राज्यसभा की पहली लेडी डेप्युटी चेयरमैन वायलेट अल्वा के बारे में जानें

वायलेट अल्वा ने अपनी जिंदगी में बहुत से ऐसे रिकॉर्ड कायम किए जिन्हें तोड़ पाना मुश्किल ही है। 

meet violet alva first lady deputy chairman of rajya sabha

आज़ाद भारत में ऐसी कई महिलाएं रही हैं जिन्होंने अपने दम-खम और अक्लमंदी से देश की दिशा को बदलने में मदद की है। हर फील्ड में इन महिलाओं ने कुछ खास किया है और अपने-अपने तरीके से माहौल को बेहतर बनाने और तरक्की में साथ देने की कोशिश की है। हरजिंदगी आजादी के 75 सालों में ऐसी ही 75 बेमिसाल महिलाओं के बारे में आपको कुछ ना कुछ बता रही है। ये वो महिलाएं हैं जिन्होंने अपनी-अपनी फील्ड में किसी खास काम की पहल कर इतिहास गढ़ने में मदद की है। इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं वायलेट हरी अल्वा के बारे में जो कई रिकॉर्ड बना गईं।

वायलेट हरी अल्वा ना सिर्फ एक लॉयर थीं बल्कि वो एक जर्नलिस्ट भी थीं, राजनीति में भी एक्टिव थीं और राज्यसभा की डेप्युटी चेयरपर्सन भी थीं। वॉयलेट हरी अल्वा भारतीय नेशनल कांग्रेस के साथ जुड़ी थीं और उन्होंने पूरी जिंदगी में मल्टी टैलेंटेड होने की मिसाल कायम की है।

voilet alva with husband

पहली महिला जिन्होंने स्थापित किए ये सारे रिकॉर्ड

जब भी वॉयलेट हरी अल्वा का जिक्र होता है तो अधिकतर सिर्फ यही बात होती है कि वो पहली महिला थीं जिन्होंने राज्यसभा में डेप्युटी चेयरपर्सन का पद संभाला था, लेकिन ये सिर्फ इतना नहीं है। वो भारत की पहली महिला एडवोकेट थीं जिन्होंने 1944 में फुल हाई कोर्ट बेंच के सामने एक केस लड़ा था। वो पहली महिला थीं जो ऑल इंडिया न्यूजपेपर एडिटर्स कॉन्फ्रेंस 1952 में बतौर स्टैंडिंग कमेटी मेंबर अपॉइंट हुई थीं।

first female deputy chairman of rajyasabha

बचपन से ही तेज़ थीं वायलेट अल्वा

24 अप्रैल 1908 में पैदा हुई वायलेट प्रोटेस्टेंट परिवार से ताल्लुक रखती थीं। मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ीं वायलेट ने जोचिम अल्वा से शादी की और उन दोनों ने मिलकर सोशल वर्क, जर्नलिज्म और आज़ादी के लिए संघर्ष शुरू किया। 1942 में क्विट इंडिया मूवमेंट के दौरान वॉयलेट जेल गईं और तब उनके साथ उनका नवजात बच्चा भी था। 1944 में उन्होंने एक मैगजीन की शुरुआत की जिसका नाम था 'The Begum' और उसके बाद उसका नाम बदलकर 'इंडियन वुमन' रख दिया गया। 1946 से 47 तक वो बॉम्बे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की डेप्युटी चेयरमैन रही थीं।

1947 में उन्होंने मुंबई के हॉनरेरी मजिस्ट्रेट की तरह काम किया था। 1948 से 54 तक वो वहीं पर जुवेनाइल कोर्ट की प्रेसिडेंट के तौर पर रही थीं। वो कई सारे सोशल वर्क करने वाले ऑर्गेनाइजेशन के साथ जुड़ी हुई थीं। 1952 में वो राज्यसभा से जुड़ीं और यूनियन डेप्युटी मिनिस्टर फॉर होम अफेयर्स के तौर पर 1957 से 1962 तक काम करती रहीं।

उन्होंने 1969 तक अपनी ड्यूटी निभाई और 17 नवंबर को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया। अकस्मात ही 20 नवंबर 1969 को उनकी मौत हो गई।

इसे जरूर पढ़ें- कौन थीं राजकुमारी अमृत कौर जिनकी वजह से भारत में तैयार हुआ AIIMS

पति के साथ तस्वीर लगी है संसद में

वायलेट अल्वा की तस्वीर उनके पति जोचिम अल्वा के साथ संसद के गलियारों में 2007 में लगाई गई थी। इसका कारण ये था कि ये दोनों ही संसद के पहले कपल थे। एक यादगार स्टाम्प भी 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा रिलीज किया गया था।

अल्वा परिवार अभी भी राजनीति में सक्रिय है और उनकी बहु मार्गरेट अल्वा कांग्रेस लीडर हैं।

वायलेट अल्वा के बारे में जानकर आपको कैसा लगा ये हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP