अगर आप है वर्किंग मॉम तो लारा दत्‍ता के बैलेंस्‍ड पैरिंटिंग टिप्‍स आपके आ सकते हैं काम

बच्‍चे की परवरिश और करियर के बीच में बैलेंच बनाए रखना चाहती हैं तो लारा दत्‍ता balanced parenting पर बताए गए इन टिप्‍स को जरूर पढ़ें। 

  • Shikha Sharma
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-03-19, 19:34 IST
lara dutta giving balanced parenting tips to working mom    ()

मां बनना एक सुखद एहसास है। इस एहसास को आम महिलाओं से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज तक लेना चाहती हैं और मां बनने के बाद अपने बच्‍चों को फुल अटेंशन भी देना चाहती हैं। फिर चाहे उन्‍हें अपने काम से कुछ समझौता क्‍यों न करना पड़े या फिर काम और बच्‍चे के बीच बैलेंस बना कर चलना पड़ें। ऐसी बॉलीवुड मॉम्‍स में नाम आता है लारा दत्‍ता का। जी हां, फॉर्मर मिस यूनीवर्स रह चुकीं लारा एक प्‍यारी सी बेटी की मां हैं और उसकी बहुत ही अच्‍छी तरह केयर भी कर रही हैं। आइए जानते हैं कि लारा पेरेंटिंग के बारें में क्‍या कहती हैं।

लारा कहती हैं कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं सोचा कि वो ज़िन्दगी में सिर्फ काम ही करती रहेंगी और फ़िल्में ही करेंगी। वह कहती हैं कि उनकी बेटी उनकी प्राथमिकता थी और उन्हें वह पूरी करनी थी। अभी भी वह पैरेंटिंग को बहुत बैलेंस करके चलती हैं। अपने पति महेश के साथ वह हमेशा अपना काम डिस्कस करती हैं, और इस बात का ख्याल दोनों ही रखते हैं कि कम से कम एक पैरेंट तो बच्चों के पास हो ही। तो जब महेश का काम नहीं होता लारा देखती हैं और जब लारा काम पर होती हैं तो वह महेश को कहती हैं और महेश बेटी के साथ रहते हैं। चूंकि लारा का मानना है कि पैरेंट्स का साथ होना बहुत जरूरी है। वह क्रेच वगैरह में बच्चों को भेजने में यकीन नहीं रखती हैं। लारा ने बताया है कि उनकी बेटी में स्पोर्ट्सपर्सन वाली स्पिरिट अभी से है और साथ ही वह काफी अधिक अनुशासित भी रहती हैं। इसलिए लारा को लगता है कि महेश के ये गुण सायरा में आये हैं तो यह अच्छी बात है।

lara dutta giving balanced parenting tips to working mom    ()

पैरेंटिंग फेज को सबसे अधिक एन्जॉय किया

लारा कहती हैं कि उनके लिए पैरेंटिंग फेज बिल्कुल टफ नहीं था, बल्कि उन्हें यह काफी एंजॉयबल जर्नी रही है। वह तो कहती हैं कि उनके लिए इससे अच्छा जॉब और कुछ नहीं रहा है। वह कहती हैं कि जब भी किसी निर्णय की बात आती है बेटी को लेकर तो हमेशा महेश और लारा मिल कर ही निर्णय लेते हैं।

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स्ट्रिक्ट रहना भी जरूरी है

लारा कहती हैं कि ऐसा नहीं है कि वह हमेशा एकदम अपनी बेटी के साथ दोस्त ही बने रहती हैं। हां, हमेशा वह स्ट्रिक्ट नहीं रहती हैं। यह सच है, लेकिन ज़रूरत पड़ने पर कई बार वह सख्ती भी करती हैं। लेकिन यह ज़रूरी है कि आप अपने बच्चे के नेचर से पहले वाकिफ हो जायें। अगर आपका बच्चा बिल्कुल शैतान नहीं हैं और अधिक परेशान नहीं कर रहा है तो उसपर सख्ती बरतना सही नहीं है। हर बच्चे के साथ अलग तरह से व्यवहार करना चाहिए। जैसे सायरा एक अच्छी बच्ची है और इजी बच्ची है, वह बहुत लविंग भी है।

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Competitive होना हमेशा ज़रूरी नहीं

लारा कहती हैं कि उन्होंने अपनी बेटी को यह बात हमेशा सिखाई है कि प्रतियोगिता करनी अच्छी बात है मगर प्रतियोगिता को लेकर अधिक गंभीर न हो जायें। ज़िंदगी सिर्फ जीतना नहीं है, कई बार सिर्फ हिस्सा लेना भी आपको आगे बढ़ाता है और आपको ज़िंदगी में अनुभव करना ज़रूरी है। ये नहीं कि हर वक़्त दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में आप खुद को ही भूल जायें। हमेशा भागने की नहीं बल्कि ज़िंदगी का मज़ा लेने की कोशिश करनी चाहिए। लारा कहती हैं कि बच्चों के लिए कॉम्पटीशन रहना ज़रूरी है। आप भले ही उन्हें घर पर कैसा भी माहौल दे दें, लेकिन स्कूल लाइफ उनके लिए में काफी Competitive हो जाती है। यह सच है कि ऐसा भी न हो कि इतनी ढील दी जाये कि आपकी बेटी को खुद महसूस होने लगे कि वह पीछे हो गई है। ज़रूरी यह है कि हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उस कॉम्पटीशन को किस तरह से सही चैनेलाइज कर पाएं। फिर लारा कहती हैं कि एक वक़्त के बाद बच्चे खुद समझ जायेंगे कि उन्हें किस तरह से बिहेव करना है और कहां कितनी प्रतियोगिता करने की जरूरत है और कहां नहीं।

सिर्फ आधे घंटे टीवी देखने की इजाज़त

लारा कहती हैं कि उन्हें सिर्फ आधे घंटे टीवी देखने की इजाजत है। उस आधे घंटे में या तो वह टीवी देख ले या आइपैड पर समय दे दे। इससे ज्यादा हम उन्हें फोन दे कर नहीं रखते और न ही रखेंगे।

सेलेब्रिटी ट्रीटमेंट नहीं

लारा कहती हैं कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी को समझया है और उनसे जुड़े हर लोगों को भी स्कूल, टीचर या फिर किसी भी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में भी कि उन्हें कभी यह दर्शाया न जाए कि वह किसी सेलेब्रिटी की बेटी हैं। उन्हें हमेशा बिल्कुल सामन्य रूप से बाकी बच्चों की तरह ही हर कुछ सीखना है, इस बात का ध्यान वह हमेशा रखती हैं। और बेटी को भी यही सिखाती हैं कि वह अपने पैर हमेशा ज़मीन पर ही रखें। कभी भी अधिक दिखावे वाली ज़िंदगी में रहने की कोशिश न करें और यही वजह है कि घर पर भी वह अपनी बेटी को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं देती हैं।

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