हम जैसा भोजन करते है, हमारा शरीर और मन पर उसका गहरा प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि हम जैसा भोजन करते है वैसी ही हमारी सोच होती है। और हमारी सोच का हमारे जीवन पर बहुत गहरा असर पड़ता है। हमारे जीवन में भोजन का बहुत महत्व है क्योकि जब हम अच्छा भोजन करते है, तो हमारा जीवन अच्छा बनता है। लेकिन जब हम अच्छा भोजन नहीं करते, तो हमारा जीवन भी अच्छा नहीं बनता है। अच्छे भोजन से शरीर, दिमाग और सोच मजबूत होती है, वहीं, खराब भोजन से शरीर, दिमाग और सोच कमजोर होती है। अच्छे भोजन के साथ भोजन बनने वाले की सोच का भी भोजन पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए भोजन बनाते समय किसी भी तरह के बुरे या गलत विचार मन में नहीं लाने चाहिए, नहीं तो भोजन के गुण कम हो जाते है।
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खाने पर खाना बनाने वाले का प्रभाव पड़ता है, इसलिए पहले के तपस्वी और ब्राह्मण अपना भोजन स्वयं बनाते थे, ताकि भोजन के मध्यम से उनके दिमाग में कोई गलत चीज न पहुंचे और सकारात्मक सोच से उनकी सिद्धि पूरी हो सके। भोजन बनाते समय सकारात्मक सोच, प्रेम भाव और अच्छी बाते सोचे। अगर हम इसे ऐसे देखे कि जब कोई आपका अपना या आपकी मां आपके लिए खाना बनाती हैं तो वो उस खाने को अपनेपन और प्यार से बनाती है और यही वजह है कि उस खाने का स्वाद आपको पूरी दुनिया में सबसे बेहतरीन लगता है। तो आइए जानें, खाना बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गुस्से से न बनाएं खाना
खाना बनाते समय गलती से भी गुस्से का भाव अपने मन में न लाएं। क्योंकि खाना बनाने वाले के मन का भाव खाने में समाहित होता है, जो भोजन के माध्यम से भोजन करने वाले के शरीर में पहुंचता है और भोजन करने वाले के जीवन को वैसे ही बनाता है।
दुखी मन से कभी न बनाएं खाना
अगर आप किसी बात से दुखी हैं तो ऐसे में खाना न बनाएं। क्योंकि दुखी मन से खाना बनाने पर इससे भोजन करने वाले के मन में उदासीनता आती है।
बुरी सोच न रखें
खाना बनाते समय बुरी सोच को मन में आने ना दें। क्योंकि खाना बनाते समय बुरी सोच रखने से भोजन करने वाले में बुरी सोच का जन्म होता है। इसलिए खाना बनाते समय बुरी सोच न रखें।
चिंता न करें
भोजन बनाते समय चिंता न करें या चिंता का भाव मन में न रखें। क्योंकि ऐसा भाव रखने से भोजन करने वाला इंसान डिप्रेशन में जा सकता है या दिमागी रूप से कमजोर हो सकता है। इसलिए खाना बनाते समय ध्यान रखें की आपके मन में किसी तरह की चिंता न हो।
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साजिश न रचे
खाना बनाते समय किसी के लिए किसी भी तरह की साजिश न रचें, न ही ऐसी कोई भावना मन में आने दें। ऐसा करने से भोजन करने वाले की प्रवृति षड्यंत्रकारी और अनैतिक बनती है। इसलिए भोजन हमेशा साफ मन से बनाए।
वासना न रखें
खाना बनाते समय वासना जैसी भावनाओं के बारे में न सोचे। इस तरह के विचार के साथ खाना बनाने पर खाना खाने वाले की मानसिक स्थिति कमजोर होती है और उसका दिमाग पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
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Photo courtesy- (Nari|Punjab Kesari, Quint Hindi, YouTube, News18 Hindi, Amar Ujala, Healthy Veg Recipes)
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