मुगल साम्राज्य का इतिहास काफी रोचक रहा है क्योंकि इस दौरान हिंदुस्तान पर कई सालों तक कई बादशाहों ने राज किया है। कहा जाता है कि मुगलों का शासन लगभग सन 1526 से 1707 तक रहा है, जिसकी स्थापना बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर की थी।
इसके बाद कई बहादुर बादशाहों ने मुगल साम्राज्य का शासन बढ़ाने का काम किया था जैसे- हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब प्रमुख बादशाहों के नाम आते हैं। बाबर से लेकर अकबर, जहांगीर, शाहजहां का शासन काल काफी दिलचस्प है क्योंकि इस दौरान न सिर्फ कई मकबरे का निर्माण हुआ बल्कि नई-नई नीतियां और पुरानी व्यवस्था को खत्म भी किया गया था।
इसलिए कई लोग मुगल शासन और मुगल शासन से जुड़ी चीजों को जानने में रुचि रखते हैं खासतौर पर मुगल दरबार। इसलिए आज हम आपको मुगल दरबार और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
क्या है मुगल दरबार?
मुगल दरबार मुगल साम्राज्य का शक्ति का केंद्र था, जिसमें राजनीतिक संबंध, प्रजा की समस्याओं और अपराध पर लगाम लगाने के लिए चर्चा की जाती थी। बता दें कि मुगल दरबार में कानून व्यवस्था और सामाजिक निर्माण पर चर्चा की जाती थी।
इसे ज़रूर पढ़ें-क्या था मुगल हरम? जहां काम करने के लिए नियुक्त किए जाते थे किन्नर
कैसे शुरू हुई मुगल दरबार की परंपरा?
इतिहासकारों के मुताबिक के अनुसार मुगल दरबार की शुरुआत सोलहवीं और सत्रहवीं में सदी में अस्तित्व में आई थी। कहा जाता है कि दरबार का मुख्य केंद्र बिंदु राजसिंहासन यानि तख्त था। उस वक्त इस व्यवस्था पर पूरी धरती टिकी हुई थी, जिसको चलाने के लिए नियम व्यवस्था बनाई गई थी। (मुगल बादशाह अकबर की बेगमों के बारे में)
सजा देने के लिए नियुक्त किए जाते थे किन्नर
कहा जाता है कि मुगल साम्राज्य में दरबारी नियुक्त किए थे, जो न सिर्फ दरबार का काम करते थे। इसमें सैनिकों की फौज को साथ-साथ किन्नरों की भी नियुक्ति की जाती थी। इन सैनिकों को भी दरबार का शिष्टाचार का पालन करना होता था। अगर कोई इसका उल्लंघन करता था, तो उसे दंड दिया जाता था। (मुगल साम्राज्य के शक्तिशाली बादशाह)
इसे ज़रूर पढ़ें-मुगल हरम में कैसी थी हिन्दू बेगमों की स्थिति? जानें रोचक तथ्य
महिलाओं के लिए था यह नियम
जब भी मुगल दरबार या फिर प्रजा से कोई महिला अपराध करती थी, तो उनके पर्दे का पूरा ध्यान रखते हुए किन्नरों को बुलाया जाता था और सुनवाई के बाद किन्नर ही जेल या फिर तहखाना तक ले जाते थे। यह व्यवस्था मुख्य रूप से महिलाओं के लिए ही थी। पुरूषों के लिए सैनिक नियुक्त किए जाते थे।
उम्मीद है यह जानकारी पसंद आई होगी। आपको लेख पसंद आया हो तो इसे शेयर और लाइक ज़रूर करें, साथ ही, ऐसी अन्य जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit- (@Freepik)
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों