भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी के बारे में जानें

भारतीय महिला क्रिकेट टीम को दुनियाभर में एक नई पहचान दिलवाने वाली शांता रंगास्वामी क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान रह चुकी हैं। उनका जीवन अन्य महिलाओं के लिए बेहद ही इंस्पायरिंग है।

indian famous cricketer shanta rangaswami picture image

“कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों”- यह पक्तियां पूर्व भारतीय महिला क्रिकेटर शांता रंगास्वामी के जीवन पर एकदम सटीक बैठती हैं। उन्होंने अपने बल्ले से ना केवल दुनियाभर में खुद नाम कमाया, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को भी एक अलग पहचान दिलवाई। शांता रंगास्वामी को भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान होने का गौरव प्राप्त है।

जिस समय भारतीय महिला क्रिकेट टीम को बराबरी का दर्जा नहीं मिला था, उस समय भारत ने इनकी कप्तानी व नेतृत्व में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की थी। इतना ही नहीं, उन्हें पहला अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाली महिला बल्लेबाज के रूप में भी लोग याद करते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको महिला क्रिकेट टीम को एक आधार देने वाली इस दिग्गज महिला क्रिकेटर के जीवन से रूबरू करवा रहे हैं-

कौन हैं शांता रंगास्वामी

shanta rangaswami

शांता रंगास्वामी का जन्म 1 जनवरी 1954 को सी वी रंगास्वामी और राजलक्ष्मी से हुआ था। वह अपनी माता-पिता की तीसरी संतान हैं और उनकी छह बहनें हैं। वह पूर्व भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने 1976 से 1991 तक 16 मैचों में भारत के लिए महिला टेस्ट क्रिकेट खेला। वह भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान रहीं। उन्होंने 1976-77 में 8 मैचों में और 1983-84 में चार में टीम की कप्तानी की। उनकी कप्तानी में ही भारत ने नवंबर 1976 में पटना के मोइन-उल-हक स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली टेस्ट जीत दर्ज की। इस जीत ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम को एक अलग पहचान दिलवाई।

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खेलने के जज्बे को हमेशा रखा आगे

शांता रंगास्वामी उन महिलाओं में हैं, जिन्हें खेल के प्रति जुनून ही आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता था। एक बार उन्होंने बताया था कि 22 साल के अपने करियर के दौरान, उन्होंने अपने खेल के दिनों में एक पैसा नहीं कमाया। हालांकि, वह यह भी मानती हैं कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता है। अपने करियर के दिनों में वह व उनकी टीम ट्रेनों में अनारक्षित यात्रा करती थी। दरअसल, उस समय नेशनल चैंपियनशिप का फॉर्मेट नॉकआउट था। जिसका अर्थ यह था कि अगर नॉकआउट के दौरान कोई खिलाड़ी बाहर हो जाता है, तो उसे वापिस लौटना पड़ता था, ऐसे में पहले से टिकट बुक करवाना संभव ही होता था।(जाने कौन हैं Karnam Malleswari)

शांता रंगास्वामी की उपलब्धियां

achievements of shanta rangaswami

भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी ने अपने क्रिकेट करियर में कई उपलब्धियां हासिल की हैं-

  • शांता रंगास्वामी ने अपने करियर में टेस्ट मैच और वनडे मैच खेले हैं, जिसमें से उन्होंने 12 टेस्ट मैचों और 16 वनडे मैचों में भारतीय महिला टीम की कप्तानी की है।
  • साल 1976 में महिला टेस्ट क्रिकेट टीम ने इनकी कप्तानी में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी पहली जीत हासिल की।
  • वह पहली भारतीय महिला क्रिकेटर रहीं जिन्होंने महिला विश्व कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक बनाया।
  • शांता रंगास्वामी ने 1976 में अर्जुन पुरस्कार जीता। यह पुरस्कार पाने वाली वह पहली महिला प्राप्तकर्ता हैं।
  • इतना ही नहीं, वह बीसीसीआई द्वारा महिलाओं के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार की पहली प्राप्तकर्ता भी हैं।
  • कर्नाटक राज्य सरकार द्वारा साल 2019 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड भी दिया गया।
  • साल 2019 में वह भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन और बीसीसीआई एपेक्स काउंसिल का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनीं।

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यकीनन शांता रंगास्वामी की उपलब्धियां बेहद ही इंस्पायरिंग हैं। आपको भारतीय महिला क्रिकेट टेस्ट टीम की पहली कप्तान शांता रंगास्वामी के जीवन से जुड़ी यह जानकारी कैसी लगी? यह हमें फेसबुक पेज के कमेंट सेक्शन में अवश्य बताइएगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image Credit- Instagram, firstpost, thebridge, spcafe

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