महाशिवरात्रि, भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य विवाह का उत्सव, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन, भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत रखना भी बहुत शुभ माना जाता है। हालाँकि, व्रत का उचित समापन भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अब ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन किस मुहूर्त में पारण करें, व्रत और उद्यापन विधि क्या है। साथ ही पारण के दौरान किन नियमों का पालन करना और व्रत पारण का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त (Mahashivratri Vrat Paran Muhurat 2025)
महाशिवरात्रि भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें सुख-शांति मिलती है।
- महाशिवरात्रि पारण समय: 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक है।
महाशिवरात्रि के दिन व्रत-उद्यापन की विधि क्या है?
महाशिवरात्रि के दिन की शुरुआत जल्दी उठकर और भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करके करें। इस दौरान, "ऊं नमो नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते रहें। शाम को, फल खाकर अपना व्रत तोड़ें। हालांकि, जो लोग रात के चारों पहर में शिव जी की पूजा करते हैं, वे अगले दिन व्रत का पारण करते हैं।
महाशिवरात्रि के अगले दिन, सुबह उठकर स्नान करें और फिर विधिपूर्वक शिव जी की पूजा करें और गंगाजल से अभिषेक करें। ध्यान रखें कि शिवरात्रि व्रत के पारण के दौरान केवल सात्विक भोजन ही करें। पारण में मूली, बैंगन आदि खाने से बचें। इस दिन ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा भी दें। ऐसा करने से आपको महाशिवरात्रि व्रत का पूरा फल मिलता है।
महाशिवरात्रि के दौरान पारण के दौरान किन नियमों का करें पालन?
महाशिवरात्रि का व्रत भगवान शिव के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। इस व्रत को रखने वाले भक्त पूरे दिन उपवास करते हैं और रात्रि में शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। पारण के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।
- महाशिवरात्रि का व्रत रात्रि के चार प्रहरों की पूजा के बाद अगले दिन सूर्योदय के बाद ही खोलना चाहिए।
- जिन्होंने एक समय का उपवास रखा है, वे प्रदोष काल में पूजा के बाद अन्न ग्रहण कर सकते हैं।
- पारण के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें, उन्हें जल, बेलपत्र, फल और मिठाई अर्पित करें।
- पारण में सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मछली आदि का सेवन न करें।
- पारण से पहले ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। इससे भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का पूर्ण फल मिलता है।
- शिवरात्रि का व्रत पूजा में चढ़ाए गए फलों से ही करना चाहिए।
- व्रत में आप साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े का हलवा, कुट्टू के आटे की पूड़ी, सामा के चावल, आलू का हलवा खा सकते हैं।
इसे जरूर पढ़ें - Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर करें ये उपाय, मिल सकता है मनचाहा जीवनसाथी
महाशिवरात्रि के दिन व्रत-उद्यापन के दौरान मंत्र जाप
महाशिवरात्रि के दिन व्रत-उद्यापन के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे व्यक्ति को मनचाहा परिणाम मिल सकता है।
- "ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥"
- ऊं नमः शिवाय
- ऊं नमो भगवते रुद्राय
इसे जरूर पढ़ें - Maha Shivratri 2025 Panchkoshi Parikrama: महाशिवरात्रि के दिन पंचकोसी परिक्रमा से पूरी होती हैं मनोकामनाएं, जानें किसने की थी शुरुआत
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों