चर्चा देविका रानी के उस अफेयर की जिसने अशोक कुमार को बना दिया था स्टार

विक्रमादित्य मोटवानी की सीरीज 'जुबली' में एक काल्पनिक हीरो मदन कुमार की कहानी दिखाई गई है। यह कहानी असल जिंदगी के अशोक कुमार से काफी मिलती जुलती है। 

Bombay talkies and devika rani

क्या आपने सीरीज 'जुबली' देखी है? ओटीटी पर रिलीज हुई यह सीरीज काफी चर्चा में है। इस सीरीज को लेकर लोग यही कह रहे हैं कि इसे रियल लाइफ कैरेक्टर्स से इंस्पायर होकर बनाया गया है। यह सही भी है। फिल्म का हीरो मदन कुमार काफी कुछ अशोक कुमार से प्रेरित लगता है। मदन कुमार का छोटा भाई नरेन बहुत हद तक किशोर कुमार से प्रेरित है। फिल्म के मेन एक्टर्स श्रीकांत रॉय और सुमित्रा कुमारी, असल जिंदगी के हिमांशु राय और देविका रानी से प्रेरित हैं।

फिल्म में 'बैजू आवारा' जैसी फिल्म का जिक्र है जो रियल लाइफ में 'बैजू बांवरा' थी। खैर, इस फिल्म में मदन कुमार के स्टार बनने की कहानी बताई गई है। यह कहानी नहीं बल्कि सच्चाई है। अशोक कुमार लैब असिस्टेंट से एक स्टार बन गए। बॉम्बे टॉकीज शुरू होकर खत्म हो गया। यह सब कुछ शुरू हुआ एक नादान सी प्रेम कहानी से। वो प्रेम कहानी जिसका अंत सुखद नहीं था। यह प्रेम कहानी थी देविका रानी और नजम-उल-हसन की कहानी।

देविका रानी और उनकी अधूरी प्रेम कहानी

देविका रानी को भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी माना जाता है। देविका की स्क्रीन प्रेजेंस और उनकी मासूमियत की पब्लिक फैन थी। देविका की शादी हिमांशु राय से हुई थी और दोनों ने साथ मिलकर बॉम्बे टॉकीज की स्थापना की थी। यह बात उस जमाने की है जब तलाक शब्द को स्कैंडल माना जाता था। खबर थी कि देविका और हिमांशू की शादी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

devika rani and hasan

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उस वक्त एक फिल्म आई थी 'जवानी की हवा', जिसमें देविका रानी और नजम-उल-हसन साथ आए थे। एक किताब, 'Top 20: Superstars of Indian Cinema' हसन के बारे में लिखा था कि वो एक लंबे और हैंडसम इंसान थे। वो लखनऊ की नवाबीयत लिए हुए थे। उन्होंने बॉम्बे टॉकीज के साथ कई फिल्मों का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था। एक पाकिस्तानी जर्नलिस्ट मुनीर अहमद मुनीर ने हसन की मौत से पहले उनका इंटरव्यू लिया था जिसमें यह बताया गया था कि लॉ की पढ़ाई करते-करते ही हसन को बॉम्बे टॉकीज की फिल्म ऑफर हुई थी।

अपनी पढ़ाई पूरी करने से पहले ही हिमांशु राय ने उन्हें हीरो बना दिया। उनकी और देविका रानी की पहली फिल्म थी 'जवानी की हवा'। इस फिल्म के बाद देविका रानी और हसन में इश्क हो गया। फिल्म की कहानी भी एक जोड़े की थी जो ट्रेन से भागने की प्लानिंग करता है।

devika rani actress

दोनों का प्यार परवान चढ़ा और दोनों कलकत्ता चले गए। इन दोनों की प्लानिंग साथ में भाग जाने की थी। कुछ रिपोर्ट्स और सीरीज 'जुबली' के हिसाब से यह जोड़ा कराची जाने वाला था।

उस दौरान शशधर मुखर्जी ने इन दोनों को ढूंढ निकाला। उन्होंने देविका रानी को हिमांशु के पास वापस जाने के लिए मनाया और हसन को बॉम्बे टॉकीज का ऑफर गंवाना पड़ा।

devika rani and nazam ul hasan

बॉम्बे टॉकीज को थी नए हीरो की तलाश...

अपने लीड एक्टर को गंवाने के बाद बॉम्बे टॉकीज को एक नए हीरो की तलाश थी। हिमांशु राय एक हैंडसम हीरो की जगह अब एक साधारण शक्ल-सूरत वाला आदमी चाहते थे। एक हैंडसम हीरो पहले ही उनकी पत्नी को उनसे छीन चुका था।

ashok kumar and devika rani

इसके बाद शशधर मुखर्जी के जीजा कुमुदलाल कुंजीलाल गांगुली का नाम सामने आया। कुमुदलाल बॉम्बे टॉकीज में एक लैब असिस्टेंट के तौर पर काम करते थे। उनका नाम सामने आते ही फ्रांस ऑस्टेन (बॉम्बे टॉकीज के एक और फाउंडर) को लगा कि साधारण लैब असिस्टेंट हिंदी फिल्म का हीरो नहीं बन पाएगा, पर हिमांशू राय मान चुके थे कि उन्हें उनका हीरो मिल गया।

सीरीज 'जुबली' में इस घटना का नाट्य रूपांतरण है और कुछ फिक्शनल चीजें एड की गई हैं। सीरीज में दिखाया है कि मदन कुमार (बिनोद दास का फिल्मी नाम) जमशेद खान (हसन पर आधारित कैरेक्टर) को मरने के लिए छोड़ देता है और उसकी जगह ले लेता है। वो श्रीकांत दास को एक्टिंग करके दिखाता है और हीरो बन जाता है।

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कुमुदलाल गांगुली बने अशोक कुमार

हीरो बनने के बाद अशोक कुमार की पहली फिल्म थी 'जीवन नइया' रिलीज हुई। यह फिल्म देविका रानी के साथ उनकी जोड़ी को हिट बना गई। इसके अगले ही साल 'अछूत कन्या' रिलीज हुई जिसने अशोक कुमार को बतौर हीरो स्थापित कर दिया।

ashok kumar actress

साधारण सी शक्ल-सूरत वाला कुमुदलाल गांगुली अब पब्लिक का अशोक कुमार बन चुका था। एक साथ कई फिल्मों को करने के बाद देविका रानी और अशोक कुमार में बैर हो गया।

बॉम्बे टॉकीज की नींव में फूट पड़ चुकी थी।

देविका रानी एक सफल एक्ट्रेस के साथ-साथ सफल प्रोड्यूसर भी थीं, लेकिन शशधर मुखर्जी और अशोक कुमार के साथ उनका मनमुटाव बढ़ता चला गया। उन दोनों ने अपना अलग प्रोडक्शन हाउस शुरू करने की कोशिश की। इसके बाद की कहानी वही है जो 'जुबली' में दिखाई गई है। दो प्रोडक्शन हाउस एक दूसरे से कम्पीट करते हैं और फिल्म इंडस्ट्री धीरे-धीरे ग्रो करती है।

तो इस तरह से सिर्फ एक अफेयर ना सिर्फ अशोक कुमार का करियर स्टार्ट कर गया, बल्कि उस अफेयर के कारण बॉम्बे टॉकीज की कहानी खत्म होने की शुरुआत भी हो गई।

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