Purpose of Zebra Crossings in Runway: एयरपोर्ट के रनवे पर जेब्रा क्रॉसिंग बनाने की वजह है हवाई जहाज की लैंडिंग। इन क्रॉसिंग की मदद से पायलट को यह पता चलता है कि रनवे कितना चौड़ा और लंबा है। इनकी मदद से पायलट तय करते हैं कि हवाई जहाज को लैंडिंग कहां से शुरू करनी है और रनवे पर उसकी स्पीड कितनी होनी चाहिए। अगर रनवे पर जेब्रा क्रॉसिंग न हों, तो हवाई जहाज की क्रैश लैंडिंग की आशंका बढ़ जाती है।
एयरपोर्ट की रनवे मेंटेनेंस टीम समय-समय पर रनवे की जेब्रा लाइट की मरम्मत करती रहती है। ऑप्टिकल भ्रम के आधार पर कई देशों में तीन आयाम के जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल किया जाता है। इन क्रॉसिंग की सफेद धारियां जमीन के ऊपर मंडराती हुई दिखती हैं। ये क्रॉसिंग ऑस्ट्रेलिया, आइसलैंड, मलेशिया, भारत, न्यूजीलैंड और अमेरिका में देखी जा सकती हैं।
यहां कुछ कारण दिए गए हैं, जिनकी वजह से एयरपोर्ट के रनवे पर जेब्रा क्रॉसिंग लाइन बनाई जाती हैं-
1. रनवे की चौड़ाई का अनुमान लगाना
जेब्रा क्रॉसिंग लाइन पायलटों को रनवे की चौड़ाई का अनुमान लगाने में मदद करती हैं। रनवे की चौड़ाई हवाई जहाज के आकार और वजन के आधार पर अहम होती है। अगर हवाई जहाज रनवे से बहुत दूर चला जाता है, तो यह टैक्सी वे या अन्य हवाई जहाजों से टकरा सकता है।
2. रनवे की लंबाई का अनुमान लगाना
जेब्रा क्रॉसिंग लाइन पायलटों को रनवे की लंबाई का अनुमान लगाने में भी मदद करती हैं। रनवे की लंबाई हवाई जहाज के उड़ान भरने और उतरने के लिए जरूरी होती है। अगर हवाई जहाज रनवे से पहले ही उड़ान भरने की कोशिश करता है, तो यह दुर्घटना का कारण बन सकता है।
3. रनवे के केंद्र में रहना
जेब्रा क्रॉसिंग लाइन पायलटों को रनवे के केंद्र में रहने में भी मदद करती हैं। रनवे के केंद्र में रहना जरूरी है क्योंकि यह हवाई जहाज को रनवे के किनारों से दूर रखता है। रनवे के किनारे अक्सर खुरदरे होते हैं, जिससे हवाई जहाज के टायरों को नुकसान पहुंच सकता है।
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4. रनवे के किनारों से दूर रहना
जेब्रा क्रॉसिंग लाइन पायलटों को रनवे के किनारों से दूर रहने में भी मदद करती हैं। रनवे के किनारे अक्सर रोशनी और अन्य उपकरणों से भरे होते हैं, जिनसे हवाई जहाज को नुकसान पहुंच सकता है।
5. रनवे के स्टेटस का पता लगाना
जेब्रा क्रॉसिंग लाइन पायलटों को रनवे की स्टेटस का पता लगाने में भी मदद करती हैं। अगर रनवे पर गीली या बर्फीली सिचुएशन है, तो पायलटों को रनवे पर उतरने या उड़ान भरने से पहले सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
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जब हम हवाई यात्रा करते हैं, तो हमें कई चरणों से गुजरना पड़ता है।
- एयरपोर्ट में प्रवेश करने का नियम।
- चेक-इन और लगेज के नियम का पालन करना।
- सुरक्षा जांच में शामिल होना जैसे,
- मेटल डिटेक्टर से गुजरना, यह मेटल की वस्तुओं का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- एक्स-रे स्कैन, यह आपके बैग और carry-on सामान में मौजूद वस्तुओं का स्कैन करता है।
- शारीरिक जांच करना, सुरक्षाकर्मी आपको और आपके सामान को हाथ से भी जांच कर सकते हैं।
- सुरक्षा जांच के बाद, आपको अपने बोर्डिंग गेट पर जाना होता है। बोर्डिंग गेट पर, आपको अपना बोर्डिंग पास दिखाकर विमान में प्रवेश करना होता है।
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