जानिए भारत में किन अधिकारियों को गाड़ी पर लाल, नीली और पीली बत्ती लगाने का अधिकार होता है

आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ गाड़ियों पर लाल, नीली और पीली बत्ती लगी हुई होती है पर आखिर किन अधिकारियों को गाड़ी पर ये बत्तियां लगाने का अधिकार होता है। आइए हम आपको बताते हैं। 

dignitaries in india who can use red blue and yellow beacon light on their vehicle  in hindi

आपने कई बार यह देखा होगा कि कई अधिकारियों की गाड़ियों पर लाल, नीली या फिर पीली बत्ती लगी हुई होती है। भारत में सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स 1989 के नियम 108 की धारा के अनुसार यह दिशा-निर्देश भी है कि व्यक्ति ड्यूटी के दौरान इन बत्तियों को लगा सकते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि किन अधिकारियों को गाड़ी पर ये बत्तियां लगाने का अधिकार होता है? अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।

किन अधिकारों को होता है लाल बत्ती लगाने का अधिकार?

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केंद्र सरकार ने साल 2017 में वाहनों में लाल और नीली बत्ती के इस्तेमाल को नियंत्रित करते हुए कुछ निर्देश दिए थे। इसके साथ ही मोटर वेहिकल एक्ट में भी संशोधन करने का प्रयास किया था। आपको बता दें कि फ्लैश युक्त लाल बत्ती का अधिकार इस निर्देश से पहले राज्यपाल, मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, विधान परिषद सभापति व विधानसभा अध्यक्ष तथा दोनों सदनों के नेता विरोधी दल, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायमूर्ति और अन्य न्यायाधीश साथ ही प्रदेश सरकार के मंत्री को दिया हुआ था। वहीं बात करें अगर बिना फ्लैशर की लाल बत्ती कि तो विधान परिषद उप सभापति, प्रदेश के राज्य मंत्री व उप मंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव, राज्य निर्वाचन आयुक्त, उप्र अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष, उप्र अनुसूचित जाति व जनजाति अध्यक्ष, उप्र लोक सेवा आयोग अध्यक्ष, महाधिवक्ता व राजकीय निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक को इस बत्ती को लगाने का अधिकार दिया था। इसके अलावा इमरजेंसी सेवाएं देनी वाली गाड़ियां जैसे एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड नीली और लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकती थी।

आपको बता दें कि वाहन में जब उच्च पदस्थ व्यक्ति सवार नहीं होता है, तब लाल-नीली बत्ती का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया जाता है।

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नीली बत्ती लगाने का अधिकार किन्हें होता है?

नीली बत्ती जो फ्लैशर के साथ है उसे यूज करने का अधिकार केंद्र सरकार के निर्देश से पहले राजस्व परिषद अध्यक्ष, औद्योगिक विकास आयुक्त, सभी प्रमुख सचिव व सचिव, कृषि उत्पादन आयुक्त, पुलिस महानिदेशक व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, जिला न्यायाधीश, उप महानिरीक्षक, जिला मजिस्ट्रेट, जिलों के प्रभारी एसएसपी व एसपी, उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट, जिलों में तैनात अपर जिला मजिस्ट्रेट, जिला प्रभारी निरीक्षक, थानाध्यक्ष क्षेत्राधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक, चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट व चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को यूज कर सकते थे।इसे भी पढ़ें-कॉलेज क्वीन से लेकर पहली महिला राष्ट्रपति बनने तक का सफर, जानिए प्रतिभा पाटिल के बारे में

किन्हें पीली बत्ती लगाने का अधिकार होता है?

कमिश्नर इनकम टैक्स, पुलिस अधीक्षक, रेवेन्यू कमिश्नर को पीली बत्ती लगाने का अधिकार दिया गया था। आपको बता दें कि केंद्र सरकार के द्वारा कई अधिकारियों को लाल-नीली बत्ती का प्रयोग नहीं करने का आदेश दिया था और इसके लिए वह मोटर वेहिकल एक्ट में भी संशोधन करने की तैयारी कर रहे हैं।

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image credit- freepik

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