हिंदू धर्म में हर एक व्रत, त्यौहार और तिथि का अलग महत्व है। ऐसा माना जाता है कि हर एक तिथि से कोई न कोई पौराणिक धारणा जुड़ी हुई है। इन्हीं तिथियों में से एक है अमावस्या तिथि। अमावस्या तिथि महीने में एक बार होती है और साल में 12 अमावस्या तिथियां पड़ती हैं जिनका अपना अलग महत्व बताया गया है। इन्हीं अमावस्या तिथियों में से एक प्रमुख है माघ महीने की अमावस्या तिथि। इस तिथि को माघी अमावस्या और मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
इस दिन मुख्य रूप से नदी में स्नान और दान किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस तिथि में पवित्र नदी स्नान करने से कई पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाओं को पूर्ति होती है। इस दिन भगवान् विष्णु जी की पूजा का अलग महत्व है और अमावस्या तिथि के दिन पितरों की शांति के लिए उनके नाम से दान पुण्य किया जाता है। आइए अयोध्या के पंडित श्री राधे शरण शास्त्री जी से जानें इस साल कब मनाई जाएगी माघी अमावस्या और इसका क्या महत्व है।
मौनी अमावस्या 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या इस साल 1 फरवरी 2022, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। चूंकि ये अमावस्या माघ महीने में पड़ती है इसलिए इसे माघी अमावस्या कहा जाता है। पंडित जी के अनुसार के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान व तप के अलावा व्रत कथा का पाठ करने से इस दिन का पूर्ण फल मिलता है।
- मौनी अमावस्या तिथि आरंभ- 31 जनवरी, रात 2 बजकर 18 मिनट पर
- मौनी अमावस्या तिथि समापन- 1 फरवरी सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर
- चूंकि मौनी अमावस्या में स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है इसलिए स्नान के लिए शुभ मुहूर्त 1 फरवरी 2022 को बन रहा है।
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का महत्व
ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत लाभकारी होता है। ऐसी मान्यता है कि जो इस दिन नदी में स्न्नान करता है और सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन पितरों को याद करते हुए जल तर्पण करने का विधान भी है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन गरीबों को तेल, तिल, चावल, उड़द दाल ,गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान करने का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष है उन्हें इस दिन सफ़ेद चीजों का दान करना चाहिए।
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मौनी अमावस्या तिथि का महत्व
शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन मौन धारण करते हुए गंगा जैसी किसी पवित्र नदी का स्नान करना चाहिए जिससे आपको सभी पापों से मुक्ति मिलती है। पितृ दोष होने पर इस दिन पितरों के नाम का दीपक जलाएं और घर के बाहर मुख्य द्वार के पास पितरों के नाम का दीपक जलाएं। ऐसा करने से सभी दोषों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गंगा नदी में समस्त देवी देवताओं का वास होता है इसलिए गंगा नदी में स्नान से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
मौनी अमावस्या तिथि में व्रत और दान पुण्य के नियम
- इस दिन प्रातः जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करें और यदि आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो नहाने के जल में थोड़ा गंगा जल मिलाएं।
- स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए ऐसा करने से शुभ लाभ मिलते हैं।
- ऐसी मान्यता है इस दिन मौन व्रत रखते हुए उपवास रखना चाहिए और गरीबों को सामर्थ्य अनुसार दान देना चाहिए।
- इस दिन गरीब लोगों को और जरूरतमंदों को भोजन करवाएं।
- हर अमावस्या तिथि की भांति माघ महीने की मौनी अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए।
- पितरों को याद करते हुए उनके नाम का दीपक जलाएं और तर्पण करें।
इस प्रकार अमावस्या तिथि में मौन व्रत रखने और पितरों को याद करते हुए पवित्र स्नान करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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