मैडम तुसाद म्यूजियम अपनी मोम की प्रतिमाओं को लेकर मशहूर है। कई सारे सेलिब्रिटीज के मोम के पुतलों को मैडम तुसाद म्यूजियममें रखा गया है जिन्हें देखने लोग दूर-दूर से आते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि कौन हैं मैडम तुसाद और उनका मोम के पुतलों से क्या संबंध है इसके बारे में हम आपको इस लेख में बताएंगे। इसके साथ-साथ हम आपको मैडम तुसाद के जीवन से जुड़ी हुई दिलचस्प चीजों को बताएंगे।
जानिए कौन है मैडम तुसाद?
आपको बता दें कि मैडम तुसाद का जन्म 1 दिसंबर को साल 1761 में फ्रांस के स्ट्रासबर्ग में हुआ था। मैडम तुसाद का असली नाम मेरी गोजोल्स था। आपको बता दें कि मैडम तुसाद के पिता सेना में जवान थे और उनकी मां घर संभालती थी लेकिन जब पिता की मृत्यु हो गई तो आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मैडम तुसाद की मां ने डॉक्टर कार्टियस के घर पर नौकरी करना शुरू किया। आपको बता दें कि डॉक्टर कार्टियस फ्री टाइम में मोम की मूर्तियां भी बनाते थे।
कैसे शुरू हुआ मोम के पुतले बनाने का सफर?
आपको बता दें कि डॉक्टर कार्टियस ने अपने फ्री टाइम में कई सारे मोम के पुतले बनाए जिसे बाद में उन्होंने बेचना शुरू किया और उन्हें इसके लिए कई सारे ऑर्डर भी मिलने लगे। डॉक्टर कार्टियस को मोम के पुतले बनाने में बहुत अधिक दिलचस्पी इसलिए भी थी क्योंकि उस समय लोग मोम के पुतलों पर अपनी पढ़ाई की प्रैक्टिस करते थे।(जानिए क्यों 'फॉर्च्यून पिंक' हीरा है दुनिया के सबसे महंगे हीरों में से एक?)
आपको बता दें कि डॉक्टर कार्टियस को उनके एक दोस्त उनके शहर के अमीर लोगों के लिए मोम के पुतलों को बनाने की सलाह दी ताकि उन्हें बेचकर वह अधिक पैसे कमा पाएं। इसके बाद डॉक्टर कार्टियस ने कई सारे अमीर लोगों के लिए मोम का पुतला बनाया और उन्हें बड़े ऑर्डर मिलने लगे।
इसे भी पढ़ें : जानिए आखिर क्यों यह है दुनिया का सबसे कीमती सिक्का?
जानिए मैडम तुसाद का क्या है मोम के पुतलों से संबंध?
डॉक्टर कार्टियस ने मैडम तुसाद यानी मेरी गोजोल्स को मोम के पुतलों को बनाना सिखाया था और इसके बाद मैडम तुसाद को मोम के पुतले बनाने में इंटरेस्ट आने लगा और वह मेहनत और लगन के साथ मोम के पुतलों को बनाने लगी।
इसके बाद साल 1794 में जब डॉक्टर कार्टियस की मृत्यु हो गई तो उससे पहले उन्होंने एक संग्रहालय खुलवाया था जिसका नाम उन्होंने मेरी गोजोल्स के नाम पर ही रख दिया लेकिन जब मेरी गोजोल्स की शादी फ्रेंको तुसाद से हुई तो उनका नाम मैडम तुसाद हो गया और उन्होंने मोम के पुतले बनाना जारी रखा और साल 1835 में लंदन की बेकर स्ट्रीट पर मैडम तुसाद का पहला म्यूजियम खोला जिसे देखने के लिए कई सारे लोग आए थे।(कारों के शौकीन लोगों को देश में स्थित इन कार म्यूजियम के बारे में जरूर जानना चाहिए)
इसके बाद साल 1842 में मैडम तुसाद ने अपना मोमो का पुतला भी बनाया था। साल 1850 मैडम तुसाद के निधन के बाद भी दुनिया में आज भी कई सारे ऐसे म्यूजियम बनाए गए हैं।
इसे भी पढ़ें- आंध्र प्रदेश में स्थित हैं ये बेहतरीन म्यूजियम, जानिए
तो ये थी मैडम तुसाद के जीवन से जुड़ी हुई कुछ दिलचस्प बातें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय हम तक जरूर पंहुचाएं। ऐसे ही अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
image credit- dreamstime/madame tussauds
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों