मुगलों का शासन लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा है, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी। कहा जाता है मुगल इतिहास में बाबर के बाद सबसे ज्यादा इंटरेस्टिंग अगर कोई शख्स है तो वो अकबर है। 13 साल की उम्र में बादशाह बनने वाला और अंदरूनी और बाहरी तौर पर राजनीति में फंसा अकबर अपने आप में एक एरा है।
हालांकि, अकबर के अलावा भी मुगल साम्राज्य को आगे बढ़ाने का काम किया है- जैसे- हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब आदि। मगर जितना विवाद और कोरा झूठ मुगलों को लेकर चलता रहता है। ऐसे में हमारे लिए जरूरी है कि मुगलों को पढ़ा जाना चाहिए। वैसे तो मुगल साम्राज्य का शासन का दौर काफी लंबा रहा है, जिसके बारे में विस्तार से बात कर पाना थोड़ा मुश्किल है।
मगर हम आपको लेख के माध्यम से थोड़ा-थोड़ा बताने की भी कोशिश करते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपके लिए मुगल प्रशासन में सबसे प्रभावशाली किन्नर और इससे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। बता दें कि किन्नर शाही परिवार की महिलाओं की देखभाल करने का काम करते थे।
मुगल सल्तनत में कई किन्नरों ने काम किया , लेकिन जावेद का नाम इतिहास में दर्ज है। जावेद एक ऐसा किन्नर था जिसे पता था कि मौके पर अपने दिमाग का इस्तेमाल कैसे करना है। उसने ऐसा ही किया और मुगल इतिहासका सबसे प्रभावशाली हिजड़ा बन गया।
बता दें कि किन्नर जावेद की भर्ती मोहम्मद शाह रंगीला के शासनकाल में हुई थी, लेकिन बादशाह की मृत्यु के बाद जावेद एक प्रभावशाली किन्नर बनकर उभरा।
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बता दें कि जावेद अनपढ़ था जिसका जन्म निम्न वर्ग में हुआ था। कहा जाता है कि जावेद जासूसी करने में माहिर था। इसलिए मोहम्मद शाह रंगीला ने हरम में नियुक्त किया और सहायक अधीक्षक की उपाधि दी।
इतिहास के अनुसार जावेद की किस्मत बादशाह की मौत के बाद बिल्कुल बदल गई और वो 6 हजार मनसबदार का मुखिया बन गया।
इतना ही नहीं किन्नर जावेद को गुप्तचर विभाग का प्रमुख बनाया गया और नवाब बहादुर की उपाधि से नवाजा गया था। बता दें कि यह सम्मान पाने वाला इकलौता किन्नर था, जिसे नवाब किन्नर कहा जाता था।
किताब ‘फर्स्ट टू नवाब ऑफ अवध’ में उल्लेख मिलता है कि राजमाता उधमबाई के साथ जावेद के अच्छे संबंध थे। इसलिए भी जावेद को प्राथमिकता दी जाती थी।
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कहा जाता है कि हरम शाही महिलाओं के लिए बनवाया जाता था। इसलिए हरम के अंदर पुरुष या फिर किसी बाहर के आदमी को जाने की अनुमति नहीं थी। इसलिए हरम में महिलाओं की सुरक्षाका खास ध्यान रखा जाता था।
हरम की रखवाली करने के लिए किन्नरों की नियुक्ति की जाती थी। किन्नर हरम का न सिर्फ शाही महिलाओं की देखरेख करते थे बल्कि सारा काम भी देखते थे।
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