एक नारी सब पर भारी... तुम हो तो हम हैं, हैप्पी वीमेन्स डे... महिला दिवस की आपको ढेरों शुभकामनाएं! डियर मेन, चलिए आपका काम आसान दे देती हूं। यह शुभकामना संदेश मैं खुद को ही भेज लेती हूं। मुझे आपसे बड़े-बड़े तोहफे नहीं चाहिए बल्कि मैं चाहती हूं कि समानता और सम्मान की इस लड़ाई में जो हम महिलाएं अकेली लड़ रही हैं, उसमें आप हमारे सहयोगी बनें।
मेरे प्रिय साथियों, मेरा सवाल आपसे और इस समाज से यह है कि जब आप और मैं एक ही ब्रह्मांड का हिस्सा हैं, तो हमारी जरूरतों, हमारी असलियत और हमारे काम में इतना अंतर कैसे और क्यों है? चलो मैं आपको समझाती हूं। इस पत्र को आपके लिए आसान बनाती हूं।
आपके हृदयस्पर्शी संदेशों और पोस्ट्स के बीच, आपसे एक्शन्स लेने का एक सविनय निवेदन है। यह महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने, लंबे समय से चली आ रही असमानताओं की बाधाओं को खत्म करने और एक ऐसी दुनिया को बढ़ावा देने का निमंत्रण है जहां समानता वास्तविकता हो।
हाथ बढ़ाएं और अपना सहयोग दिखाएं
जेंडर इक्वालिटी की लड़ाई हम एक लंबे समय से लड़ रहे हैं और यह काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। एक साथी होने के नाते, मैं चाहती हूं कि आप यह पहचानें कि लैंगिक असमानता सिर्फ महिलाओं को नुकसान नहीं पहुंचाती है, यह विविधता को सीमित करके और रचनात्मकता को दबाकर हमारे समाज को कमजोर करती है। मैं चाहती हूं कि आप इसका प्रभाव समझें और इस असमानता को खत्म करने में एक कदम आगे बढ़ाएं।
हमारे ऊपर कमेंट करना आपको एल्फा मेल नहीं बनाता
अरे तुम साड़ी में ही अच्छी लगती हो। तुम मोटी हो, यह ड्रेस तुम पर अच्छी नहीं लगेगी। कितना मेकअप लगाती हो। कैसे चलती हो...ये कमेंट करके अगर आपको लगता है कि आप एल्फा मेल बन चुके हैं, तो बधाई हो आप गलतफहमी में हैं।
आपको यह ध्यान रखने की आवश्यकता है कि हमारी तारीफ, कंसर्न और आपत्तिजनक कमेंट करने के बीच एक बहुत ही पतली लाइन होती है। यह लाइन क्रॉस करना आपको शोभा नहीं देता। हमें क्या करना चाहिए, क्या खाना चाहिए और कैसे रहना चाहिए, यह हमारे ऊपर छोड़ दो न यार! हम अब तक संभाल रहे थे न, आगे भी खुद को संभाल लेंगे!
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अपनी बोले ही नहीं, सुनें और समझें भी
सहयोग में पहला कदम है कि आप महिलाओं के अनुभवों, चुनौतियों और दृष्टिकोणों को सुनें... सिर्फ सुनें। अपनी महिला साथियों को हमेशा सलाह देने से इस बार थोड़ा-सा बचें। उनके लिए ऐसा स्पेस क्रिएट करें जहां उनकी आवाज सुनी जा सके। उन्हें महत्व दिया जाता हो और उनकी बातों पर एक्शन लिए जा सकें। याद रखें, सुनना समझ की नींव है और समझ परिवर्तन की आधारशिला है (जेंडर इक्वालिटी के मिसकन्सेंपशन्स)।
मैन्सप्लेनिंग करना बंद करें
मुझे इसमें कोई शक नहीं है कि आप होशियार हैं। मुझे यह भी पता है कि समय-समय पर अपनी बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करना किसे पसंद नहीं होता। मगर आप यह समझें कि आपके बहुमूल्य इनपुट की हर जगह आवश्यकता नहीं हो सकती है। आपको यह समझने की जरूरत है कि हमारे पास भी क्रिएटिव माइंड है और हम पढ़कर और रिसर्च करके चीजों को जान और समझ सकते हैं।
महिला नेतृत्व का समर्थन करें
अच्छे सहयोगी होने का मतलब केवल महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाना नहीं है, बल्कि उनकी उन्नति के लिए एक्टिवली समर्थन करना भी है। आप उनके नेतृत्व का समर्थन करें ताकि हमें यह साहस मिले कि हमारी उपलब्धि का कोई वाकई जश्न मना रहा है। महिला नेतृत्व का समर्थन करके आप अपने समुदायों और व्यवसायों को विविध दृष्टिकोण से समृद्ध करते हैं।
समानता को बढ़ावा दें
सहयोगिता हमारे रोजमर्रा के कार्यों तक फैली हुई है। ऑफिस वीमेंस, वाइफ या डॉटर जोक्स मजाकिया नहीं होते। हमारा सहयोगी बनकर लैंगिक भेदभाव वाले चुटकुलों और टिप्पणियों को चुनौती देने में हमारा साथ दें। घर की जिम्मेदारियों को निष्पक्ष रूप से शेयर करें और आने वाली पीढ़ी के लिए सीख बनें। ये छोटी-छोटी गतिविधियां बहुत महत्वपूर्ण होती हैं और सांस्कृतिक बदलाव लाने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। ध्यान रखें कि इक्वालिटी घर से ही शुरू होती है।
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पीएमएसिंग? कहना छोड़ दें
क्या हुआ क्यों ड्रामा कर रही हो? अरे ये नौटंकी छोड़ो यार! क्या हुआ पीरियड्स हो रहे हैं? जब भी हम कोई जरूरी बात करते हैं, तो उसमें हर वक्त हमारे हार्मोन्स को ब्लेम करने की जरूरत नहीं है। जब हम सेंसिटिव होते हैं और अपनी भावनाओं को आपके साथ व्यक्त कर रहे होते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमारे 'वो दिन' शुरू हो गए हैं। अगर आप किसी स्थिति को या हमारे इमोशन्स को समझ नहीं पा रहे हैं, तो वह गलती हमारी नहीं है। हमारे हार्मोन्स को दोष देने की बजाय अपना दिमाग लगाएं और बात को समझने की कोशिश करें।
इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर, आइए हम लैंगिक समानता के प्रति अपनी कमिटमेंट को रिन्यू करें। हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही महिलाओं का जश्न मनाएं। उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें। बदलाव की आकांक्षा न करें, बल्कि बदलाव लाएं और बदलाव बनें।
इस अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आप अपने मेल काउंटरपार्ट्स से किन चीजों की अपेक्षाएं रखती हैं, हमारे आर्टिकल में कमेंट करके बताएं। यदि आपको यह लेख पसंद आया, तो इसे लाइक करें। इसे फेसबुक पर आगे शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
Image Credit: Freepik
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