महाशिवरात्रि का व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि का दिन शिव जी व माता पार्वती को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। यही कारण है कि भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं और साथ ही विशेष पूजा-पाठ और विधि-विधान से रुद्राभिषेक कर विभिन्न प्रकार की चीजें अर्पित करते हैं। इन्हीं विशेष चीजों में लौंग का जोड़ा भी एक ऐसी चीज है, जो कि शिवलिंग पर चढ़ाई जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि लौंग का जोड़ा शिवलिंग पर क्यों चढ़ाया जाता है और क्या इसे महाशिवरात्रि के दिन चढ़ाना शुभ माना जाता है?
आइए, इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं लौंग का जोड़ा
शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव को लौंग बहुत प्रिय है। लौंग का जोड़ा शिव और शक्ति का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता और ज्योतिषशास्त्र के अनुसार लौंग को दैवीय शक्ति की ऊर्जा का कारक कहा जाता है। यह भी माना जाता है कि शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है। महाशिवरात्रि के दिन भी लौंग का जोड़ा शिवलिंग को चढ़ाना शुभ परिणाम देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चढ़ाई हुई हर एक वस्तु का जातक पर दोगुना आशीर्वाद होता है। महाशिवरात्रि के दिन यदि लौंग का जोड़ा चढ़ाने से जातक को शिव-शक्ति की दोगुनी कृपा मिलती है। इसके साथ ही इस दिन लौंग का जोड़ा अर्पित करने से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। महाशिवरात्रि के दिन लौंग का जोड़ा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है।
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शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा किस विधि से चढ़ाएं?
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा के लिए एक लोटा, जल, लौंग का जोड़ा, घी, दीपक, धूप, नैवेद्य और आरती की थाली तैयार कर लें।
- क लोटे में शुद्ध जल भर लें।
- शिवलिंग के पास बैठकर ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए धीरे-धीरे शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
- आप चाहें तो इस समय भगवान शिव के अन्य मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं।
- शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद लौंग का जोड़ा लें और उसे शिवलिंग पर अर्पित कर दें।
- शिवलिंग के सामने घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद भगवान शिव की विधि-विधान से आरती करें।
- आप चाहें तो आरती के बाद शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं।
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Image Credit- HerZindagi
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