स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने दुनिया को कहा अलविदा, शिवाजी पार्क में होगा अंतिम संस्कार

भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से देश भर में शोक की लहर दौड़ गई है। लता मंगेशकर किसी पहचान की मोहताज नहीं थीं।

lata mangeshkar died

...शायद फिर इस जनम में, मुलाकात हो न हो... शायद! यह सच नहीं होता। शायद यह सपना ही होता, मगर यह कहते हुए बेहद अफसोस हो रहा है कि भारत की स्वर कोकिला का यूं शांत हो जाना, उनका दुनिया को अलविदा कह जाना सबसे बड़ी क्षति है। आज 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लता मंगेशकर कोविड संक्रमित थीं, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने पर उन्हें कुछ हफ्तों पहले साउथ मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। हालांकि उस समय उनकी तबियत में सुधार आया था, मगर बीते दिनों दोबारा उनका स्वास्थ बिगड़ गया, जिस वजह से उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पडा, वह लगातार चिकित्चकों की निगरानी में थीं।

आपको बता दें कि 92 वर्षीया गायिका के डॉ. प्रतीत समदानी ने कहा मीडिया से बातचीत में उनके ठीक होने की प्रार्थना करने के लिए कहा था। इससे पहले साल 2019 में जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई थी, तब भी उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, जहां वह 28 दिन भर्ती रही थीं।

सेलेब्स ने जताया शोक

बता दें कि लता मंगेशकर के निधन की खबर सुनकर पूरा देश शोक में डूब गया है। सेलेब्स और फैंस ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लता दीदी की मौत पर शोक जताया और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।

क्रिकेट वीरेंद्र सहवाग ने ट्विटर पर पोस्ट शेयर करके लता दीदी के मृत्यू पर शोक जताया है। पोस्ट में सहवाग ने कहा कि 'भारत की कोकिला, एक आवाज जो गूंजती है, दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए खुशी और खुशी लेकर आई है। उनके परिवार और फैन्‍स के प्रति हार्दिक संवेदना। शांति'

भूमि ने ट्वीट करके कहा, 'एक बहुत ही दुखद दिन और हम सभी और उनके फैन्‍स के लिए एक बहुत बड़ा लॉस। आपका योगदान हमेशा अमर रहेगा मैम। परिवार और दुनिया भर में उनके सभी फैन्‍स के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति'

तमन्‍ना ने ट्वीट करके कहा, 'हमने आज एक लीजेंड खो दिया। सचमुच एक युग का अंत। उनकी आत्मा को शांति और गौरव मिले।'

काजोल ने ट्वीट करके कहा, 'अगर हम एक-एक करके उनके गाने बजाएं, तो हम उसे एक महीने तक सुन सकते हैं। विपुल और गहरा। मैं अपनी कोकिला के लिए देश के बाकी लोगों के साथ शोक मना रही हूं। परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना।'

राष्‍ट्रपति ने भी जताया शोक

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, 'लता जी का निधन मेरे लिए हार्ट-ब्रेकिंग है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करते हुए पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। भारत रत्न लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न लता मंगेशकर के निधन पर दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा है कि मैं शब्दों की पीड़ा से परे हूं। लता दीदी हमें छोड़कर चली गईं। लता दीदी के जाने से देश में एक ऐसा खालीपन हुआ है, जिसे भरा नहीं जा सकता है। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।'

लता मंगेशकर के निधन पर 2 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है।

लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार

लता मंगेशकर के पार्थिव शरीर को अस्पताल से उनके पेडर रोड स्थित आवास पर भेज दिया गया है। उनका पार्थिव शरीर श्रद्धांजलि के लिए दोपहर तीन बजे तक उनके आवास पर रखा जाएगा। कथित तौर पर, उनके पार्थिव शरीर को शिवाजी पार्क ले जाया जाएगा, जहां आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

अंतिम संस्‍कार से पहले, महान गायिका का शरीर तिरंगे में ढंका हुआ था। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास के बाहर सैकड़ों फैन्‍स जमा हो गए थे। लता मंगेशकर की बहन आशा भोसले को अपनी बहन के पार्थिव शरीर के बगल में हाथ जोड़कर देखा गया। फूलों से सजी दिवंगत गायिका की तस्वीर वाला एक बड़ा ट्रक आवास पर पहुंचा और अंतिम संस्कार की शोभायात्रा शुरू हुई।

कथित तौर पर, 8 पुजारी अंतिम अनुष्ठान करेंगे। अनुष्ठान में उनके लिए मंत्रों का जाप किया जाएगा और इसमें लगभग 30 मिनट लगेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कथित तौर पर दाह संस्कार में शामिल होंगे और शाम 6 बजे तक पहुंचेंगे।

भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने अपने करियर में लगभग 25 से अधिक भाषाओं में 30 हजार से भी अधिक गाने गाए। उन्होंने हिंदी के अलावा कई भाषाओं में जैसे-बंगाली, मराठी, पंजाबी, गुजराती, तमिल और मलयालम भाषाओं में भी गाने गाए।

लता मंगेशकर का प्रारंभिक जीवन

28 सितंबर, 1929 में इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं। हृदयनाथ मंगेशकर, उषा, मीना औरआशा भोसलेलता के छोटे भाई-बहन थे और सभी का झुकाव शुरू से संगीत की तरफ था। लता शुरू से ही गायिका बनना चाहती थीं। पिता की मृत्यु के बाद उनके परिवार को बहुत संघर्ष करना पड़ा। पैसों के लिए लता मंगेशकर ने हिंदी और मराठी फिल्मों में अभिनय किया। जब उनका मन अभिनय से ऊबने लगा तो संगीत की ओर मन फिर भागने लगा।

धीरे-धीरे उन्होंने इसमें अपना करियर तलाश किया और साल 1942 में पार्श्व गायिका के तौर पर गाना शुरू किया। जब लता ने गाना शुरू किया तब इस क्षेत्र में पहले से ही नूरजहां, शमशाद बेगम और अमीरबाई कर्नाटकी की तूती बोलती थी।

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ऐसे मिला पहला ब्रेक

लता को पहला गाना एक मराठी फिल्म में मिला था, लेकिन वह किसी कारणवश रिलीज नहीं हो पाया था। उसके बाद 1945 में उस्ताद गुलाम हैदर अपनी आने वाली फिल्म के लिए लता को एक प्रोड्यूसर के स्टूडियो ले गए। इस फिल्म मेंकामिनी कौशलमुख्य भूमिका निभा रही थीं। वह चाहते थे कि लता उस फ़िल्म के लिए पार्श्वगायन करे, लेकिन गुलाम हैदर को निराशा हाथ लगी।

1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फिल्म 'आपकी सेवा में' में लता को गाने का मौका दिया। इस फिल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने फिल्म 'मजबूर' के गानों 'अंग्रेजी छोरा चला गया' और 'दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने' जैसे गानों से अपनी धाक जमाना शुरू की।

हालांकि, वह ख्याति प्राप्त करना अभी काफी दूर था। 1949 में फिल्म आई 'महल' और इसका गाना 'आएगा आने वाला' गीत लता ने गया था। यह गाना मधुबाला पर फिल्माया गया था। उस दौरान यह गाना खूब लोकप्रिय हुआ और लता ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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साल 1958 में पहली बार मिला फिल्म फेयर अवॉर्ड

लता मंगेशकर को पहली बार फिल्म 'मधुमति' के गाने 'आजा रे परदेसी' के लिए सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। उन्होंने कई सारे गाने गाए और संगीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें 1969 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। इतना ही नहीं 1999 में उन्हें पद्मविभूषण और 1989 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था।

लता मंगेशकर जिन्हें क्वीन ऑफ मेलडी भी कहा जाता है, को 1999 में महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड, साल 2001 में भारत रत्न, 3 राष्ट्रीय फिल्म अवॉर्ड और 1993 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया था। 1948 से 1989 तक 30 हजार से ज्यादा गाने गाकर वह गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी कायम कर चुकी थीं।

ऐसी इतनी बड़ी हस्ती का चले जाने से हम सब स्तब्ध हैं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को ऐसे समय में हिम्मत बख्शे।

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