हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान सूर्य, जिन्हें सूर्य देव के नाम से भी जाना जाता है, उन्हें दुनिया के लिए जीवन और ऊर्जा का प्रदाता माना जाता है। सूर्य देव को प्रकाश, गर्मी और जीवन शक्ति के परम स्रोत के रूप में पूजा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्य ब्रह्मांड चक्र को नियंत्रित करते हैं, जो शक्ति, साहस और ज्ञान का प्रतीक माने जाते हैं। यदि हम वास्तु शास्त्र में भगवान सूर्य का प्रतिनिधित्व करने वाली मूर्ति या प्रतिमा की बात करते हैं तो घर में सूर्य देव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करना बहुत शुभ माना जाता है और इससे पूरे घर में ऊर्जा का संचार होता है।
सूर्य देव की प्रतिमा ऊर्जा और शुभता से जुड़ा होने के कारण अत्यधिक महत्व रखता है। आइए वास्तु विशेषज्ञ डॉ मधु कोटिया से जानें घर में सूर्य देव की तस्वीर या मूर्ति रखने के वास्तु नियमों के बारे में।
घर में भगवान सूर्य की मूर्ति रखने का महत्व
घर में सूर्य देव की मूर्ति रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि घर में भगवान सूर्य की मूर्ति रखने से सकारात्मक ऊर्जा और जीवन शक्ति का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि यह नकारात्मकता, अंधकार और बाधाओं को दूर करने में मदद करती है। यह मूर्ति घर में चमक, स्पष्टता और शुभता लाने में मदद करती है।
भगवान सूर्य को हमेशा से अच्छे स्वास्थ्य और जीवन शक्ति से जुड़ा हुआ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि घर में भगवान सूर्य की मूर्ति रखने से शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है और इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
यदि आप सूर्य देव की मूर्ति या तस्वीर की सही स्थान पर रखती हैं तो स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह आस-पास के वातावरण को उपचारात्मक ऊर्जा से भर देती है, जिससे स्वस्थ और जीवंत वातावरण को बढ़ावा मिलता है।
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सूर्य देव की तस्वीर घर की समृद्धि के लिए जरूरी है
भगवान सूर्य को प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। भगवान सूर्य की पूजा करके और घर पर उनकी मूर्ति रखकर, व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, धन और समृद्धि के लिए आशीर्वाद पा सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि यह वित्तीय स्थिरता और भौतिक प्रचुरता को आकर्षित करती है। जिस घर में यह तस्वीर होती है वहां अपने आप ही सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होने लगती है और घर की खुशहाली बनी रहती है।
सूर्य देव की तस्वीर से नेतृत्व और आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलता है
भगवान सूर्य नेतृत्व, साहस और आत्मविश्वास जैसे गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा माना जाता है कि घर में भगवान सूर्य की मूर्ति रखने से उस घर के निवासियों में ये गुण आ जाते हैं, जिससे उन्हें अपने जीवन की जिम्मेदारी लेने, चुनौतियों से पार पाने और दृढ़ संकल्प और लचीलेपन के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।
वास्तु शास्त्र में, भगवान सूर्य को आध्यात्मिक ज्ञान और उच्च चेतना से भी जोड़ा जाता है। ऐसा माना जाता है कि घर में उनकी मूर्ति रखने से आध्यात्मिक विकास, आंतरिक शक्ति और ज्ञान प्राप्त होता है। यह व्यक्तियों को आत्म-खोज की यात्रा शुरू करने, आत्मज्ञान और सांसारिक आसक्तियों से मुक्ति पाने के लिए प्रेरित करती है।
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वास्तु के अनुसार किस दिशा में स्थापित करें सूर्य देव की तस्वीर
यदि आप अपने घर में भगवान सूर्य की तस्वीर स्थापित कर रहे हैं तो आपको वास्तु के अनुसार सही दिशा का ध्यान रखना चाहिए। घर में भगवान सूर्य की मूर्ति लगाने के लिए आदर्श दिशा पूर्व को माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि यह दिशा उगते हुए सूर्य का प्रतीक होती है और यदि आप इसी दिशा में सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर लगाती हैं तो आपके लिए शुभ संकेत माने जाते हैं। यह दिशा उगते सूरज से जुड़ी है, जो नई शुरुआत, जीवन शक्ति और सकारात्मकता का प्रतीक मानी होती है।
मूर्ति को पूर्व दिशा में रखने से इस पर सूरज की पहली किरण पड़ती है जिससे इसकी ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है। यह तस्वीर उस स्थान को अपनी दिव्य उपस्थिति से ऊर्जावान बनाती है।
सूर्य देव की मूर्ति के लिए कैसा स्थान होना चाहिए
- यदि आप सूर्य देव की तस्वीर स्थापित कर रही हैं तो वह स्थान स्वच्छ और अच्छी रोशनी वाला होना चाहिए। हमेशा सुनिश्चित करें कि वह क्षेत्र जहां भगवान सूर्य की मूर्ति रखी गई है वह साफ-सुथरा, अव्यवस्था मुक्त और अच्छी रोशनी वाला होना चाहिए। सूर्य की पर्याप्त रोशनी प्रतिमा की आभा और चमक को बढ़ा सकती है, जिससे पूरे स्थान में सकारात्मक कंपन बढ़ जाता है।
- भगवान सूर्य की प्रतिमा को हमेशा एक स्थिर और ऊंचे मंच या वेदी पर ही रखने की सलाह दी जाती है। सुनिश्चित करें कि सूर्य देव की पूजा करते समय उनका स्थान आंखों के स्तर पर या थोड़ा ऊपर स्थित होना चाहिए, जिससे उनके प्रति सम्मान प्रदर्शित होता है। इसे कभी भी सीधे जमीन या अंधेरे वाले स्थान पर नहीं रखना चाहिए।
- भगवान सूर्य की प्रतिमा को नकारात्मक ऊर्जा वाले क्षेत्रों, जैसे बाथरूम, स्टोररूम या अव्यवस्थित स्थानों जहां कूड़ा-कचरा इकठ्ठा हो, वहां रखने से बचना चाहिए। मान्यता है कि नकारात्मक कंपन सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह में बाधा डाल सकते हैं और मूर्ति की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं।
यदि आप अपने घर में सूर्य देव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करती हैं तो ये वास्तु के अनुसार बहुत शुभ मानी जाती है और आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
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