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सिर्फ इतने लाख में बना था पुराना संसद, 6 साल का लगा था वक्त,जानिए पुराने संसद से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें

पुराना संसद भवन संविधान को अपनाने के साथ कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। पुराने संसद भवन को ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। 96 साल पहले बने संसद भवन को बनाने में उस वक्त 83 लाख रुपए का खर्चा आया था।
Editorial
Updated:- 2023-09-19, 13:23 IST

Old Parliamet History: आज का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक है। आज गणेश चतुर्थी के दिन यानी 19 सितंबर को नए संसद भवन में कार्यवाही की शुरुआत हो चुकी है। समय की मांग और आधुनिकता को देखते हुए नए संसद भवन का निर्माण किया गया है। काफी लंबे वक्त से नए संसद भवन के मारे में बातें हो रही है। लेकिन आज हम पुराने संसद को अलविदा कहते हुए आपको इससे जुड़ी कई बाते बताएंगे। पुराना संसद भवन संविधान को अपनाने के साथ कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। ऐसे में हम आज जानेंगे इसका निर्माण कब हुआ? निर्माण में कितना खर्च आया? इस संसद भवन को किसने डिजाइन किया वगैरा वगैर।

ब्रिटिश हुकूमत ने करवाई थी पुराने संसद का निर्माण

ब्रिटिश हुकुमत के दौरान साल 1911 में नई दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर चुना गया। इसके बाद से ही दिल्ली को बसाने का काम शुरु हुआ। 12 फरवरी साल 1921 में पुराने संसद भवन का शिलान्यास हुआ। करीब करीब 6 साल तक इसका निर्माण कार्य चला। और आखिरकार साल 1927 में संसद भवन बन कर तैयार हुआ। यानी जब संसद भवन बन कर तैयार हुई तब देश में अंग्रेजों की हुकूमत थी और इसका निर्माण भी ब्रिटिश सरकार द्वारा ही कराया गया। ये वो वक्त था जब भारत में वायसराय हुआ करते थे। तब भारत के वायसराय लॉर्ड इरविन हुआ करते थे। ऐसे में  18 जनवरी 1927 को लॉर्डन इरविन ने संसद भवन का उद्घाटन किया था।

ब्रिटिश वास्तुकार ने पुराने संसद भवन को डिजाइन किया था

पुराने संसद भवन को ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने डिजाइन किया था। 96 साल पहले बने संसद भवन को बनाने में उस वक्त 83 लाख रुपए का खर्चा आया था। शानदार इमारत को बनाने में लाल और बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया था। बता दें कि संसद भवन को 566 मीटर व्यास में बनाया गया था लेकिन बाद में 1956 में संसद भवन में दो और मंजिल जोड़ी गई। उस वक्त इस भवन को संसद भवन नहीं बल्कि काउंसिल हाउस के रूप में जाना जाता था। लेकिन जब देश आजाद हुआ तो यहां हमारे सांसद बैठने लगे और तब से इसे संसद कहा जाने लगा 

सरकार के मुताबिक पुराने संसद भवन को ढहाया नहीं जाएगा। इसे संरक्षित कर,संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इमारत का इस्तेमाल किया जाएगा।

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नए संसद भवन की खासियत जानिए

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पुराने संसद भवन में लोकसभा में 545 और राज्यसभा में 245 सांसदों के बैठने की जगह थी जबकि नए भवन में लोकसभा चेंबर में 888 सांसद बैठ सकते हैं, जबकि राज्यसभा चैंबर में 384 सांसद आसानी से बैठ पाएंगे। यह त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला इमारत है, जो 64500 वर्ग मीटर में फैली हुई है। नया संसद भवन 29 महीने में बनकर तैयार हुआ है। इसे बनाने में 862 करोड रुपए की लागत आई है।

 

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