हिन्दू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। वैसे तो साल में 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं जिसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है। लेकिन माघ महीने की पूर्णिमा का अपना अलग महत्त्व है। माघ महीने की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों और मुख्य रूप से संगम में स्नान करने जाते हैं। आइए प्रख्यात ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इस साल कब है माघ पूर्णिमा और क्या है इसका महत्त्व।
कब है माघ पूर्णिमा
हिन्दू मान्यतानुसार पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। हर मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि आती है और उसी तिथि से नए माह की शुरुआत होती है। इस साल माघ मास की पूर्णिमा 27 फरवरी 2021 दिन शनिवार को है। इस दिन दान पुण्य और स्नान करने का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है।
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और ईश्वर का ध्यान करना अति उत्तम माना जाता है। इस साल माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है।
- माघ पूर्णिमा आरंभ- 26 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार को शाम 03 बजकर 49 मिनट से।
- माघ पूर्णिमा समाप्त- 27 फरवरी 2021 दिन शनिवार दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर।
- उदया तिथि 27 फरवरी को है इसलिए इस दिन मुख्य रूप से पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी और इसी दिन नदियों में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होगी।
पवित्र नदियों का स्नान है शुभ
कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करने से और दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले मनुष्यों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न रहते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य और धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।
माघ पूर्णिमा का महत्त्व
कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा में चन्द्रमा अपनी संपूर्ण कलाओं से ओत प्रोत होता है। इसलिए इस दिन पूजन अत्यंत लाभकारी होता है। माघ पूर्णिमा में विशेष रूप से भूखे और गरूबों को भोजन कराएं जिससे आपको पुण्य की प्राप्ति हो सके। किसी भी पवित्र नदी में स्नान करें। कहा जाता है इस दिन गंगा स्नान से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। माघ पूर्णिमा की पूर्णिमा पर चंद्रमा मघा नक्षत्र और सिंह राशि में होता है। इसलिए यह माघ मास कहलाता है और इसकी पूर्णिमा अत्यंत फलदायी होती है। इस तिथि को भगवान विष्णु का वास नदियों में होता है। इसलिए स्नान का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन गंगा स्नान करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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इस दिन क्या करें
- ज्योतिषाचार्यों के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन सबसे पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए।
- यदि आप किसी नदी में स्नान करने में असमर्थ हैं, तो स्नान के बाद शरीर पर गंगा जल छिड़कें।
- इसके बाद माघ पूर्णिमा व्रत नियमों का पालन करें। यदि आप व्रत करते हैं तो फलाहर ग्रहण करें।
- यदि व्रत न भी करें तब भी इस दिन सात्विक और बिना प्याज लहसुन के भोजन का सेवन करें।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
- माघ पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ अत्यंत फलदायी होता है।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान देने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
- विष्णु जी का पूरे श्रद्धा भाव से पूजन और आरती करें तथा सत्यनारायण कथा करें और प्रसाद वितरण करें।
माघ पूर्णिमा का शास्त्रों में विशेष महत्त्व है। इस दिन पूजन करें और पवित्र नदियों में स्नान करें। ऐसा करना फलदायी होगा।
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Image Credit: freepik
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