महाशिवरात्रि, जो हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। वहीं इस साल यह शुभ पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। यह पवित्र मिलन न केवल देवताओं के लिए, बल्कि भक्तों के लिए भी एक उत्साहजनक अवसर है। महाशिवरात्रि पर भक्त उपवास रखते हैं और मंदिरों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करते हैं। यदि आप घर पर पूजा करने की योजना बना रहे हैं, तो पहले से तैयारी करना महत्वपूर्ण है।
अब ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए क्या-क्या सामग्री की आवश्यकता है। इसके बारे ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा के लिए सामग्री (Mahashivratri Puja Samagri List 2025)
- शिव-पार्वती की फोटो या फिर शिवलिंग - यह पूजा का केंद्र बिंदु है, जो भगवान शिव और देवी पार्वती का प्रतिनिधित्व करता है। शिवलिंग भगवान शिव का निराकार रूप है, जबकि फोटो या मूर्ति उनका साकार रूप है।
- बेलपत्र - भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। यह शांति और पवित्रता का प्रतीक है।
- धतूरा - भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। इसका आयुर्वेदिक महत्व भी है।
- भांग - भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। यह ध्यान और एकाग्रता का प्रतीक है।
- दीपक 5 या 11- अंधकार को दूर करने और प्रकाश फैलाने का प्रतीक है। 5 या 11 दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
- नारियल - शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को नारियल चढ़ाने से लाभ हो सकता है।
- रक्षासूत्र - सुरक्षा और आशीर्वाद का प्रतीक है। इसे कलाई पर बांधा जाता है।
- पीली सरसों - इसका उपयोग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए किया जाता है। इसलिए आप पीली सरसो भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं।
- अरबा चावल - शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है। आप इसे भगवान शिव को अर्पित कर सकते हैं। इससे व्यक्ति को मनचाहा फल मिल सकता है।
- तिल - शुद्धता और शांति का प्रतीक है। इसे हवन में भी उपयोग किया जाता है।
- जौ - अन्न का प्रतीक है और भगवान को चढ़ाने से सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
- चंदन - शीतलता और शांति का प्रतीक है। इसे शिवलिंग पर लगाने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
- कुमकुम - सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। इसे महिलाओं द्वारा माथे पर लगाया जाता है।
- सिंदूर - सौभाग्य और शक्ति का प्रतीक है। इसे शिव और शक्ति को चढ़ाने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।
- भस्म - पवित्रता और वैराग्य का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को चढ़ाने से उनकी कृपा बनी रहती है।
- केसर - शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।
- धूप - शुद्धता और सुगंध का प्रतीक है। इसे वातावरण को शुद्ध करने के लिए जलाया जाता है।
- कपूर - पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इसे आरती के समय जलाया जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- घी - पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे दीपक में और हवन में उपयोग किया जाता है। इसे शुद्धता का भी कारक माना जाता है।
- शक्कर - मिठास और समृद्धि का प्रतीक है। इसे भगवान को भोग लगाएं और अपनी मनोकामनाएं कहें।
- शहद - पवित्रता और स्वास्थ्य का प्रतीक है। इसे पंचामृत में उपयोग किया जाता है। इससे वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
- दूध और दही (पंचामृत और अभिषेक के अनुसार) -पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से व्यक्ति का भाग्योदय हो सकता है।
- पान (कम से कम 15 पत्ते) - समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। इसे भगवान को चढ़ाने से मनचाहा परिणाम मिल सकता है।
- सुपारी - समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से व्यक्ति को लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।
- लौंग - शुद्धता और सुगंध का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिल सकता है।
- इलायची - शुद्धता और सुगंध का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से प्रेम विवाह के योग बन सकते हैं।
- वस्त्र (धोती-गमछा भगवान शिव को चढाने के लिए और साड़ी माता पार्वती के लिये) - सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक है। भगवान और देवी को अर्पित किया जाता है। इससे व्यक्ति को दरिद्रता से भी छुटकारा मिल सकता है।
- 16 श्रृंगार सामग्री - सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक है। देवी पार्वती को अर्पित करने से वैवाहिक जीवन सुखी रहता है।
- पीला कपड़ा - शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे पूजा में उपयोग करने से व्यक्ति को ग्रहदोष से छुटकारा मिल सकता है।
- जनेऊ - पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। भगवान शिव को चढ़ाने से सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।
- गुलाब जल - शुद्धता और सुगंध का प्रतीक है। यह भगवान शिव को बेहद प्रिय है।
- इत्र - शुद्धता और सुगंध का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को चढ़ाने से कुंडली में स्थित शुक्रग्रह मजबूत हो सकता है।
- अबीर - खुशी और उत्साह का प्रतीक है। इसे भगवान शिव को चढ़ाया जाता है। क्योंकि यह होली के आगमन का प्रतीक है।
- पंचमेवा - समृद्धि और पौष्टिकता का प्रतीक है। यह भगवान शिव को बेहद प्रिय है।
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- शमीपत्र - भगवान शिव को अतिप्रिय है। यह शनिदेव को भी प्रिय है। इसे चढ़ाने से ग्रहदोष से छुटकारा मिल सकता है।
- आम का पल्लव - शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे पूजा में सौभाग्य के लिए चढ़ाया जता है।
- केला का पत्ता - शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। इसे घर में मनचाहे परिणाम मिल सकते हैं।
- पीतल की थाली-कटोरी - शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। पीतल की थाली में भगवान शिव को चढ़ाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
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- गाय का दूध- पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है। इसे कुंडली में स्थित ग्रहदोष से छुटकारा मिल सकता है।
- हवन सामग्री-शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है। हवन करने से सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।
- अक्षत- पूर्णता और समृद्धि का प्रतीक है। इसे चढ़ाने से अगर आपके काम में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है तो उससे छुटकारा मिल सकता है।
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Image Credit- HerZindagi
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