सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खाप पंचायत को दो व्यस्कों की शादी को रोकना गैरकानूनी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए हाल के फैसले के अनुसार अब दो व्यस्कों की शादी पर खाप पंचायत द्वारा एतराज जताना गैरकानूनी होगा।

khap panchayat case supreme court says its illegal to stop marriage of two main

आए दिन खाप पंचायत किसी ना किसी जोड़ी की शादी पर एतराज जताते रहती थी। जिसके कारण कई सारे गैरकानूनी मामले नजर में आए थे और ऑनर कीलिंग के नाम पर हजारों नवयुवकों की जान चली गई थी। लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दए अपने फैसले में कहा है कि अब दो व्यस्कों की शादी पर खाप पंचायत द्वारा एतराज जताना गैरकानूनी होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने दो अलग धर्मों या जातियों के व्यस्कों के बीच आपसी रजामंदी से होने वाली शादी के मामले में खाप पंचायत जैसे समूह के दखल को पूरी तरह गैरकानूनी करार देते हुए इन पर पाबंदी लगा दी।

तीन सदस्यीय बेंच ने जारी की गाइडलाइन

यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय बेंच ने सुनाया है। इस बेंच में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे। इस बेंच ने इस तरह के गैरकानूनी हस्तक्षेप को रोकने के लिए गाइडलाइन भी जारी की। यह गाइडलाइन संसद से कानून बनने तक लागू रहेगी।

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लव मैरिज करने वालों को मिलेगी राहत

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उन जोड़ों के लिए राहत लेकर आया है जो धर्म और जाति के बाहर शादी करते थे। जिसके कारण उन्हें कभी गांव से निकाल दिया जाता था तो कभी उनके साथ गलत व्यवहार किया जाता था। कई मामलों में तो जोड़ों की हत्या भी कर दी जाती थी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अपनी रजामंदी से शादी करने वाले दपंतियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।

एनजीओ शक्ति वाहिनी ने डाली थी याचिका

ऑनर कीलिंग और खाप पंचायत को लेकर एनजीओ शक्ति वाहिनी ने याचिका डाली थी। यह याचिका 2010 में डाली गई थी। कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनाए गए फैसले में खाप पंचायतों पर पाबंदी लगाने के साथ ही दिशानिर्देश प्रतिपादित किए हैं। इस संगठन ने ऐसे दपंतियों को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था, ताकि इज्जत के नाम पर उनकी हत्या नहीं की जा सके।

बेंच ने इस महीने की शुरुआत में जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि दो व्यस्कों की अपनी मर्जी से शादी करने के फैसले में कोई भी तीसरा पक्ष हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।

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