उत्तर प्रदेश में होली की अलग ही धूम देखने को मिलती है। होली के त्योहार पर रंगों के साथ भक्ति और उत्साह भी अपने चरम पर होता है। मथुरा-वृंदावन की होली के बारे में बारे में सभी जानते हैं, लेकिन यूपी के कई अन्य शहर भी रंगों के त्योहार के लिए प्रसिद्ध हैं। ऐसे तो हमारे देश में हर त्योहार को अलग-अलग जगह पर खास रस्मों और तरीकों से मनाया जाता है। यही वजह है कि आज हम इस आर्टिकल में यूपी की अलग-अलग जगहों की प्रसिद्ध होली के बारे में बताने जा रहे हैं।
होली यानी रंगों का त्योहार इसे हर कोई अपने अंदाज में सेलिब्रेट करता है, इसमें कोई दो राय नहीं है। लेकिन, कभी आपने सुना है कि कपड़ा फाड़ होली के बारे में सुना है। अगर नहीं, तो बता दें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कपड़ा फाड़ होली मनाई जाती है। प्रयागराज की तरह ही यूपी में कई जगह धमाल होली मनाई जाती है। आइए, यहां जानते हैं कि मथुरा-वृंदावन की तरह ही यूपी के किस-किस शहर की होली फेमस है।
यूपी में इन 5 जगहों पर खेली जाती है धमाल होली
बनारस
मथुरा-वृंदावन की तरह ही उत्तर प्रदेश के बनारस की होली भी प्रसिद्ध है। जी हां, बनारस जिसे काशी या वाराणसी भी कहा जाता है यहां पर गंगा घाटों पर रंगभरी एकादशी के दिन होली की अलग ही छटा देखने को मिलती है। इस होली को काशी विश्वनाथ की पारंपरिक होली भी कहा जाता है। इस दिन पहले गंगा की आरती की जाती है और फिर रंग खेला जाता है।
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काशी की मसान होली
रंगभरी एकादशी के अगले दिन काशी में मसान की होली खेली जाती है। जी हां, काशी यानी बनारस के प्रसिद्ध और प्राचीन घाट मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र पर अघोरी और घाट निवासी महाश्मशान की होली यानी मसान की होली खेलते हैं। मसान की होली के अनोखे और प्रसिद्ध होने के पीछे की वजह यह है कि इसे जलती चिताओं के बीच भस्म से खेला जाता है।
लखनऊ की होली
लखनऊ की होली भी अनोखी होती है। रंगों के त्योहार पर नवाबों के जमाने से होली की सवारी निकलती है, जिसमें करीब दो किलोमीटर तक हाथी, घोड़ा, ऊंट आदि की सवारी निकलती है। इस सवारी की साथ ढोल भी मौजूद होता है, जिसकी ताल पर लोग नाचते और रंगों का त्योहार मनाते हैं।
प्रयागराज की होली
प्रयागराज यानी संगम की नगरी में होली का त्योहार एक दिन का नहीं, बल्कि तीन दिन का होता है। जी हां, पहले दिन प्रयागराज में रंग यानी गुलाल उड़ाकर होली खेली जाती है और दूसरे दिन रंग के साथ कपड़ा फाड़ होली खेली जाती है। इस दिन सड़क पर होलियारों की टोली निकलती है और वह किसी का भी कपड़ा फाड़ कर रंग खेलते हैं। प्रयागराज की इस कपड़ा फाड़ होली को लोकनाथ की होली भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि लोकनाथ की होली में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, महाकवि निराला समेत कई राजनेता और साहित्यकार शामिल होते थे। इसे मथुरा-वृंदावन के बाद यूपी की दूसरी बड़ी होली माना जाता है।
आगरा की होली
आगरा में सिर्फ ताजमहल ही नहीं, यहां की होली भी फेमस है। हर साल आगरा में होली के त्योहार पर अलग-अलग और भव्य समारोह आयोजित किए जाते हैं। जिनमें से कई समारोह में चमकीले रंगों से होली खेली जाती है।
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हमीरपुर की होली
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में होली पर 300 साल पुरानी परंपरा निभाई जाती है। इस परंपरा में गांव की महिलाएं एक साथ राम जानकी मंदिर से बारात निकालती हैं और कमाल की बात यह है कि इसमें एक भी पुरुष शामिल नहीं होता है। महिलाएं होली का आनंद लेती हैं और फिर दूल्हा बारात निकाली जाती है। जिसमें एक व्यक्ति को घोड़े पर बैठाया जाता और बैंड बाजा के साथ बारात निकलती है। बारात के बाद महिलाएं दूल्हे को टीका लगाती हैं और फिर पूरे गांव में रंग खेला जाता है।
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Image Credit: Herzindagi
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