मुहर्रम मुसलमानों के सबसे खास त्योहारों में से एक है। यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है। जैसे इंग्लिश कैलेंडर में नए साल की शुरुआत 1 जनवरी को होती है, वैसे ही इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक मोहर्रम पहला माना जाता है। शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच इस त्योहार का खास महत्व है। इसे मुख्य रूप से पैगंबर मुहम्मद के नवासे, इमाम हुसैन की शहादत के लिए जाना जाता है। आइए जानते हैं, इस साल किस तारीख को मोहर्रम की शुरुआत हो रही है और त्योहार किस दिन मनाया जाएगा।
कब है मुहर्रम?
इस्लामिक जानकारों और कैलेंडर के मुताबिक इस साल 27 जून को मुहर्रम के महीने की शुरुआत हो सकती है। लेकिन यह पूरी तरह से चांद के दीदार पर डिपेंड करता है। अगर 27 को मुहर्रम के महीने की शुरुआत होती है, तो इसके 10वें दिन अशूरा यानी मुहर्रम का त्योहार मनाया जाएगा। अगर चांद नहीं नजर आता है, तो 28 जून को मुहर्रम की शुरुआत होगी,तो अशूरा 7 जुलाई को हो सकता है।आशूरा के दिन ही दुनिया भर में ताजियादारी की जाएगी।
मुहर्रम कैसे मनाया जाता है?
शिया मुसलमान
- भले ही यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है, लेकिन इस महीने को गम का महीना माना जाता है। मुहर्रम शिया और सुन्नी मुसलमान दोनों ही मनाते हैं, लेकिन इनके मनाने का तरीका थोड़ा अलग होता है।
- शिया मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए शोक मनाते हैं।
- मुहर्रम की पहली तारीख से ही शिया मुसलमान मस्जिद में इकट्ठा होते हैं। इस दौरान मस्जिद में कर्बला की घटना का जिक्र होता है और इमाम हुसैन की शहादत बयान की जाती है, जिसे सुनकर लोग रोते हैं और मातम मनाते हैं।
- शोक व्यक्त करने के लिए शिया मुसलमान पूरे मुहर्रम महीने में काले कपड़े पहनते हैं।
- कुछ शिया शोक व्यक्त करने के लिए जंजीरजनी और सीनाजनी करते हैं, यानी सीना पीटते हैं, और जंजीरों से खुद को मारते हैं। ऐसा करके वो इमाम हुसैन पर किए गए जुल्मों और मुश्किलों को महसूस करते हैं।
- कुछ लोग पैदल यात्रा निकालते हुए इमाम हुसैन के बलिदान को याद करते हैं। लोगों को लंगर खिलाया जाता है। जगह-जगह शरबत और पानी बांटा जाता है।
सुन्नी मुसलमान
- सुन्नी मुसलमान मुहर्रम की 9वीं और 10वीं या फिर 10वीं या 11वीं तारीख को रोजा रखते हैं। माना जाता है कि इस दिन पैगंबर मुहम्मद ने रोजा रखा था। इससे गुनाहों की माफी मिलती है।
- सुन्नी इस महीने में अल्लाह की खूब इबादत करते हैं,दुआएं मांगते हैं और कुरान पढ़ते हैं।इस महीने गरीबों को खाना खिलाया जाता है।
क्या है मुहर्रम का इतिहास?
जानकारी के मुताबिक इस दिन पैगंबर मुहम्मद के नवासे इमाम हुसैन की शहादत से जुड़ा है। इसी महीने में बादशाह यजीद ने इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में बंद कर दिया था। मुहर्रम के 10वें दिन इमाम हुसैन और उनके साथी शहीद हुए थे।
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