हमारे देश में ऐसे कई राज परिवार हैं जिनकी शान-ओ-शौकत किसी से कम नहीं है। आज भी ये राज परिवार 1000 साल पुरानी सभ्यता को उसी तरह से निभा रहे हैं और इनके पास सालों पुराने बनाए गए किले और करोड़ों की प्रॉपर्टी मौजूद है। ये राज परिवार अभी भी अपने पुश्तैनी महलों में रहते हैं और जहां तक शान की बात है तो इन महलों की शान देखते ही बनती है। अब जब प्रॉपर्टी की बात हो ही रही है तो क्यों न हम जयपुर के राजघराने की प्रॉपर्टीज के बारे में चर्चा करें। जयपुर का राजघराना जितना मशहूर है उतने ही मशहूर हैं इस घराने के महल।
आज हम आपको जयपुर के राज परिवार और उनकी प्रॉपर्टीज के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं। उनके पास 4 ऐसी बड़ी प्रॉपर्टीज हैं जिन्हें देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं इस राजघराने की प्रॉपर्टीज के बारे में-
1. सिटी पैलेस जयपुर-
शहर की शान कहा जाने वाला जयपुर सिटी पैलेस इसी राज परिवार की प्रॉपर्टी है। ये जयपुर के सबसे प्रसिद्ध टूरिस्ट अट्रैक्शन में से एक है। ये पैलेस तीन हिस्सों में बटा हुआ है। एक हिस्सा Airbnb को दिया गया है जिसने इसे होटल बनाया है। एक हिस्सा टूरिस्ट्स को दिखाने के लिए खोला गया है और तीसरा हिस्सा है राज परिवार का जहां वो लोग आराम से रहते हैं।
1727 में महाराज सवाई जय सिंह 2 द्वारा बनाया गया से पैलेस बहुत ही शानदार है। महाराज सवाई जय सिंह को ही जयपुर का संस्थापक माना जाता है। इसी पैलेस के कई हिस्से जैसे चंद्र महल, राजेंद्र पोल, मुबारक महर और नक्कार खाना टूरिस्ट्स के लिए खोला गया है और वहां आप नायाब नक्काशी और खूबसूरत आर्किटेक्चर को देख सकते हैं।
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2. जयगढ़-
जयगढ़ असल में एक छावनी की तरह इस्तेमाल किया जाता था। ये बिशनगढ़ के किले की तरह ही बनाया गया है जहां सैनिक निवास भी करते थे और राज्य को बचाने के लिए बहुत सी रणनीतियां बनाई जाती थीं। इसे 'चील का टीला' भी कहा जाता है और इस किले से पूरे शहर पर नजर रखी जा सकती है। इसी किले से आमेर फोर्ट को भी देखा जा सकता है।
इसे फिलहाल जयगढ़ पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा चलाया जा रहा है जिसकी देखरेख प्रिंसेज दिया कुमारी करती हैं। इसे टूरिस्ट्स के लिए भी खोला गया है। इस किले में दुनिया की सबसे बड़ी तोप (जो पहियों पर है) जैवान (Jaivan) भी रखी हुई है। ये किला एक तरह से नाहरगढ़ फोर्ट से भी जुड़ा हुआ है और इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
3. राजमहल पैलेस-
18वीं सदी में जयपुर के राजघराने की महिलाओं के लिए एक बहुत ही खूबसूरत बाग बनाया गया था जिसे राजमहल पैलेस कहा जाता है। हालांकि, इसे राज परिवार ने 19वीं सदी में ब्रिटिश रेजिमेंट ऑफिसर्स को उधार दे दिया था। 1947 में ये प्रॉपर्टी वापस से राज परिवार को दे दी गई थी। अब इसे एक रॉयल होटल के तौर पर तब्दील कर दिया गया है। राज परिवार की इस प्रॉपर्टी को सूजन ग्रुप द्वारा इस पैलेस को एक ऐसे आलीशान होटल में तब्दील किया गया है कि इसे देखकर आपको वाकई राजा-महाराजा जैसी फीलिंग आएगी।
4. जयपुर हाउस, माउंट आबू-
जयपुर राज परिवार का एक घर या यूं कहें कि किला माउंट आबू में भी है। जयपुर से कुछ ही घंटे दूर माउंट आबू में जयपुर के राजघराने का हॉलीडे होम है। इसे भी एक हैरिटेज होटल के तौर पर चलाया जाता है। इसे 1897 में बनवाया गया था जो राजघराने के लोगों के लिए गर्मियों का प्रसिद्ध स्थान हुआ करता था। वैसे आपको बता दूं कि इस होटल का किराया बहुत ज्यादा नहीं है और सीजन के हिसाब से बदलता रहता है। ये किसी नॉर्मल मिड-रेंज होटल की तरह ही रहेगा, लेकिन यहां का एक्सपीरियंस बहुत ही खूबसूरत होगा।
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23 साल के जयपुर के राजा पद्मनाभ सिंह और उनका परिवार-
जयपुर के राजा पद्मनाभ सिंह जिनका पूरा नाम और टाइटल है महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह असल में जयपुर के इतिहास में सबसे कम उम्र में बने राजा हैं। आपको जानकर शायद अचंभा हो, लेकिन राजा पद्मनाभ सिंह सिर्फ 13 साल की उम्र से ही जयपुर का प्रभार संभाल रहे हैं। उन्हें उनके नाना सवाई मान सिंह जी बहादुर के बाद ये राजगद्दी मिली है।
पद्मनाभ सिंह जयपुर की राजकुमारी दिया के बेटे हैं। जयपुर के राजा सवाई मान सिंह जी बहादुर की इकलौती संतान दिया ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी और उनके पिता ने उन्हें बेदखल कर दिया था, लेकिन कई सालों बाद उन्हें वापस उनका दर्जा मिला और उसके बाद से ही जयपुर की गद्दी के वारिस पद्मनाभ सिंह बन गए थे।
आपको बता दें कि दिया कुमारी के दो और बच्चे हैं जो हैं लक्ष्यराज सिंह और गौरवी कुमारी। प्रिंसेज गौरवी कुमारी बहुत ही मिलनसार हैं और फैशन जगत में काफी प्रसिद्ध हैं। गौरवी कुमारी ने अपने भाई पद्मनाभ सिंह के साथ 2017 का पेरिस डेब्यूटांट बॉल भी अटेंड किया था जहां उनकी खूबसूरती और सादगी की बहुत तारीफ हुई थी।
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अब बात करते हैं दिया कुमारी के सबसे छोटे बेटे लक्ष्यराज सिंह की जिन्हें 9 साल की उम्र में ही सिरमौर का राजा घोषित कर दिया गया था। दरअसल, सिरमौर दिया कुमारी की मां राजमाता पद्मिनी देवी का मायका है और वहां का उत्तराधिकारी लक्ष्यराज सिंह को माना जाता है। 9 साल की उम्र में ही लक्ष्यराज सिंह का राज्याभिषेक भी हो गया था।
प्रिंसेज दिया कुमारी भी भाजपा से सांसद होने के साथ-साथ राजघराने द्वारा चलाए जाने वाले कई म्यूजियम और ट्रस्ट्स का कामकाज देखती हैं और उनकी खुद की एक ज्वेलरी लाइन भी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार जयपुर रॉयल फैमिली की दौलत लगभग 2.8 बिलियन डॉलर (2,03,06,24,40,000 या 20 हज़ार करोड़) के आस-पास है। तभी तो जयपुर के राजघराने के पास इतनी प्रॉपर्टी है।
यकीनन आप जयपुर जाएं तो राजघराने के सिटी पैलेस को जरूर देखें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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