हिंदू धर्म में रक्षा बंधन के त्योहार का बहुत अधिक महत्व है। इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती हैं। रक्षा बंधन पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व दक्षिण भारत में अवितम के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू धर्म में इस पर्व की बहुत मान्यता है और यह पर्व भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। मान्यतानुसार इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांध के अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती है।
यह पर्व हर साल सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है और यह सदियों से चला आ रहा है। आइए ज्योतिषाचार्य एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ आरती दहिया जी से जानें इस साल कब है रक्षा रक्षाबंधन और राखी बांधने के लिए कौन सा मुहूर्त है शुभ।
रक्षाबंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त
- हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन हर साल सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
- इस सालरक्षाबंधन 11 अगस्त, गुरुवार को मनाया जाएगा।
- पूर्णिमा तिथि का आरंभ- 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
- पूर्णिमा तिथि का समापन -12 अगस्त, शुक्रवार (शुक्रवार के उपाय) को सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर होगा।
- राखी बांधने का शुभ मुहूर्त प्रातः09 बजकर 28 मिनट से रात में 09 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।
- 11 अगस्त को सुबह 11:37 से 12 :29 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा इसलिए इसमें राखी न बांधें।
रक्षा बंधन पर हैं 4 शुभ संयोग
इस बार रक्षाबंधन के दिन4 शुभ संयोग बन रहे हैं। पहला 10 अगस्त की शाम 7 बजकर 35 मिनट से है, दूसरा 11 अगस्त को 10 बजकर 38 मिनट से 11:36 तक तीसरा दोपहर 12 :30 से 3 बजकर 31 मिनट तक रवि योग और चौथा 12 अगस्त को 11 :33 तक सौभाग्य योग।
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के प्रेम व सच्ची भावनाओं का प्रतीक है। ये त्योहार भाई बहन के अटूट बंधन की निशानी है और भाई बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाता है। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और समृद्ध जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं। राखी बंधवाते समय भाइयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र रखना चाहिए। बहन भाई की दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधे और फिर चंदन व रोली का तिलक लगाएं। भाई को राखी बांधने के लिए थाली में कुमकुम, हल्दी (हल्दी से दूर करें जीवन की हर बाधा) , अक्षत, राखी के साथ मिठाई, कलश में पानी और आरती के लिए ज्योति रखनी चाहिए।
इसे जरूर पढ़ें:Sawan Shivratri 2022: इस साल सावन की शिवरात्रि है खास, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
मान्यता है कि ये पर्व रिश्तों को आपस में मिलाने का एक अच्छा स्रोत है और भाई बहन के प्रेम का प्रतीक है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों