Karwa Chauth for Unmarried Girls: करवा चौथ बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। इसे मैं त्योहार इसलिए कह रही हूं क्योंकि पूरे भारत में अलग-अलग तरह से इस दिन को मनाया जाता है। पंजाब और उत्तर भारत में तो इस दिन का महत्व बहुत ही ज्यादा है। महिलाएं अपने पतियों के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं, उनके लिए सोलह श्रृंगार करती हैं और सजती संवरती हैं। खुद बहुत ही खुश रहती हैं और तरह-तरह के गीत-संगीत के आयोजन भी किए जाते हैं। पति की लंबी उम्र के लिए किए जाने वाले इस व्रत में पूजा-पाठ भी होता है और करवा चौथ में करवे का महत्व भी बहुत है।
हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन निर्जला व्रत तब तक नहीं तोड़ा जाता जब तक चंद्रमा को अर्घ्य नहीं दिया जाता है। वैसे तो मान्यता यही है कि सिर्फ शादीशुदा महिलाएं ही इस व्रत को करती हैं, लेकिन समय के साथ-साथ आपने देखा होगा कि बहुत सारी कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को करने लगी हैं। पर क्या ऐसा किया जा सकता है? क्या कुंवारी लड़कियां करवा चौथ का व्रत रख सकती हैं?
मुझे अपने हॉस्टल की याद आती है जब लड़कियां फोन पर अपने बॉयफ्रेंड से बात करते हुए करवा चौथ का व्रत तोड़ती थीं। वैसे तो कई बार अजीब भी लगता था क्योंकि तब तक हम पढ़ ही रहे थे, लेकिन यह सोचने वाली बात है कि क्या वाकई ऐसा किया जा सकता है?
इसे जरूर पढ़ें- Karwa Chauth 2024: करवा चौथ के दिन कितने करवे थाली में रखने चाहिए?
इसके बारे में जानने के लिए हमने न्यूमेरोलॉजिस्ट और वास्तु एक्सपर्ट डॉक्टर मधु कोटिया से बात की। उन्होंने इसके बारे में कुछ जरूरी जानकारी दी। डॉक्टर मधु के मुताबिक, हमें यह समझना चाहिए कि परंपराएं हमेशा निश्चित होती हैं, लेकिन उन्हें पालन करने का तरीका हमेशा बदलता रहता है। समय-समय की बात है कि किस तरह से परंपराओं का पालन करना किसी एक व्यक्ति के लिए एक तरह से हो सकता है और दूसरे व्यक्ति के लिए दूसरी।
डॉक्टर मधु कोटिया के मुताबिक, "आजकल की पीढ़ी खुले विचारों वाली है और वह इस व्रत को अपने प्रेमी या मंगेतर से जोड़कर देखती है। हमने यह भी देखा है कि युवा पुरुष भी अपनी प्रेमिका के लिए यह व्रत रखने लगे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि प्रेम में समर्पण की भावना किसी भी रूप में सामने आ सकती है।"
क्या बॉयफ्रेंड या मंगेतर के लिए रखना चाहिए व्रत?
अगर हम इसे धर्म से जोड़कर देखें, तो करवा चौथ का व्रत एक तरह से पति और पत्नी के पवित्र बंधन को मजबूत करने के लिए भी होता है। पर भावनात्मक तरीके से देखें, तो इस व्रत को उन सभी लोगों के लिए मान्य माना जा सकता है जो किसी गहरे और अर्थपूर्ण रिश्ते में हैं। ऐसे में अगर कोई महिला अपने बॉयफ्रेंड या मंगेतर के लिए व्रत रखना चाहती है, तो उसके लिए यह बुरा नहीं होगा। ऐसे में किसी व्यक्ति के प्रेम का सम्मान करते हुए इस व्रत को स्वीकार करना चाहिए।
क्या कुंवारी लड़कियों के लिए उपवास को लेकर हैं कोई नियम?
इसमें यह कहा जा सकता है कि कुंवारी लड़कियों के लिए उपवास के नियम इतने सख्त ना हों तो भी चलेगा। यह धार्मिक नियमों से बंधा हुआ नहीं है इसलिए व्रत के समय पानी पी लेना या फल खा लेना भी बुरा नहीं है। कुंवारी लड़कियों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वह निर्जला ही रहें। वह अपने मन की भावना के लिए यह व्रत रख रही हैं और ऐसा भी किया जा सकता है कि वो बिना पूजा किए करवा चौथ का व्रत रख लें। करवा चौथ के व्रत के समय कई कहानियां भी कही जाती हैं ऐसे में यह भी जरूरी नहीं है कि करवा चौथ की कथा उन्हें कहनी या सुननी ही है।
इसे जरूर पढ़ें- करवा चौथ का व्रत रखने के नियम
डॉक्टर मधु कोटिया कहती हैं, "हमारे समाज में विवाह पूर्व संबंधों को लेकर धारणाएं भले ही मिश्रित हों, परन्तु यह जरूरी है कि हम प्यार और वचनबद्धता के वास्तविक मूल्यों को पहचानें और उन्हें महत्व दें। करवा चौथ के दिन, एक महिला जब अपने बॉयफ्रेंड या मंगेतर के लिए व्रत रखती है, तो वह न केवल उसके स्वास्थ्य और खुशियों की कामना करती है, बल्कि उसके साथ अपने भविष्य के सुखद और स्थायी संबंध की आशा को भी दर्शाती है।"
इसलिए किसी कुंवारी कन्या का करवा चौथ का व्रत रखना गलत नहीं माना जा सकता।
अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों