herzindagi
vishnu pujan Main

जानें कब है पापमोचनी एकादशी, पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्त्व

आइये विश्व के जाने माने ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी कब है और इसका क्या महत्त्व है। 
Editorial
Updated:- 2021-03-30, 12:47 IST

हिन्दू धर्म के अनुसार एकादशी तिथि का विशेष महत्त्व है। प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में दो एकादशी व्रत होते हैं जिनका अलग -अलग महत्त्व है। इस तरह पूरे साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी पड़ती हैं।

एकादशी तिथि मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन विष्णु पूजन विशेष फलदायी होता है। इसी क्रम में चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचनी एकादशी के नाम से जाना जाता है और इसका विशेष महत्त्व है। आइए जानें कब है चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पापमोचनी एकादशी और इसका महत्त्व क्या।

पापमोचनी एकादशी 2021 तिथि

papmochni ekadashi vrat

यह एकादशी दो प्रमुख त्योहारो होली और नवरात्रि के मध्य के समय में पड़ती है। इस साल यानी कि 2021 को पापमोचनी एकादशी 07 अप्रैल 2021, बुधवार को पड़ रही है। इसी दिन भगवान् विष्णु का पूजन और ध्यान करना विशेष फलदायी होगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

shubh muhurat ekadashi

  • पं रमेश भोजराज द्विवेदी जीके अनुसारएकादशी तिथि आरंभ- 07 अप्रैल 2021 प्रातः 02 बजकर 09 मिनट से
  • एकादशी तिथि समाप्त- 08 अप्रैल 2021 प्रातः 02 बजकर 28 मिनट पर
  • व्रत समाप्ति समय- 08 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 40 मिनट पर
  • एकादशी व्रत पारण समय- 08 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 11 मिनट तक

इसे जरूर पढ़ें:Expert Tips: घर की सुख समृद्धि और धन-धान्य के लिए भूलकर भी घर के मंदिर में न रखें भगवान की ऐसी मूर्तियां

पापमोचनी एकादशी का महत्व

जैसा कि इस एकादशी तिथि के नाम से ही पता चलता है कि यह एकादशी तिथि पापों का नाश करने वाली है। मान्यता है कि इस एकादशी का जो भी भक्त श्रद्धा पूर्वक व्रत करता है उसका कल्याण होता है। जो भी व्यक्ति भक्ति भाव से पापमोचनी एकादशी का व्रत करता है और जीवन में अच्छे कार्यों को करने का संकल्प लेता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। पाप मोचनी एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति धन धान्य से पूर्ण होकर ख़ुशी से जीवन व्यतीत करता है।

कैसे करें व्रत एवं पूजन

how to worship

  • एकादशी व्रत का पालन करने वालों को दशमी तिथि के सायं काल से ही अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके व्रत का संकल्प लें।
  • पीले वस्त्र धारण करना अत्यंत फलदायी माना जाता है क्योंकि विष्णु जी को पीला रंग पसंद है।
  • इसके बाद पूजा का स्थान साफ़ करके भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर साफ़ करके चन्दन का तिलक लगाएं।
  • विष्णु जी के सामने के सामने धूप व दीप जलाएं और पुष्प, नैवेद्य अर्पित करें।
  • इसके बाद एकादशी की कथा पढ़ें और विष्णु जी की आरती करें।
  • पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत करें और किसी भी प्रकार के कलह कलेश से बचें।
  • द्वादशी तिथि पर दान देकर या ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
  • यदि आप व्रत नहीं रखते हैं तब भी एकादशी तिथि के दिन चावल, लहसुन, प्याज और मांस मदिरा का सेवन न करें।

इसे जरूर पढ़ें:Lakshmi Jayanti 2021: जानें कब मनाई जाएगी लक्ष्मी जयंती, क्या है इसका महत्त्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

इस प्रकार पापमोचनी एकादशी में विष्णु पूजन करना विशेष फलदायी होता है और इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit: freepik and pintrest

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।