Lauki Ki Paidawar Kaise Badhaye: क्या आपने भी घर के आंगन या छत पर लौकी की बेल लगाई है, लेकिन लाख उपाय के बावजूद उस पर फल नहीं आ रहे हैं? यह समस्या कई गार्डनिंग लवर्स के साथ होती है। कई बार बेल खूब हरी-भरी दिखती है, फूल भी आते हैं, पर वे फल में नहीं दे पाते हैं। अगर आप भी इस स्थिति से जूझ रही हैं और सोच रही हैं कि आखिर लौकी की अच्छी पैदावार कैसे बढ़ाएं, तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।
इस लेख में हम आपको 5 ऐसी प्राकृतिक और आसान चीजों के बारे में बताएंगे, जिन्हें अपनी लौकी की बेल में डालकर आप उनके फलों की संख्या बढ़ा सकती हैं। इससे बेल भी स्वस्थ रहेगा और लौकी का स्वाद भी एकदम ऑरिजनल रहेगा। ये घरेलू उपाय आपकी बेल को जरूरी पोषण देंगे और उसे फलने-फूलने में मदद करेंगे। तो आइए उन जादुई चीजों के बारे में जानते हैं, जो आपकी लौकी की बेल को फलों से भर सकती हैं।
लौकी को भरपूर पोषण की आवश्यकता होती है। खासकर फल लगने के दौरान इसकी बेल की अच्छी देखभाल की खास जरूरत पड़ती है। गोबर की खाद या केंचुआ खाद, जैविक खाद का सबसे अच्छा स्रोत है। इनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के साथ-साथ कई सूक्ष्म पोषक तत्व भी होते हैं जो पौधों के समग्र विकास और फल लगने के लिए आवश्यक हैं। हर 15-20 दिन में एक बार बेल के आधार के चारों ओर 1-2 मुट्ठी अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या केंचुआ खाद डालें। खाद डालने के बाद हल्की गुड़ाई करें और पानी दें ताकि पोषक तत्व मिट्टी में घुल जाएं।
नीम की खली एक उत्कृष्ट जैविक खाद है। यह पौधों को बीमारियों और कीटों से बचाने में भी मदद करती है। इसमें नाइट्रोजन होता है जो बेल की वृद्धि में सहायक है, और इसके एंटी-फंगल व एंटी-बैक्टीरियल गुण जड़ों को स्वस्थ रखते हैं। महीने में एक बार बेल के चारों ओर 1 चम्मच नीम की खली डालें। आप इसे मिट्टी में मिलाकर भी डाल सकते हैं। यह धीरे-धीरे पोषक तत्व छोड़ती है।
केले के छिलके पोटेशियम से भरपूर होते हैं, जो पौधों में फूल और फल लगने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं। पोटेशियम फलों के आकार और गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद करता है। कुछ केले के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काट लें। इन्हें एक लीटर पानी में 2-3 दिनों के लिए भिगो दें। इस पानी को छानकर लौकी की बेल की जड़ों में डालें। आप हर 10-15 दिनों में इसका उपयोग कर सकते हैं।
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छाछ एक प्राकृतिक फंगीसाइड (कवकनाशी) है और इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड पौधों के लिए फायदेमंद होता है। यह मिट्टी की उर्वरता में सुधार करता है और पौधों को सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे फलों की संख्या और गुणवत्ता बढ़ती है। ताजी छाछ को बराबर मात्रा में पानी के साथ मिलाएं। इस घोल को लौकी की बेल की पत्तियों पर स्प्रे करें और जड़ों में भी थोड़ा डालें। यह उपाय आप महीने में 1-2 बार कर सकते हैं।
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लकड़ी की राख में पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे कई खनिज होते हैं जो पौधों के विकास और फल लगने के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह मिट्टी के pH को भी संतुलित करने में मदद करती है। सावधान रहें कि केवल बिना पॉलिश की हुई लकड़ी की राख का उपयोग करें। महीने में एक बार बेल के चारों ओर एक छोटी चम्मच राख छिड़कें और मिट्टी में मिला दें। अधिक मात्रा में उपयोग से बचें, क्योंकि यह मिट्टी को बहुत अधिक क्षारीय बना सकती है।
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