भगवान शिव को हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली देवता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें संचालक और संहारक दोनों माना जाता है। शिव जी विषैले वासुकि नाग को धारण किए हैं, जिनके सिर पर चंद्रमा और जटाओं में माता गंगा का वास है।
भगवान शिव बहुत जल्द ही भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। ऐसा माना जाता है कि शिव जी सभी भक्तों की कामनाओं को पूर्ण करके उन्हें समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
भगवान अपने भक्तों की सच्ची भक्ति से प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव की पूजा में भी ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल होता है जो आसानी से उपलब्ध होती हैं। इन सामग्रियों में से बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी पत्तियों और काले तिल को प्रमुख माना जाता है। शिव भक्तों के लिए मुख्य रूप से शिवलिंग की आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री जैसे शुद्ध जल, बिल्व पत्र और धतूरा से की जाती है।
भगवान शिव गृहस्थ जीवन के लिए प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं। भगवान शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है, ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग दुनिया की सभी ब्रह्मांडीय शक्तियों का प्रतीक है।
ज्योतिष की मानें तो विभिन्न सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिए अनेक प्रकार के शिवलिंगों की पूजा करनी चाहिए। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें कि शिवलिंग कितने प्रकार के होते हैं और घर में किस शिवलिंग की स्थापना करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है।
पारद शिवलिंग
पारद शिवलिंग अत्यंत शक्तिशाली एवं चमकीला होता है और ज्योतिष में मान्यता है कि यह शिवलिंग शुद्ध पारे से बना होता है और इस शिवलिंग की पूजा से जीवन में शांति, सौभाग्य बना रहता है। इस शिवलिंग को आप जिस स्थान पर भी रखते हैं वहां सुख समृद्धि बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
मिश्री शिवलिंग
मिश्री से बने शिवलिंग की पूजा करने से कई प्रकार के शारीरिक रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है। शिव पुराण के अनुसार मिश्री से बने शिवलिंग की नियमित पूजा करने से असाध्य रोगों से छुटकारा मिलता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है।
आंवले का शिवलिंग
ऐसी मान्यता है कि आंवले से बने शिवलिंग की पूजा और रुद्राभिषेक करने से जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही इसका प्रयोग कुछ तांत्रिक क्रियाओं के लिए भी किया जाता है। इस वजह से इस शिवलिंग को नियमित पूजा के लिए घर के मंदिर में न रखने की सलाह दी जाती है।
जौ-गेहूं और चावल का शिवलिंग
संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले लोगों को जौ, गेहूं और चावल को समान मात्रा में आटे में मिलाकर शिवलिंग तैयार करके उसकी पूजा करने की सलाह दी जाती है और मान्यता है कि इससे जल्द ही संतान प्राप्ति की इच्छा पूर्ण होने के साथ संतान की अच्छी सेहत का आशीर्वाद भी मिलता है।
भस्म शिवलिंग
यह शिवलिंग भस्म से तैयार किया जाता है और मान्यता है कि इस शिवलिंग की पूजा करने से अनेक सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ज्यादातर तंत्र क्रिया से जुड़े लोग भस्म शिवलिंग की पूजा करते हैं। इस शिवलिंग की पूजा घर के मंदिर में नहीं करनी चाहिए।
पुष्प शिवलिंग
पुष्प शिवलिंग फूलों से तैयार किया जाता है और इस शिवलिंग की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। यदि आप नियमित रूप से समस्याएं दूर हो जाती हैं। प्रतिदिन फूल के शिवलिंग की पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
लहसुनिया शिवलिंग
लहसुनिया से बने शिवलिंग की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय मिलती है और सभी मनोकामनाएं की पूर्ति होती है।
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दही से बना हुआ शिवलिंग
दही को कपड़े में बांधकर रखने के बाद बचे हुए भाग से शिवलिंग बनाकर पूजा की जाती है और इसे दही का शिवलिंग कहा जाता है। मान्यता अनुसार इस शिवलिंग की पूजा करने से करने से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
स्फटिक शिवलिंग
स्फटिक से बने शिवलिंग की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और आपकी क्षमताओं का विकास होता है। इस शिवलिंग की पूजा आप घर के मंदिर में भी कर सकते हैं।
मोती का शिवलिंग
विवाहित महिलाओं के लिए मोती से बने शिवलिंग की पूजा बहुत लाभकारी होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती से बने शिवलिंग की पूजा करने से स्त्रियों के सुख में वृद्धि होती है। वहीं सोने से बने शिवलिंग की पूजा करने से सुख-समृद्धि मिलती है।
कौन सा शिवलिंग घर में रखना है शुभ
जब बात आती है घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की तब कुछ ही शिवलिंगों को घर में रखकर पूजा करने की सलाह दी जाती है। आप घर के मंदिर में में नर्मदा नदी से निकले शिवलिंग जिसे नर्मदेश्वर शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है, उसकी स्थापना कर सकते हैं।
इसके अलावा आपको घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करने की सलाह दी जाती है। इन शिवलिंगों की पूजा करने से आपके घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना के नियम
घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करने के लिए सही दिशा का होना जरूरी है। आपको उत्तर पूर्व दिशा में शिवलिंग की स्थापनाकरनी चाहिए। शिवलिंग की जलधारी हमेशा उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। आपको घर में अंगूठे के आकार से बड़े शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि बड़े आकार के शिवलिंग की पूजा घर की जगह मंदिर में करनी चाहिए।
यदि आप घर में शिवलिंग की स्थापना करती हैं तो आपको यहां बताए नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
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