Cloth Colour In Puja: हिन्दू धर्म में रंगों को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। न सिर्फ धार्मिक बल्कि ज्योतिष और वास्तु दृष्टि से भी पूजा पाठ के दौरान रंगों के चयन पर खास जोर दिया जाता है।
हिन्दू धर्म के अनुसार, घर में मूर्ति स्थापित करते समय, कलश रखते समय, हवन करते समय आदि अन्य शुभ कार्यों में कुछ विशेष रंग के कपड़े होते हैं जिनका इस्तेमाल किया जाता है।
ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स का ये कहना है कि जिस प्रकार पूजा के आसन का रंग महत्वपूर्ण होता है ठीक उसी प्रकार पूजा में इस्तेमाल होने वाले कपड़े का रंग भी मायने रखता है क्योंकि हर रंग के पीछे एक तर्क सांगत बात छिपी है।
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि पूजा पाठ में पीले, लाल या सफेद रंग के कपड़े का अधिक प्रयोग होता है। ऐसे में आइये जानते हैं हमारे ज्योतिषाचार्य जी द्वारा बताए गए इसके पीछे के कारणों के बारे में।
इन रंगों के कपड़े हैं वर्जित
- पूजा पाठ में कभी भी काले और नीले रंग के कपड़े इस्तेमाल में नहीं लाने चाहिए।
- केवल शनिदेव की पूजा को छोड़कर किसी भी देवता की पूजा में काले रंग के कपड़े का इस्तेमाल वर्जित माना गया है।
इसे जरूर पढ़ें: Ramayan Interesting Facts: अपने हाथों से लिखी रामायण को जब हनुमान जी ने समुद्र में दिया था फेंक
इन रंगों के कपड़ों को माना जाता है शुभ
- कहा जाता है कि पूजा से जुड़ी कोई भी सामग्री कभी भी फर्श पर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से पूजा खंडित हो जाती है।
- पूजा सामग्री जैसे पूजा की थाल, भगवान के आभूषण, भगवान का भोग, घंटी आदि वस्तुओं को कोई कपड़ा बिछाकर ही रखना चाहिए।
- ऐसे में जिस रंग के कपड़े को शुभ माना जाता है उसमें लाल, सफेद, पीला और हरा रंग शामिल है।
सिर्फ यह 4 रंग ही क्यों?
- जब भी कोई मूर्ति स्थापित की जाती है या कलश को रखा जाता है तो पहले लाल, पीला, हरा या सफेद रंग का वस्त्र बिछाया जाता है।
- अब सवाल यह कि सिर्फ ये 4 रंग ही क्यों? तो इसका जवाब है कि यूं तो पूजा में नीले और काले को छोड़ कर कोई रंग का कपड़ा बिछाया जा सकता है लेकिन इन चार रंगों के कपड़े के ज्यादा इस्तेमाल के पीछे का कारण है इनका प्रभाव जो आपकी पूजा को संपन्न कराने में मदद करता है।
इसे जरूर पढ़ें:नवंबर के महीने में इन 4 राशियों पर आ सकती है बड़ी मुसीबत, जानें ज्योतिषीय उपाय
लाल, सफेद, हरे और पीले रंग की विशेषता
- सफेद रंग को शांति और पवित्रता का प्रतीक माना गया है, सफेद रंग के वस्त्र का पूजा में इस्तेमाल करने से पूजा शांतिमय रूप से पूर्ण होती है। पूजा में कोई विघ्न उत्पन्न नहीं होता।
- लाल रंग को सौभाग्य का रंग माना जाता है। लाल रंग के कपड़े का उपयोग हर शुभ काम में होता है। मां लक्ष्मी और मां दुर्गा का भी प्रिय रंग लाल ही है। एस एमें पूजा के दौरान अगर लाल रंग का कपड़ा बिछाया जाए तो इससे सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है।
- पीले रंग का उपयोग हर तरह की पूजा में किया जाता है। भगवान विष्णु और उनके राम एवं कृष्ण अवतार को पीला रंग अति प्रिय है। इसी कारण से पूजा में पीले रंग के कपड़े को बिछाया जाता है। दूसरा कारण यह कि पीले रंग के कपड़े को पूजा में बिछाने से बृहस्पति यानी कि गुरु ग्रह मजबूत होते हैं।
- अन्य रंग की तुलना में हरे रंग का प्रयोग पूजा में कम ही किया जाता है। हरा रंग प्रकृति का सूचक होता है। इसके अतिरिक्त, हरा रंग आयुर्वेद को भी दर्शाता है। ऐसे में पूजा के दौरान हरे रंग के कपड़े का इस्तेमाल व्यक्ति को बीमारी की चपेट में आने से बचाता है और रोगों से ग्रसित व्यक्ति को पुनः ठीक करता है।
तो ये था लाल, पीले, हरे और सफेद रंग के कपड़े का पूजा में ज्यादा इस्तेमाल होने का कारण। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें, साथ ही कमेंट भी करें।धर्म और त्यौहारों से जुड़े ऐसे ही और आर्टिकल पढ़ने के लिए रहें जुड़े हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों