क्या है सूर्य तिलक और रामलला के मस्तक के लिए इसे किसने किया डिजाइन? रामनवमी से पहले जान लें सबकुछ

Surya Tilak Kya Hai: अयोध्या के राम मंदिर में राम नवमी के मौके पर रामलला को सूर्य तिलक किया जाएगा। रामनवमी 2025 के यह विशेष तिलक भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनने वाला है। आपको बता दें कि यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान और ज्योतिष का अद्भुत संगम है। तो आइए जानते हैं कि सूर्य तिलक क्या है, इसे किसने डिजाइन किया और इसके पीछे के टेक्नोलॉजी को भी समझेंगे।
Surya Tilak Kya Hai

अयोध्या के राम मंदिर में साल 2024 के राम नवमी के शुभ अवसर पर पहली बार रामलला के मस्तक पर सूर्य तिलक किया गया था। यह सिर्फ एक धार्मिक पंपरा नहीं, बल्कि एक विशेष आध्यात्मिक और वैज्ञानिक महत्व रखने वाला तिलक है, साइंस की मदद से भव्य रूप से तैयार किया गया है। सूर्य तिलक भगवान श्रीराम की दिव्यता और उनके सूर्यवंशी होने का प्रतीक है।

यह सूर्य तिलक खगोलशास्त्र, वास्तुशास्त्र और आध्यात्मिक सिद्धांतों के आधार पर तैयार किया गया है, जिससे जब रामनवमी के दिन सूर्य की पहली किरण रामलला के मस्तक पर पड़ेगी, तो यह तिलक दिव्य आभा के साथ चमक उठेगा। इसे तैयार करने में कई विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। तो आइए इसी के साथ जानते हैं कि यह सूर्य तिलक क्या है, इसकी विशेषता क्या है, इसे किसने डिजाइन किया और इसे डिजाइन करने की टेक्नोलॉजी के बारे में भी हम आपको बताएंगे।

सूर्य तिलक क्या है? (What Is Surya Tilak)

Who designed ram lalla surya tilak

सूर्य तिलक एक खास प्रकार का तिलक है, जिसे सूर्य की किरणों से तैयार किया गया है। जब सूर्य की पहली किरण रामलला के मस्तक पर पड़ेगी, तो यह तिलक सोने की तरह चमकेगा। यह तिलक भगवान श्रीराम की सूर्यवंशी कुल परंपरा और दिव्यता का प्रतीक होगा। इसे खास सिस्टम के जरिए तैयार किया गया है।

सूर्य तिलक को किसने डिजाइन किया? (Who Designed Surya Tilak)

इस विशेष तिलक को वैज्ञानिक और ज्योतिषीय विशेषज्ञों की मदद से डिजाइन किया गया है। इसे तैयार करने में खगोलशास्त्रियों और वास्तु विशेषज्ञों की अहम भूमिका रही है। सूर्य तिलक के लिए IIT रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया है। इसका निर्माण विशेष धातुओं और रत्नों से किया गया है, जिससे यह सूर्य की किरणों को प्रतिबिंबित कर सके।

Science Behind surya tilak

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सूर्य तिलक के पीछे क्या है साइंस? (Science Technology Behind Surya Tilak)

सूर्य तिलक का सिद्धांत मुख्य रूप से खगोल भौतिकी, प्रकाशिकी (Optics) और प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला पर आधारित है। इसके लिए परावर्तन और अपवर्तन के सिद्धांतों का सही उपयोग किया गया है। हर साल चैत्र शुक्ल नवमी यानी रामनवमी के दिन, दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणों की इस तरह से गणना की गई हैं कि वे ठीक रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी।

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रामनवमी पर सूर्य तिलक की विशेषता (Importance of Surya Tilak On Ram Navami)

Who designed Surya tilak

  • रामनवमी के दिन सुबह की पहली किरण सीधे रामलला के मस्तक पर पड़ेगी।
  • इससे उनका सूर्य तिलक स्वर्णिम आभा से चमकेगा।
  • यह अनूठी तकनीक मंदिर की भव्यता को और बढ़ाएगी।

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Image credit- Herzindagi


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