देवी दुर्गा के नौवां रूप है देवी सिद्धिदात्री का। देवी सिद्धिदात्री की पूजा नवरात्रि की आखरी दिन यानी नौवमीं तिथि में की जाती है। देवी दुर्गा का सिद्धिदात्री स्वरूप केतु ग्रह को नियंत्रित करता है।
अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह के दुष्प्रभाव हैं तो आपको देवी सिद्धिदात्री की पूजा जरूर करनी चाहिए। देवी सिद्धिदात्री की पूजा से आपको केतु ग्रह के दुष्प्रभावों से राहत मिल जाती है। इन दिन घर में कन्या भोज करने की परंपरा है। यदि इस दिन आप घर पर 9 कन्याओं को बुला कर भोजन कराती हैं तो देवी आपसे प्रसन्न हो जाती हैं।
शुभ मुहूर्त
माता महागौरी की पूजा करने का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह 10:46 बजे से दोपहर 12:13 बजे तक रहेगा।
शुभ रंग-लाल रंग
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इस तरह करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा
देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप सिद्धिदात्री की पूजा कर्क,धनु, मकर, कुंभ और मीन राशि के जातकों के लिए बहुत ही शुभ होती है। इस राशि के लोगों को नौवमी तिथि पर हल्के नीले रंग के कपड़े पहन कर देवी जी के इस नौवें स्वरूप की पूजा करनी चाहिए। अगर आप देवी सिद्धिदात्री की पूजा करते हैं तो आपको शुभ समाचार और हर कार्य में सफलता मिलती है। देवी सिद्धिदात्री को प्रसन्न करने के लिए आपको हलवा,पूरी, चना, खीर, मालपुए आदि का भोग लगाना चाहिए।
अगर आपको लगता है कि आपके साथ कुछ अनहोनी घट सकती हैं तो आपको देवी जी को अनार फल का भोग लगाना चाहिए। देवी जी की पसंद के भोग के साथ ही आपको उनके इस मंत्र का जाप भी जरूर करना चाहिए। इससे आपको कल्याण होगा।
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स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मंत्र
ओम देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥
प्रार्थना
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
देवी जी का स्वरूप
देवी दुर्गा का नौवा स्वरूप सिद्धिदात्री माता हैं। यह लाल वस्त्र धारण करती हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। यह दाई ओर की भुजाओं में चक्र और गदा धारण करती हैं और बाई भुजा में शंख और कमल। देवी सिद्धिदात्री कमल पर बैठती हैं। पंडित दयानंद शास्त्री की मानें तो, ‘माँ सिद्धिदात्री आपको जीवन में अद्भुत सिद्धि, क्षमता प्रदान करती हैं ताकि आप सबकुछ पूर्णता के साथ कर सकें। सिद्धिदात्री का अर्थ ही यह है कि आपके सारे रुके काम पूरे हो जाएंगे।नवरात्र के व्रतों में शास्त्रानुसार करें भोजन ग्रहण और रहें हेल्दी
वैसे नवरात्रि के नौवीं तिथि को महानवमी भी कहा जाता है। इस दिन सभी को कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उन्हें घर बुलाना चाहिए और उन्हें भोजन कराना चाहिए। इतना ही नहीं इस दिन आप कन्याओं को कुछ भी उनकी जरूरत का सामान भी दे सकती हैं। महानवमी को देवी के 9 रूपों की तरह आपको घर पर 9 कन्याओं को भोजन करना चाहिए। ऐसा करने से भक्तों पर मां दुर्गा की कृपा बरसती है।’
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