लोकसभा इलेक्शन 2024 के चुनाव 1 जून को संपन्न हो चुके हैं। मतदान के तुरंत बाद से वोट की गिनती शुरू कर दी गई थी। सात चरणों में आयोजित कराए गए चुनाव के परिणा आज शाम को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में सभी की नजरे वोटों के उतार-चढ़ाव पर टिकी हुई है। बता दें कि 542 सीटों पर मतगणना के नतीजे आने लगे हैं। आम जनता से लेकर राजनेताओं के बीच इस विषय को लेकर चर्चा जोर है। आखिर जिस वोटों की गिनती पर पूरी दुनिया की नजर है क्या आपको पता है कि उसकी गिनती कैसे की जाती है। इस विषय को लेकर हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता नीतेश पटेल से बात कि किस नियम के द्वारा वोटों की गणना की जाती है।
कैसे होता है वोटों का गुणा-भाग
निर्वाचन संचालन नियमावली 1961 के नियम 54 ए के अनुसार, निर्वाचन अधिकारी (आरओ) की टेबल पर सबसे पहले डाक मतपत्रों की गणना की जाती है। बता दें, कि उन्हीं वोटों की गिनती होती है जो निर्वाचन अधिकारी के पास मतों की गिनती शुरू होने की तय समय सीमा से पहले चुके हैं। हालांकि डाक मत पत्रों की गिनती शुरू होने के आधे घंटे के बाद ईवीएम के जरिए डाले गए वोटों की गिनती शुरू होती है। चुनाव केंद्र पर मतों की काउंटिंग के लिए फॉर्म 17सी के साथ ईवीएम की कंट्रोल यूनिट का उपयोग किया जाता है।
ईवीएम के सीयू से रिजल्ट निश्चित करन से पहले,वोटों की गणना अधिकारी यह सुनिश्चिचत करते हैं कि मशीन पर लगी सील से किसी प्रकार का छेड़-छाड़ न हो और वह बरकरार रहे ताकि डाले गए कुल वोट फॉर्म 17 सी में उल्लिखित मतों से मिलता रहे। कंट्रोल यूनिट के नतीजे प्रदर्शित न होने की स्थिति में सभी सीयू में दर्ज मतों की गणना के बाद उससे संबंधित सीयू के वीवीपैट की पर्ची की गिनती की जाएगी।
बता दें कि सीयू का उम्मीदवार परिणाम फॉर्म 17 सी के भाग सेकेंड में दर्ज किया जाता है। इसके बाद मतगणना पर्यवेक्षक और मतगणना टेबल पर उपस्थित मतगणना एजेंट द्वारा उस पर हस्ताक्षर लगवाया जाता है।
सुबह से शुरू होती है वोटों की गणना
मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो जाती है। लेकिन इससे पहले सभी तैयारियों को पूरा करने के लिए मतगणना पर्यवेक्षकों और सहायकों का आना और काम करना सुबह पांच बजे से शुरू हो जाता है। इन्हें अपने रिपोर्टिंग ऑफिसर के सामने प्रस्तुत होना पड़ता है। यहां पर उन्हें इससे जुड़े दिशा-निर्देश के बारे में बताया जाता है। यह प्रक्रिया वोटों की गिनती शुरू होने के कुछ समय पहले बताई जाती है ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो। इस दौरान मतगणना केंद्र पर फोन समेत किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट ले जाने की परमिशन नहीं होती है।
इसे भी पढ़ें- कैसे तय किए जाते हैं एग्जिट पोल, जानिए क्या है नियम तोड़ने की सजा
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे शेयर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
Image Credit- Freepik, Shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों