पत्नी और ससुराल वालों ने किए दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा के केस, 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़कर पति ने दी जान

जौनपुर के रहने वाले एक शख्स ने पत्नी और ससुराल वालों को झुठे आरोपों और मुकदमों से तंग आकर अपनी जान दे दी है। व्यक्ति की शादी 5 साल पहले हुई थी और वह पिछले 2 सालों से कोर्ट के चक्कर काट रहा था।  
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उत्तप्रदेश के जौनपुर से एक चौंकाने वाला सामने आया है। यहां एक शख्स ने अपनी पत्नी और ससुराल वालों के झूठे मुकदमों से तंग आकर सुसाइड कर लिया है। व्यक्ति न्याय न मिलने से परेशान था। कथित तौर पर व्यक्ति ने पत्नी के झूठे दहेज आरोपों और घरेलू हिंसा समेत कई अन्य केसेज से परेशान होकर यह कदम उठाया है। व्यक्ति ने जान देने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है और एक वीडियो बनाकर अपनी पूरी कहानी बताई है। चलिए, आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।

पत्नी की प्रताड़ना से तंग आकर पति ने किया सुसाइड

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जौनपुर के रहने वाले एक शख्स ने सुसाइड करके अपनी जान दे दी है। व्यक्ति ने मरने से पहले सुसाइड नोट और वीडियो के जरिए बताया है कि किस तरह उसकी पत्नी और ससुराल वालों ने उस पर दहेज उत्पीड़न, अननेचुरल सेक्स और घरेलू हिंसा समेत कई झूठे मुकदमे दर्ज किए थे। मरने वाला शख्स इंजीनियर था और उनकी शादी 5 साल पहले हुई थी और शादी के कुछ वक्त बाद, पत्नी और ससुराल वालों ने उन पर झूठे केस कर दिए। व्यक्ति ने 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा है और इसे कुछ एनजीओ को मेल भी किया है। मृतक ने अपनी जान देने से पहले लगभग डेढ घंटे का एक वीडियो बनाया, जिसमें पूरी घटना की जानकारी देते हुए अपना पक्ष रखा और बताया कि किस तरह पिछले इतने सालों में कोर्ट की पेशी, झूठे आरोपों और न्याय में देरी ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया।

पत्नी ने मांगा था करोड़ों का गुजारा भत्ता

व्यक्ति ने इस बात का भी जिक्र किया था कि उसकी पत्नी ने उसे उनके बच्चे का चेहरा तक नहीं देखने दिया और 3 करोड़ रुपये का गुजारा भत्ता मांगा। दो सालों के भीतर कोर्ट की लगभग 120 तारीखों और झूठे आरोपों से मजबूर होकर उन्होंने यह कदम उठाया। व्यक्ति ने वीडियो में बताया कि न्याय व्यवस्था ने भी उन्हें परेशान कर दिया है। वह और उनके माता-पिता लगातार कोर्ट के चक्कर काट रहे थे लेकिन न्याय नहीं मिल पा रहा था। वीडियो में व्यक्ति ने अपने बच्चे को उनके मां-बाप और भाई को सौंपने की मांग भी की है। साथ ही, यह भी कहा है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, उनकी अस्थियां विसर्जित न की जाएं। बता दें कि उन्होंने आत्महत्या करते हुए जो शर्ट पहनी थी, उस पर एक पेज चिपका था, जिस पर लिखा था-जस्टिस इज ड्यू।

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