प्राचीन भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण मुखी घर यानि कि जिनका मुख्य द्वार दक्षिण दिशा की ओर खुलता हो, उसे अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसे घरों में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश आसानी से हो जाता है और सकारात्मकता दूर हो जाती है।
हालांकि यदि वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे घरों के पक्ष और विपक्ष दोनों होते हैं। वास्तव में आपको भी इस बात पर निर्णय लेने से पहले वास्तविकता का पता जरूर लगा लेना चाहिए। इस तरह के घरों के शुभ -अशुभ फलों को लेकर हमारे मन में भी कई सवाल थे और हमने उन प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए न्यूमेरोलॉजिस्ट और टैरो कार्ड रीडर, मधु कोटिया से बात की। आइए आपको बताते हैं ऐसे घरों के बारे में और इनके पीछे की वास्तविकता के बारे में।
दक्षिण मुखी घर भी हो सकते हैं शुभ
जहां लोगों की अवधारणा है कि जिन घरों का मुख्य द्वारदक्षिण दिशा की ओर खुलता है वह वास्तव में अशुभ होते हैं और घर के मुखिया के लिए नुकसान पहुंचाने वाले हो सकते हैं वहीं वास्तु विशेषज्ञ मधु कोटिया जी ने हमारी इस आशंका को दूर करते हुए बताया कि दक्षिण मुखी घर के कुछ लाभों में से एक यह है कि इसे और घरों की तुलना में अधिक धूप मिलती है और सर्दियों में अपेक्षाकृत गर्म होते हैं। इन घरों का मुख्य द्वार आमतौर पर सड़कों की ओर नहीं खुलता है और लोगों की प्राइवेसी को बनाए रखने में मदद करता है।
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दक्षिणमुखी घर स्वास्थ्य के लिए हो सकता है अच्छा
जब घर चुनने की बात आती है, तो कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जिनमें से एक महत्वपूर्ण कारक घर का उन्मुखीकरण हो सकता है। वास्तु के अनुसार दक्षिण मुखी घर के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। इसके फायदों की बात करें तो एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि दक्षिणमुखी घर स्वास्थ्य और धन के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसे घरों में सूर्य की किरणें घर में प्रवेश करती हैं और सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं।
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सफलता और संपत्ति के द्वार खोलता है
वास्तु के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यदि दक्षिणमुखी भवन को औद्योगिक कार्यालय माना जाए तो यह सफलता और समृद्धि का सबसे शक्तिशाली स्रोत है। यही कारण है कि, कई बार, ऐसे व्यक्तियों को दक्षिण मुखी घर के वास्तु के लिए सलाह दी जाती है,जो वास्तव में काफी दिनों से सफलता से दूर हों। इस घर का सकारात्मक पहलू सूर्य की रोशनी को माना जाता है जो घर को ऊर्जावान बनाती है।
दक्षिण मुखी घर इन प्रोफेशन के लिए हो सकता है शुभ
एक दक्षिण मुखी घर कई लोगों के लिए एकदम उपयुक्त हो सकते हैं। दक्षिण दिशा को सूर्य से बहुत अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है, इसे उच्च ऊर्जा क्षेत्र भी माना जाता है। वास्तु के अनुसार जो लोग जनसंपर्क, मीडिया और फिल्म जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं उन्हें दक्षिण मुखी घर में ऊर्जा की खोज में सहायता मिलती है। यह एक उत्पादक ऊर्जा क्षेत्र माना जाता है, यह आपको कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करता है।
इसके अलावा आपकी कुंडली में मंगलकी मजबूत उपस्थिति दक्षिणमुखी घर को आपकी ऊर्जा के लिए सही क्षेत्र बनाती है। आप में से जिनकी मंगल स्थिति अच्छी है, वे दक्षिणमुखी घर में सदैव सुखी रह सकते हैं।
दक्षिण मुखी घर का नकारात्मक पहलू
- अगर ऐसे घरों के नकारात्मक पहलुओं की बात की जाए तो दक्षिण मुखी घर गर्मी के महीनों में बहुत गर्म हो सकते हैं। यह किचन या बेडरूम के लिए भी अच्छे नहीं माने जाते हैं।ऐसे घरों में चूंकि घर का स्थान दक्षिण दिशा में होता है, इसलिए यह पानी, आग या शत्रुओं से होने वाले नुकसान के प्रति अधिक संवेदनशील होता है।
- वास्तु के अनुसार कभी -कभी दक्षिणमुखी घर में क्रोध और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जो आगे चलकर समस्याएं ला सकती हैं।
- इस तरह के घरों के मुखिया की सेहत के लिए खतरा होता है, लेकिन यदि इन घरों के मुख्य द्वार के निकट कोई बड़ा वृक्ष लगा दिया जाए तो खतरा काफी ताला जा सकता है।
वास्तव में एक ही सिक्के के दो पहलू होते हैं इस वजह से दक्षिण मुख्य घर को पूरी तरह से नकारात्मक नहीं कहा जा सकता है बल्कि इसके सकारात्मक प्रभाव ज्यादा देखने को मिलते हैं।
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