जब मौसम बहुत अधिक ठंडा होता है या फिर प्लांट के अनुरूप नहीं होता है तो ऐसे में गार्डनर को प्लांट के रूट सिस्टम को प्रोटेक्ट करना होता है। इसके लिए मल्चिंग सबसे बेस्ट उपाय माना गया है। वास्तव में यह एक बैरियर के रूप में काम करता है। साथ ही साथ, इससे मिट्टी के पोषक तत्व भी बेहतर होते हैं।
आमतौर पर गार्डन एरिया में ऑर्गेनिक और इनआर्गेनिक मल्च दोनों का इस्तेमाल किया जाता है। जहां आर्गेनिक मल्च बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल जैसे घास, वुडन चिप्स, सूखे पत्ते और पुआल से बनाई जाती है। वहीं, इनआर्गेनिक मल्च रिवर रॉक, पत्थर या बजरी आदि से बनी होती है। इतना ही नहीं, लोग प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल भी अपन गार्डन एरिया में करते हैं। हालांकि, इसे इस्तेमाल करने के अपने कई फायदे व नुकसान हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको प्लास्टिक मल्च से होने वाले फायदे व नुकसान के बारे में बता रहे हैं-
प्लास्टिक मल्च क्या है?
प्लास्टिक मल्च वास्तव में इनआर्गेनिक या अकार्बनिक मल्च है। इस प्रकार की मल्चिंग में पौधों को प्रोटेक्ट करने के लिए पॉलीथीन फिल्म का उपयोग किया जाता है। कुछ समय पहले तक जहां प्लास्टिक मल्चिंग का उपयोग कमर्शियली होता था, वहीं अब होम गार्डनर भी इसका इस्तेमाल करते हैं। इसमें पॉलीथीन फिल्म आमतौर पर काले प्लास्टिक की एक शीट होती है।
प्लास्टिक मल्च के फायदे
- प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करने से आपको कई फायदे मिल सकते हैं। मसलन-
- प्लास्टिक मल्च खरपतवार को रोकने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। जिससे प्लांट को पानी और पोषक तत्वों के लिए कॉम्पीटिशन नहीं करना पड़ता।
- प्लास्टिक मल्च मिट्टी के मॉइश्चर लेवल को बनाए रखने में मददगार है। इसलिए, यह सूखे या कम सूखे वाले एरिया में काफी फायदेमंद है।
- प्लास्टिक मल्च मिट्टी के तापमान को बढ़ा सकती है, जिससे बीज जल्दी अंकुरित होते हैं। इतना ही नहीं, यह मिट्टी के तापमान को अधिक स्थिर बनाए रखने में भी मददगार है।
- प्लास्टिक मल्च के इस्तेमाल से अक्सर फसल की पैदावार काफी अच्छी होती है।
- प्लास्टिक मल्च मिट्टी और प्लांट के बीच एक बैरियर पैदा कर सकती है, जिससे प्लांट में मिट्टी से होने वाली बीमारियों का प्रसार कम हो सकता है।
प्लास्टिक मल्च के नुकसान
- जहां प्लास्टिक मल्च के कई फायदे हैं, वहीं इसके नुकसान को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता-
- प्लास्टिक मल्च आमतौर पर नॉन-बायोडिग्रेडेबल मैटीरियल से बनाया जाता है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। प्लास्टिक मल्च का निपटान काफी मुश्किल हो सकता है।
- प्लास्टिक मल्च खरीदने और उसे इंस्टॉल करने की प्रारंभिक लागत अपेक्षाकृत अधिक हो सकती है, जो आपके लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
- कभी-कभी प्लास्टिक मल्च अत्यधिक गर्मी भी पैदा कर सकती है, जिससे पौधों पर काफी दबाव पड़ सकता है।
- प्लास्टिक मल्च को हटाने और निपटान में समय लग सकता है, जिससे फसल के रोटेशन में समस्या हो सकती है।
- प्लास्टिक मल्च के नीचे मिट्टी के तापमान और नमी के स्तर में परिवर्तन से माइक्रोक्लाइमेट बन सकता है जो सभी फसलों के लिए सही नहीं माना जाता है। कई बार यह कुछ खास कीटों को आकर्षित भी कर सकता है।
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Image Credit- freepik, amazon
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