महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है, जिसके तहत अब राज्य में सभी सरकारी दस्तावेजों में मां का नाम दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने भी स्टूडेंट्स की डिग्री और सर्टिफिकेट पर पिता के साथ मां का नाम शामिल करने का फैसला सुनाया है।
यह पहल एक बड़ा कदम हो सकता है, जो महिलाओं को समाज में उनकी पहचान और महत्व को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इसके माध्यम से महिलाओं को उनकी सार्वजनिक और सरकारी दस्तावेजों में भी पूरा सम्मान और पहचान मिलेगा, जो समाज में उनके समान हिस्सेदारी को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, इस फैसले से मातृत्व को भी ज्यादा समझा जाएगा और पितृत्व के साथ मातृत्व की भी अहमियत समझाई जा सकेगी।
एकनाथ गंगुबाई संभाजी शिंदे...!
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) March 12, 2024
आई एक नाव असतं... घरातल्या घरात गजबजलेलं गाव असतं... कवी फ.मु. शिंदे यांच्या कवितेच्या ओळींमधून आईची महती आपल्याला समजते. आपल्याला जन्म देण्यापासून आपल्याला मोठे करण्यात ज्या माऊलीचा सिंहाचा वाटा असतो तिला तिचं श्रेय देण्याचा ऐतिहासिक निर्णय राज्य… pic.twitter.com/PTEJt4AGii
दिल्ली हाईकोर्ट का फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया है, जिसके तहत अब सभी छात्रों के सभी दस्तावेजों पर मां का नाम भी अनिवार्य तौर पर दर्ज कराना होगा। यह फैसला महिलाओं के सम्मान को बढ़ावा देने और समाज में उनके योगदान को स्वीकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार का फैसला
महाराष्ट्र सरकार ने भी सभी सरकारी दस्तावेजों में पिता के साथ मां का नाम भी शामिल किए जाने को अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला भी महिलाओं के सम्मान और समानता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ा कदम है।
इसे भी पढ़ें: अब आधार कार्ड की तरह काम करेगा बर्थ सर्टिफिकेट, घर बैठे ऐसे बनाएं ऑनलाइन
कौन से ऑफिसियल डॉक्यूमेंट होंगे शामिल
महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार यानी 11 मार्च को कैबिनेट मीटिंग में और सीएम एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में यह फैसला लिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने 11 मार्च 2024 के कैबिनेट फैसले को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। 1 मई 2024 से लागू हो जाएगा। इसका मतलब है कि जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल की मार्कशीट, सर्टिफिकेट्स, प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स, आधार कार्ड, पैन कार्ड सहित सभी सरकारी दस्तावेजों में अब मां का नाम लिखना होगा।
इसके अलावा शादीशुदा महिलाओं के मामले में महिला के नाम के बाद उसके पति के पहले नाम और उपनाम की मौजूदा व्यवस्था को जारी रखने की अनुमति दी जाएगी।
इसे भी पढ़ें: Voter ID कार्ड पर गलत हो गई है नाम की स्पेलिंग? इस तरीके से घर बैठे ही कर सकते हैं सुधार
अनाथ बच्चों को इस नए नियम में मिलेगी छूट
यह फैसला महिलाओं के सम्मान को बढ़ावा देने और समाज में उनके योगदान को स्वीकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। हालांकि, अनाथ बच्चों को इस नए नियम से छूट दी गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने पहले कहा था कि इस फैसले से माताओं को अधिक मान्यता देने की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा सकता है। कैबिनेट ने राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार के जन्म और मृत्यु रजिस्टर में भी जरूरी बदलाव पर चर्चा की है। केंद्र सरकार से आदेश मिलने के बाद जन्म या मृत्यु रजिस्ट्रेशन करने में बच्चे का नाम, मां का नाम, उसके बाद पिता का नाम और उपनाम दर्ज करने की मंजूरी दी गई है।
अगर आपको हमारी स्टोरी से जुड़े सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिये गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर करना न भूलें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए हर जिंदगी से जुड़े रहें।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें-
Image credit: Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों