनी है। इस मूर्ति को राजस्थान के मूर्तिकार ने बनाया है। इन तीनों ही मूर्तियों को मंदिर के तीनों खंडों में बने मंदिर में लगाया जाएगा, मगर गर्भगृह में कौन सी मूर्ति लगाई जाएगी इसका निर्णय 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन काशी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री जी लेंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर में और भी कई मंदिर होंगे, जिसमें श्री राम जी के तीनों भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न जी का मंदिर होगा। इतना ही नहीं, इस मंदिर में 13 अन्य मंदिर भी होंगे। इनमें भगवान सूर्य, भगवान शिव, माता सीता, गणपति जी, जटायु, हनुमान जी, ऋषि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, शबरी, निषाद राज और देवी अहिल्या का भी मंदिर होगा। हालांकि, इन मंदिरों का निर्माण कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है मगर आने वाले वक्त में बहुत जल्द ही यह मंदिर बनकर तैयार हो जाएंगे।
रामलला मंदिर के अलावा आपको अयोध्या में जगह-जगह राम जी के मंदिर देखने को मिलेंगे जहां आपको देवी सीता के दर्शन होंगे। इतना ही नहीं, अयोध्या में कनक भवन है, जिसे सीता जी का महल भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि राजा दशरथ की मझली पत्नी देवी कैकेयी ने अपने प्रिय पुत्र श्री राम की वधु सीता जी को मुंह दिखाई में यह महल भेंट किया था और विवाह के बाद श्री राम और सीता जी इसी महल में रहते थे।त्रेता युग में इस महल में किसी भी पुरुष का जाना मना था, मगर श्रीराम और श्री हनुमान जी इस भवन में आ सकते थे। इस महल को देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी ने बनाया था। इस महल के अंदर श्री राम और सीता जी का मंदिर है।
श्री राम और देवी सीता की शादी हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हुई थी। शादी के समय देवी सीता की उम्र 18 वर्ष और श्री राम की उम्र 27 वर्ष की थी। शायद यही वजह है कि राम जन्म भूमि पर बन रहे रामलला मंदिर में श्री राम जी के बालपन की प्रतिमा की स्थापना की जा रही है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।